जोधपुर. नगर निगम उत्तर व दक्षिण के करीब चार हजार से ज्यादा सफाई कर्मी सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते आज शहर में कहीं पर सफाई नहीं हुई है. नगर निगम के बाहर यह सफाईकर्मी धरना देकर बैठे हैं. इनकी सबसे महतवपूर्ण मांग यह है कि सफाई कर्मियों की भर्ती में अन्य जाति के उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी जाए. सिर्फ वाल्मिकी जाति के लोगों को ही नियुक्त किया जाए. इतना ही नहीं सफाई कर्मियों के पद पर नियुक्त होकर जो लोग अन्य काम रहे हैं. उनको उनके मूल कार्य के लिए वापस लगाया जाए.
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जयपुर समझौते को मानने से इंकार कियाः अपनी उपरोक्त मांगों को लेकर सफाई कर्मियों ने जोधपुर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप कर दी है. जोधपुर के सफाईकर्मियों ने जयपुर में हुए समझतौते को मानने से इंकार किया है. जिसमें सफाई कर्मियों की भर्ती में 66 फीसदी पद वाल्मिकी समाज से भरने पर सहमति हुई थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें सौ फीसदी से कम पर समझौता मंजूर नहीं है. दूसरी ओर रविवार को शहर में सफाई नहीं हुई थी. सोमवार को भी कचरा नहीं उठा तो कई जगह पर कचरे के ढेर लग गए हैं. हड़ताल लंबी चली तो परेशानी और बढे़गी.
अनिश्चतकालीन हड़तालः सफाईकर्मी नेता नरेश कंडारा का कहना है कि जोधपुर सफाई कर्मियों के आह्वान पर संभाग में जालौर, सिरेाही, जैतारण, बाड़मेर सहित कई नगर निकायों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हमारी यह हड़ताल अनिश्चतकालीन है. इससे आने वाले दिनों में जोधपुर की सफाई व्यवस्था और ज्यादा बिगडे़गी. जिसका पूरा जिम्मा सरकार पर होगा.
स्वर्ण नहीं कर रहे सफाईः सफाई कर्मियों का कहना है कि 2012 व 2018 में जो सफाई कर्मियों की भर्ती हुइ थी. उसमें इस काम में स्वर्ण जाति के लोग भी चयनित हुए थे, लेकिन वे सफाई का काम नहीं कर रहे हैं. वे अन्य कार्याें में लग गए हैं. ऐसे लोेगों को पुनः सफाई के काम में लगाया जाए. ऐसे कर्मियों को एक ही वार्ड में लगाएं जिससे वे सफाई का काम प्राथमिकता से करें. अन्यथा सफाईकर्मी के रूप में भर्ती होकर अन्य पद पर काम पर लग जाते हैं.