जोधपुर. शनिवार को जिले के आसोप कस्बे में ट्रेलर और कार की भिड़ंत में दो पुलिसकर्मी समेत कार चालक की मौत हो गई. वहीं, चालक राजू देवासी की मौत के करीब 11 घंटे बाद उसे बेटा हुआ. लेकिन दुख की बात यह रही कि वो अपने बेटे का मुंह भी नहीं देख सका और उसे उसकी 11 साल की बेटी ने मुखाग्नि दी. असल में पिता की मौत के बाद राजू अपने घर का इकलौता पुरुष था. राजू की मां ने उसका पालन-पोषण किया और शादी के बाद उसे एक के बाद एक कुल तीन बेटियां हुई, लेकिन उसे बेटे की दिली हसरत थी. इसको लेकर वो अपनी पत्नी से अक्सर बातें भी किया करता था और उसे अपनी मन की बातें भी बताता था. लेकिन जब उसे बेटा हुआ तो वो उसे देख भी नहीं सका. बेटे के जन्म के 11 घंटे पहले ही उसकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई.
हादसे के दौरान राजू आसोप थाने के पुलिसकर्मियों को कार में बैठाकर नागौर लेकर जा रहा था. तभी सामने से आ रहे ट्रेलर ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में राजू देवासी और एक पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई तो एक अन्य पुलिसकर्मी ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया.राजू की शादी 12 साल पहले हुई थी. उसकी तीन बेटियां हैं. वहीं, शनिवार को जब दुर्घटना हुई तो उस समय उसकी पत्नी शिपु देवी को अस्पताल में प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती करवाया गया था, जहां उसने बेटे को जन्म दिया. लेकिन उससे पहले ही सड़क हादसे में राजू की मौत हो गई थी.
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राजू की पत्नी शिपु देवी ने बताया कि वह अपने पति का इंताजर कर रही थी, लेकिन वो नहीं आए. बेटे के जन्म के काफी देर बाद उसे उसके पति की मौत की खबर दी गई. पति की मौत के बाद से ही शिपु का रो-रोकर बुरा हाल है. शिपु देवी ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं और उनके पति को बेसब्री से बेटा का इंतजार था, लेकिन पति बेटे का मुंह देखे बिना ही इस दुनिया को अलविदा कह गए. शिपु ने बताया कि उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी और तीन बेटियां हैं, जिनके नाम दिलखुश (11 ), डिम्पल (7 ) और रीना (1) है. इधर, राजू की मौत के बाद उसके गांव में मातम पसरा है.