जोधपुर. पावटा सर्कल के पास किसान भवन के सामने शुक्रवार रात सेना के वाहन की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई थी (army vehicle crushed man in Jodhpur). महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर सूरसागर विधायक की अगुवाई में सिंधी समाज के लोगों ने धरना दिया और सड़क जाम कर दी है. परिजनों ने पचास लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक नौकरी की मांग रखी है.
विधायक सूर्यकांता व्यास भी लोगों के साथ हैं. उन्होंने दावा किया है कि मांगे तो मनवाएंगे इसके लिए कलेक्टर से बात की है. साथ ही कहा है कि इसमें कोई राजनीति न हो. परिवार का लालन पालन करने वाला चला गया है. उसे न्याय मिलना चाहिए. इधर सड़क पर धरना और जाम के चलते पुलिस का भी भारी जाप्ता मौके पर तैनात किया गया है. परिजन धनाक्षी ने बताया कि परिवार में एक ही आदमी कमाने वाला था अब कोई हमारे घर में कमाने वाला नहीं है इसलिए हमें सरकार से आर्थिक सहायता चाहिए.
क्या हुआ था?: शुक्रवार शाम को तेज गति से लापरवाही से आए सेना के ट्रक ने मोपेड सवार एक व्यक्ति को कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई. मोपेड सहित कुछ फुट तक घसीटने से उसका एक साथी घायल हो गया था. थानाधिकारी लेखराज सिहाग ने बताया कि मृतक की पहचान चौपासनी हाउसिंग बोर्ड तीसरा पुलिया निवासी राजेश पुत्र कोडेमल सिंधी और घायल की पहचान मथुरा हाल जोधपुर निवासी अशोक पुत्र रामखिलाड़ी के रूप में हुई थी.
ट्रक ने कुछ दूर तक घसीटा: दोनों रात को 7.45 बजे मोपेड पर पावटा सर्कल से होकर रेलवे पार्सल गोदाम लौट रहे थे. किसान भवन के सामने पहुंचे तो पीछे से आए सेना के ट्रक ने मोपेड को चपेट में ले लिया. मोपेड चालक राजेश सिंधी गिर गया तो ट्रक ने उसे कुचल दिया. अशोक व मोपेड को सेना का ट्रक कुछ दूरी तक घसीटते ले गया. आस-पास के लोगों के चिल्लाने पर चालक ने ट्रक रोका. लोगों ने ट्रक घेर लिया था. पुलिस ने घायल को अस्पताल भेजा और सेना के वाहन को उदयमंदिर थाने ले गई. वाहन चालक को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था.
आश्वासन के बाद समाप्त हुआ धरना
महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर चल रहे धरने को लेकर प्रशासन ने परिवार को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा. सरकार से मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मदद दिलवाने के अलावा सामाजिक अधिकारिता विभाग की योजनाओं से परिवार को जोड़ा जाएगा. परिवार के पास चिरंजीवी योजना का रजिस्ट्रेशन नहीं था, ऐसे में तत्काल 5,00,000 की सहायता नहीं मिल पाई. प्रशासन की पहल पर धरना खत्म करने पर सहमति बनी और परिजनों ने शव के पोस्टमार्टम की अनुमति दे दी.