जोधपुर. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा (Divya Maderna Targets gehlot government) है. उन्होंने कहा कि सरकार असमंजस के दौर में चल रही है, यह जनता भी देख रही है. क्योंकि पिछले दिनों हुए राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने खुद एक सवाल के जवाब में कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री और काम करेंगे या नहीं यह सोनिया गांधी तय करेगी. इससे साफ जाहिर है कि सरकार पर एक क्वेश्चन मार्क लगा हुआ. इस प्रश्न चिन्ह के साथ आप सरकार नहीं चला सकते, इसको लेकर स्थित साफ होना बहुत जरूरी है यह सिर्फ सचिन पायलट कैंप के लिए जितनी जरूरी है उतनी ही बाकी सब के लिए भी आवश्यक है.
दिव्या मदेरणा ने कहा कि असमंजस की स्थिति सिर्फ सचिन पायलट कैंप में नहीं है पूरे राजस्थान की है. सब यह बात कर रहे हैं कि आब्जर्वर 2 दिन में आएंगे, 4 दिन में आएंगे. 19 अक्टूबर को चुनाव के बाद आएंगे. उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल भी कह चुके है सीएम के चेहरे को लेकर स्थिति साफ होगी. हालत यह हैं कि एक कैबिनेट मंत्री को यह कहना पड़ रहा है कि ब्रोकेड्स उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. उनका कहना नहीं मान रहे हैं. उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी है. विधायक ने इसे "लेम डक सिचुएशन" करार दिया है.
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दोनो पार्टियों में स्थिति रोचक: अशोक गहलोत के पीएम मोदी के बीच के हाल ही के वाकिए को लेकर कहा कि इससे पहले कभी भी प्रधानमंत्री को अशोक गहलोत के साथ इतनी मधुर नहीं देखा है. मदेरणा ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान की राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही स्थिति बहुत रोचक है. हालांकि दिव्या ने बुधवार को पायलट के दिए बयान को सीधे तौर पर सीएम पद के लिए उनके मजबूत दावे को लेकर पूछे सवाल पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. लेकिन कहा कि असमंजस की स्थिति सचिन पायलट खेल में ही नहीं अलबत्ता पूरे राजस्थान में हैं.
अनुसाशनहीनता जिन्होंने देखी, निर्णय उनको ही करना है: पिछले दिनों के घटनाक्रम में पार्टी में अनुसाशनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्यवाही के सवाल पर दिव्या ने पायलट का समर्थन करते हुए कहा कि कार्यवाही जरूर होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने हाईकमान को चुनौती दी है. दिव्या ने इस बात को लेकर हैरत भी जताई कि जिन लोगों ने ऐसा किया वह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को गुलदस्ता देने में सबसे आगे थे. दिव्या ने कहा जिन तीन लोगों के खिलाफ अनुशासनहीनता के नोटिस जारी हुए हैं, वह अनुशासनहीनता अगर किसी ने देखी है तो वह तब के सीनियर आब्जर्वर मलिकार्जुन खरड़े थे और उनको ही इस पर अब निर्णय लेना है.