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कोरोना के कर्मवीर: चिकित्सक दंपत्ती जुटा सेवा में, 35 दिन से नहीं हो पाई बेटे-बेटियों से मुलाकात

कोरोना के संक्रमण को रोकने की लड़ाई में अग्रिम पक्ति के योद्धाओं में डॉक्टर सबसे आगे खड़े हैं. ऐसे ही योद्धाओं में भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवा देने वाले डॉक्टर दीपक माथुर और उनकी पत्नी डॉ. वनिता माथुर शामिल हैं. लगभग 35 दिन गुजर गए, लेकिन पति-पत्नी की बेटे, बेटियों और परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई है. केवल फोन और सोशल मीडिया से ही एक दूसरे की खैर-खबर ले रहे हैं.

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35 दिन से नहीं हो पाई बेटे- बेटियों से मुलाकात
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Published : Apr 18, 2020, 12:13 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ उपखण्ड के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चिकित्सक दंपत्ती कोरोना के कर्मवीर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लगभग 35 दिन गुजर गए, लेकिन पति-पत्नी की बेटे, बेटियों और परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई है. केवल फोन और सोशल मीडिया से ही एक दूसरे की खैर-खबर ले रहे हैं.

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35 दिन से नहीं हो पाई बेटे- बेटियों से मुलाकात

कोरोना के संक्रमण को रोकने की लड़ाई में अग्रिम पक्ति के योद्धाओं में डॉक्टर सबसे आगे खड़े हैं. ऐसे ही योद्धाओं में भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवा देने वाले डॉक्टर दीपक माथुर और उनकी पत्नी डॉ. वनिता माथुर शामिल हैं. ऐसे में अचानक लॉकडाउन होने के बाद इन चिकित्सक दंपति का अपने घर जोधपुर जाने का मौका ही नहीं मिला. लगातार अस्पताल परिसर और अपने रूम पर भी आने वाले सभी मरीजों की जांच कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

पढ़ेंः भारत सरकार की परमिशन का इंतजार, हम अपने लोगों को लाने के लिए बिल्कुल तैयारः खाचरियावास

डॉक्टर दीपक माथुर ने बताया कि, 14 मार्च को वह अपने परिजनों से मिल कर आए थे. उसके बाद लगातार क्षेत्र में अस्पताल परिसर में मरीजों की देखरेख कर रहे हैं. दीपक माथुर को भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर का प्रभारी बनाया हुआ है. इसके साथ ही वो कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग गांवो में होने वाले डोर-टू-डोर सर्वे के स्वास्थ्य कार्मिकों का प्रभारी बनकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ उपखण्ड के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चिकित्सक दंपत्ती कोरोना के कर्मवीर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लगभग 35 दिन गुजर गए, लेकिन पति-पत्नी की बेटे, बेटियों और परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई है. केवल फोन और सोशल मीडिया से ही एक दूसरे की खैर-खबर ले रहे हैं.

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कोरोना के संक्रमण को रोकने की लड़ाई में अग्रिम पक्ति के योद्धाओं में डॉक्टर सबसे आगे खड़े हैं. ऐसे ही योद्धाओं में भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवा देने वाले डॉक्टर दीपक माथुर और उनकी पत्नी डॉ. वनिता माथुर शामिल हैं. ऐसे में अचानक लॉकडाउन होने के बाद इन चिकित्सक दंपति का अपने घर जोधपुर जाने का मौका ही नहीं मिला. लगातार अस्पताल परिसर और अपने रूम पर भी आने वाले सभी मरीजों की जांच कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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डॉक्टर दीपक माथुर ने बताया कि, 14 मार्च को वह अपने परिजनों से मिल कर आए थे. उसके बाद लगातार क्षेत्र में अस्पताल परिसर में मरीजों की देखरेख कर रहे हैं. दीपक माथुर को भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर का प्रभारी बनाया हुआ है. इसके साथ ही वो कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग गांवो में होने वाले डोर-टू-डोर सर्वे के स्वास्थ्य कार्मिकों का प्रभारी बनकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

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