जोधपुर. आसाराम के उपचार को लेकर उनके समर्थक दो गुटों में बंट गए हैं. एक गुट चाहता है कि आसाराम का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से हो, जबकि दूसरा गुट वर्तमान स्थिति के अनुरूप एलोपैथिक को सही ठहरा रहा है. साथ ही आसाराम को बड़े सेंटर में शिफ्ट करने की मांग कर रहा है. गुरुवार को हाईकोर्ट में आसाराम के उपचार को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. इसके लिए दिल्ली से आए अधिवक्ता रामचंद्र भट्ट से एलोपैथिक पद्धति से उपचार कराने का समर्थन कर रहे आसाराम के समर्थकों ने मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन भट्ट उनसे नहीं मिले. इसी को लेकर कहासुनी की स्थिति बन गई.
आरोप है कि बीच बचाव के लिए आए अधिवक्ता भट्ट के सहयोगी वकील विजय साहनी से समर्थकों ने मारपीट की. इस मामले में कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया. थानाधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि वकील साहनी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया है. इधर, हिरासत में लिए गए डॉ. कपिल भोला ने कहा कि आसाराम की जो वर्तमान स्थिति है, उसके अनुरूप उनका एलोपैथिक उपचार जरूरी है. उनके शरीर में लगातार खून की कमी हो रही है. ऐसी स्थिति में आयुर्वेद पद्धति से उपचार संभव नहीं है.
इसे भी पढ़ें - सात दिन से एम्स में चल रहा आसाराम का उपचार, धूमिल हुई कोर्ट से राहत की उम्मीद
इसी मसले को लेकर हम अधिवक्ता भट्ट से मिलना चाहते थे, ताकि वो कोर्ट में एलोपैथिक उपचार के लिए राहत की मांग करें. हालांकि, वो बात करने को राजी नहीं हुए. उल्टे उनकी रिकॉर्डिंग की जाने लगी. इस दौरान हंगामा हो गया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई.
समर्थक लगा चुके हैं ये आरोप : आसाराम के कई समर्थक पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो उनको बाहर नहीं आना देना चाहते हैं. वो जानबूझकर गलत निर्णय ले रहे हैं, जिसके चलते उनको कोर्ट से राहत नहीं मिल रही है. वहीं, आसाराम की जेल में लगातार तबीयत खराब हो रही है. हिंदू राष्ट्रीय सेना के सचिव बम बम ठाकुर भी आरोप लगाने वालों में शामिल हैं.
अभी चल रहा है एलोपैथिक उपचार : आसाराम बीते 9 जनवरी से जोधपुर एम्स में भर्ती है. हार्ट की परेशानी होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका एंजियोग्राफी भी की गई. अब एंजियोप्लास्टी होनी है, लेकिन ब्लड लॉस हो रहा है. इसके चलते एंडोस्कोपी हुई है. साथ ही उन्हें ब्लड चढ़ाया जा रहा है. वहीं, समर्थकों का एक धड़ा एलोपैथिक उपचार के लिए दिल्ली या मुंबई के बड़े अस्पताल ले जाने की मांग कर रहा है.