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आसाराम समर्थकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, CBI जांच की मांग - jodhpur news

शुक्रवार को आसाराम सर्मथकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. समर्थकों का आरोप है कि इस पूरे मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की मिलीभगत के कारण आसाराम को सजा हुई है.

Asaram supporters submitted memorandum
आसाराम समर्थकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jan 10, 2020, 3:34 PM IST

जोधपुर. अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के समर्थकों ने शुक्रवार को जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की सीबीआई से जांच करवाने की गुहार लगाई. आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत फसाया गया. हालांकि न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है.

आसाराम समर्थकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन...

समर्थकों का आरोप है कि इस पूरे मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की मिलीभगत के कारण आसाराम को सजा हुई है. साथ ही इस मामले में आज भी कई ऐसे पहलू हैं, जो न्यायालय के समक्ष नहीं रखे गए. कई मामले पुलिस प्रशासन के सामने नही आए हैं. ऐसे में आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों की सजा दी गई है.

आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर से इस मामले में उचित कार्रवाई करवाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को आश्रम में गलत काम करते भी पकड़ा गया था. ऐसे लोगों की गवाही को आधार बनाना भी न्याय की दृष्टि से सही नहीं है.

पढ़ें- जयपुर: दुष्कर्मी सौतेले पिता को आजीवन कारावास

इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने और आईपीसी की धाराओं में सजा सुनाए जाने के फैसले को लेकर भी समर्थकों ने सवाल खड़े करते हुए इस संबंध में उचित कार्रवाई करवाने की गुहार लगाई. समर्थकों का कहना है कि इसके बाद भी षडयंत्र करता लगातार आसाराम के आश्रम को सुनियोजित ढंग से ट्रस्टों को बदलकर कब्जा कर रहे हैं. इससे साफ होता है कि आसाराम के साथ रहने वाले भी इस षड्यंत्र में शामिल है. ऐसे में इन मामलों की सीबीआई से जांच करवाई जाए ताकि इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके.

जोधपुर. अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के समर्थकों ने शुक्रवार को जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की सीबीआई से जांच करवाने की गुहार लगाई. आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत फसाया गया. हालांकि न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है.

आसाराम समर्थकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन...

समर्थकों का आरोप है कि इस पूरे मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की मिलीभगत के कारण आसाराम को सजा हुई है. साथ ही इस मामले में आज भी कई ऐसे पहलू हैं, जो न्यायालय के समक्ष नहीं रखे गए. कई मामले पुलिस प्रशासन के सामने नही आए हैं. ऐसे में आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों की सजा दी गई है.

आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर से इस मामले में उचित कार्रवाई करवाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को आश्रम में गलत काम करते भी पकड़ा गया था. ऐसे लोगों की गवाही को आधार बनाना भी न्याय की दृष्टि से सही नहीं है.

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इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने और आईपीसी की धाराओं में सजा सुनाए जाने के फैसले को लेकर भी समर्थकों ने सवाल खड़े करते हुए इस संबंध में उचित कार्रवाई करवाने की गुहार लगाई. समर्थकों का कहना है कि इसके बाद भी षडयंत्र करता लगातार आसाराम के आश्रम को सुनियोजित ढंग से ट्रस्टों को बदलकर कब्जा कर रहे हैं. इससे साफ होता है कि आसाराम के साथ रहने वाले भी इस षड्यंत्र में शामिल है. ऐसे में इन मामलों की सीबीआई से जांच करवाई जाए ताकि इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके.

Intro:जोधपुर
अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के समर्थकों ने आज जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की सीबीआई से जांच करवाने की गुहार लगाई। आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत फसाया गया। हालांकि न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है । समर्थकों का आरोप है कि इस पूरे मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की मिलीभगत के कारण आसाराम को सजा हुई है। साथ ही इस मामले में आज भी कई ऐसे पहलू है जो ना तो न्यायालय के समक्ष नही रखे गए। कई मामले पुलिस प्रशासन के सामने नही आए हैं । ऐसे में आसाराम को एक षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों की सजा दी गई है। Body:आसाराम के समर्थकों ने जिला कलेक्टर से इस मामले में उचित कार्रवाई करवाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की ।साथ ही यह भी आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को आश्रम में गलत काम करते भी पकड़ा गया था । ऐसे लोगों की गवाही को आधार बनाना भी न्याय की दृष्टि से सही नहीं है।  इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने और आईपीसी की धाराओं में सजा सुनाए जाने के फैसले को लेकर भी समर्थकों ने सवाल खड़े करते हुए इस संबंध में उचित कार्रवाई करवाने की गुहार लगाई। समर्थकों का कहना है  कि इसके बाद भी षडयंत्र करता लगातार आसाराम के आश्रम को सुनियोजित ढंग से ट्रस्टों को बदलकर कब्जा कर रहे हैं। इससे साफ होता है कि आसाराम के साथ रहने वाले भी इस षड्यंत्र में शामिल है। ऐसे में इन मामलों की सीबीआई से जांच करवाई जाए ताकि इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।


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