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जोधपुरः जैसलमेर से पलायन कर रहे मध्य प्रदेश के मजदूरों की भामाशाहों ने की सहायता

लॉकडाउन की वजह से सैकड़ों मजदूर जैसलमेर जिले से पलायन करके मध्यप्रदेश के लिए पैदल रवाना हुए. इनके लिए भामाशाहों की तरफ से जगह–जगह खाने पीने की व्यवस्था की जा रही हैं. साथ ही इसकी सूचना बालेसर उपखंड अधिकारी महावीर सिंह जोधा और बालेसर तहसीलदार आईदान पंवार को दी गयी.

जैसलमेर से मजदूर कर रहे पलायन, Laborers migrating from Jaisalmer
पलायन कर रहे मजदूरों की भामाशाहों ने की सहायता
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Published : Apr 17, 2020, 9:25 PM IST

Updated : Apr 18, 2020, 8:16 PM IST

शेरगढ़ (जोधपुर). बालेसर में जैसलमेर जिले से पैदल रतलाम (मध्यप्रदेश) जा रहे श्रमिकाें के बालेसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को इससे अवगत करवाया. जिसके बाद भामाशाहों और प्रशासन ने सभी मजदूरों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करवाई. साथ ही उनको मास्क का वितरण कर सेनेटाईज करवाया गया.

पलायन कर रहे मजदूरों की भामाशाहों ने की सहायता

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लगायेलाॅकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के आगे रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है. इसके चलते सैकड़ों मजदूर जैसलमेर जिले से पलायन करके मध्यप्रदेश के लिए पैदल रवाना हुए. इनके लिए भामाशाहों की तरफ से जगह–जगह खाने पीने की व्यवस्था की जा रही हैं. जैसलमेर के रामदेवरा से आये 40 सदस्यों का दल बालेसर पहुंचा तो समाजसेवी लोगों ने उनको बालेसर में रोककर नंगे पाव जा रही महिलाओं बच्चों को को चप्पल दिलवाये. उनके लिए खाने और चाय-पानी की व्यवस्था करवायी. साथ ही इसकी सूचना बालेसर उपखंड अधिकारी महावीर सिंह जोधा और बालेसर तहसीलदार आईदान पंवार को दी गयी.

पढ़ेंः COVID-19: मास्क नहीं तो सामान नहीं, राजस्थान सरकार ने जारी की गाइडलाइन

वहीं मजदूरों ने बताया की वे रामदेवरा सहित आसपास के गांवों में फसल कटाई का कार्य करते थे. वहां से उनका काम पूरा होने पर उन्हें निकाल दिया गया. वहां पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं होने के कारण पैदल ही अपने राज्य रतलाम (मध्यप्रदेश) के लिए रवाना हो गये हैं. इस मौके दीपाराम माली, ओमप्रकाश सोनी, धीरपुरा
सरपंच गोविन्दराम यादव, पपुराम कच्छहावा, जबराराम प्रजापत, गोरधनसिंह तेना, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रकाश गहलोत,यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पारस सहित लोगों ने उनके लिए व्यवस्था करवायी.

शेरगढ़ (जोधपुर). बालेसर में जैसलमेर जिले से पैदल रतलाम (मध्यप्रदेश) जा रहे श्रमिकाें के बालेसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को इससे अवगत करवाया. जिसके बाद भामाशाहों और प्रशासन ने सभी मजदूरों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करवाई. साथ ही उनको मास्क का वितरण कर सेनेटाईज करवाया गया.

पलायन कर रहे मजदूरों की भामाशाहों ने की सहायता

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लगायेलाॅकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के आगे रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है. इसके चलते सैकड़ों मजदूर जैसलमेर जिले से पलायन करके मध्यप्रदेश के लिए पैदल रवाना हुए. इनके लिए भामाशाहों की तरफ से जगह–जगह खाने पीने की व्यवस्था की जा रही हैं. जैसलमेर के रामदेवरा से आये 40 सदस्यों का दल बालेसर पहुंचा तो समाजसेवी लोगों ने उनको बालेसर में रोककर नंगे पाव जा रही महिलाओं बच्चों को को चप्पल दिलवाये. उनके लिए खाने और चाय-पानी की व्यवस्था करवायी. साथ ही इसकी सूचना बालेसर उपखंड अधिकारी महावीर सिंह जोधा और बालेसर तहसीलदार आईदान पंवार को दी गयी.

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वहीं मजदूरों ने बताया की वे रामदेवरा सहित आसपास के गांवों में फसल कटाई का कार्य करते थे. वहां से उनका काम पूरा होने पर उन्हें निकाल दिया गया. वहां पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं होने के कारण पैदल ही अपने राज्य रतलाम (मध्यप्रदेश) के लिए रवाना हो गये हैं. इस मौके दीपाराम माली, ओमप्रकाश सोनी, धीरपुरा
सरपंच गोविन्दराम यादव, पपुराम कच्छहावा, जबराराम प्रजापत, गोरधनसिंह तेना, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रकाश गहलोत,यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पारस सहित लोगों ने उनके लिए व्यवस्था करवायी.

Last Updated : Apr 18, 2020, 8:16 PM IST
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