जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली ने मकराना के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को राहत देते हुए दुष्कर्म मामले में 10 साल की सजा के आदेश को चुनौती देने पर सजा को स्थगित कर अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान के मकराना से पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को दुष्कर्म के 20 साल पुराने में 10 साल जेल साथ ही उन पर 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया था.
पूर्व विधायक राजपुरोहित के खिलाफ मकराना थाना इलाके की महिला ने 1 मई, 2002 को दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. इस पर महिला ने कोर्ट इस्तगासा के जरिए मामला दर्ज करवाया था. घटना के वक्त पूर्व विधायक की उम्र 66 साल और महिला की उम्र 22 साल थी. अब भंवरलाल 86 साल के हो चुके हैं जबकि पीड़िता की उम्र भी 43 साल हो चुकी है.
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महिला ने रिपोर्ट में बताया था कि 29 अप्रैल, 2002 को वह दोपहर को करीब 3 बजे भंवरलाल राजपुरोहित के कुंए पर गई थी. इस दौरान भंवरलाल ने उसे कमरे के अंदर बुलाया और दुष्कर्म किया था. मामले में सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश मकराना ने आरोपी भंवरलाल को 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माने के आदेश दिए थे. जिसके खिलाफ भवंरलाल ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपील पेश की. इस पर कोर्ट ने सजा को स्थगित करते हुए अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार कर नोटिस जारी किए हैं.
पीड़िता की पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजन राम मनोहर डूडी ने मामले को लेकर बताया था कि पूर्व विधायक के रेप करने के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी. इसके बाद मुलजिम ने पीड़िता के 7 महीने के गर्भ का जबरन गर्भपात करवाया दिया था.पीड़िता ने आरोप लगाया था कि रेप करने के बाद पूर्व विधायक ने उसे 500 रुपए दिए थे. हालांकि पीड़िता ने इन रुपयों को पूर्व विधायक के घर पर ही फेंक दिया था.