जोधपुर. एडीजे महिला उत्पीड़न प्रकरण अदालत की पीठासीन अधिकारी डॉ मनीषा चौधरी ने महिला को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में देवर और उसके बेटे को दोषी मानते हुए दस दस साल की सजा के आदेश दिये है. अपर लोक अभियोजक श्रवणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिवादी अशोक लोहिया ने सरदारपुरा पुलिस थाने में 19 मार्च 2005 को रिपोर्ट पेश की थी.
जिसमें बताया कि उसके चाचा श्रीनाथ लोहिया और उसका बेटा प्रमोद लोहिया ने उसकी माता मधु लोहिया को धमकियां दी और धमकी भरी चिट्टी भेजी और समाज में बदनाम करने की बात कही. मधु लोहिया ने घबरा कर जहर की गोलिया खाली थी. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है. अपर लोक अभियोजक ने राजपुरोहित ने कोर्ट के समक्ष कहा कि मामला अत्यन्त ही गम्भीर प्रकृति का है.
अभियुक्तगण का आचरण मृतका के प्रति क्रूर और मानवीय गरिमा को भंग करने वाला रहा है. अपराध की गंभीरता को देखते हुए सख्त से सख्त सजा दी जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी श्रीनाथ लोहिया और उसके बेटे प्रमोद लोहिया को दस दस साल की सजा और एक एक लाख रूपये का जुर्माना देने का आदेश सुनाया.