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मां के हाथों शौर्य चक्र विजेता कर्नल संग्राम सिंह की मूर्ति का लोकार्पण, बोली-गर्व है बेटे पर - रेगिस्तान का मुस्तफा

जोधपुर में कर्नल संग्राम सिंह भाटी की प्रतिमा का अनावरण उनकी मां सुगन कंवर ने (Col Sangram Singh Bhati statue unveiled in Jodhpur) किया. इस मौके पर वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने जो किया, उस पर उन्हें गर्व है. बता दें कि शौर्य चक्र विजेता संग्राम सिंह ने 16 मार्च, 1999 को चार आतंकियों को मौत के घाट उतारा था.

Col Sangram Singh Bhati statue unveiled in Jodhpur by her mother
मां के हाथों शौर्य चक्र विजेता कर्नल संग्राम सिंह की मूर्ति का लोकार्पण, बोली-गर्व है बेटे पर
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Published : Nov 22, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 11:34 PM IST

जोधपुर. कारगिल युद्ध से ठीक पहले कश्मीर के बोबन वस्तर में भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ झड़प करने वाले कर्नल संग्राम सिंह भाटी की प्रतिमा का मंगलवार को लोकार्पण किया (Col Sangram Singh Bhati statue in Jodhpur) गया. 16 मार्च, 1999 को हुई मुठभेड़ में मेजर संग्राम सिंह भाटी ने चार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था. इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया था.

साल 2018 में बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था. जोधपुर के ओसियां के टापू निवासी संग्राम सिंह भाटी की मां सुगन कंवर और पत्नी पूजा सिंह के हाथों उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया. इस मौके वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने जो किया, उस पर मुझे गर्व है. मां की बच्चों को शिक्षा देने में अहम भूमिका होती है. इस मौके पर राज्य सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि कर्नल संग्राम सिंह भाटी ने हमेशा अपनी बहादुरी का परिचय दिया था.

कर्नल संग्राम सिंह की मूर्ति का लोकार्पण

पढ़ें: 3 दिन में सीएम गहलोत के 4 अहम फैसले, शौर्य चक्र प्राप्त सैनिकों को फ्री यात्रा और जनगणना समिति के गठन की घोषणा

जब वे मेजर थे, तब उन्होंने आतंकवादियों को मार गिराया था. वे 10 पैरा से थे. उसके सीओ भी रहे थे. इस मौके पर जोधपुर टेन पैरा की टुकड़ी उनके सम्मान में मौजूद रही. साथ ही 12 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत व नगर निगम महापौर दक्षिण वनिता सेठ सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

पढ़ें: जाेधपुर: शौर्य चक्र विजेता शहीद गंगाराम चौधरी का मनाया गया 27वां शहादत दिवस

जेहादी बन कर किया आतंकियों का सफाया: कर्नल भाटी को रेगिस्तान का मुस्तफा भी कहा जाता था. उनके कई बहादुरी के किस्से हैं. 2003 में वे 4 दिन तक एक जिहादी बहरूपिया बनकर लश्कर के कैंप में शामिल हुए थे. 4 दिन बाद उन्होंने अपने साथी अफसर के साथ खास ऑपरेशन को अंजाम दिया और लश्कर के आतंकियों का खात्मा किया था. उनके दादा स्वर्गीय सूबेदार खेत सिंह ने दूसरे विश्व युद्ध में जोधपुर सरदार इन्फेंट्री की ओर से भाग लिया था. उनके पिता स्वर्गीय कर्नल श्याम सिंह ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में विशेष भूमिका निभाई थी.

जोधपुर. कारगिल युद्ध से ठीक पहले कश्मीर के बोबन वस्तर में भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ झड़प करने वाले कर्नल संग्राम सिंह भाटी की प्रतिमा का मंगलवार को लोकार्पण किया (Col Sangram Singh Bhati statue in Jodhpur) गया. 16 मार्च, 1999 को हुई मुठभेड़ में मेजर संग्राम सिंह भाटी ने चार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था. इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया था.

साल 2018 में बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था. जोधपुर के ओसियां के टापू निवासी संग्राम सिंह भाटी की मां सुगन कंवर और पत्नी पूजा सिंह के हाथों उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया. इस मौके वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने जो किया, उस पर मुझे गर्व है. मां की बच्चों को शिक्षा देने में अहम भूमिका होती है. इस मौके पर राज्य सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि कर्नल संग्राम सिंह भाटी ने हमेशा अपनी बहादुरी का परिचय दिया था.

कर्नल संग्राम सिंह की मूर्ति का लोकार्पण

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जब वे मेजर थे, तब उन्होंने आतंकवादियों को मार गिराया था. वे 10 पैरा से थे. उसके सीओ भी रहे थे. इस मौके पर जोधपुर टेन पैरा की टुकड़ी उनके सम्मान में मौजूद रही. साथ ही 12 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत व नगर निगम महापौर दक्षिण वनिता सेठ सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

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जेहादी बन कर किया आतंकियों का सफाया: कर्नल भाटी को रेगिस्तान का मुस्तफा भी कहा जाता था. उनके कई बहादुरी के किस्से हैं. 2003 में वे 4 दिन तक एक जिहादी बहरूपिया बनकर लश्कर के कैंप में शामिल हुए थे. 4 दिन बाद उन्होंने अपने साथी अफसर के साथ खास ऑपरेशन को अंजाम दिया और लश्कर के आतंकियों का खात्मा किया था. उनके दादा स्वर्गीय सूबेदार खेत सिंह ने दूसरे विश्व युद्ध में जोधपुर सरदार इन्फेंट्री की ओर से भाग लिया था. उनके पिता स्वर्गीय कर्नल श्याम सिंह ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में विशेष भूमिका निभाई थी.

Last Updated : Nov 22, 2022, 11:34 PM IST
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