ETV Bharat / state

स्पेशल: जोधपुर के महिला महाविद्यालय में लगाई जाएगी 'हवा से नमी सोखकर पानी पिलाने वाली मशीन' - Air water making machine jodhpur

जोधपुर के महिला पीजी महाविद्यालय में अत्याधुनिक मशीन लगाई जा रही हैं. इस मशीन की खासियत है की ये हवा में से नमी को सोखकर पानी बनाएगी. बताया जा रहा है कि राजस्थान में इस तरह की यह पहली मशीन है.

Air water making machine jodhpur, एयर ओ वाटर तकनीक जोधपुर
नमी सोखकर पानी पिलाने वाली मशीन
author img

By

Published : Feb 8, 2020, 11:17 PM IST

जोधपुर. हवा की नमी सोख कर पानी पिलाने वाली मशीनें पश्चिमी देशों में सामान्य रूप से लगाई जाती है, क्योंकि वहां ज्यादातर समय हवा में आद्रता की मात्रा अत्यधिक होती है. राजस्थान में इस तरह की पहली मशीन जोधपुर के महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही है.

एयर ओ वाटर तकनीक पर काम करने वाली इस मशीन की क्षमता 30 लीटर पानी प्रतिदिन बनाने की क्षमता है. इस मशीन के लिए हवा में 40 से 50 फीसदी आद्रता की आवश्यकता होती है. खास बात यह भी है कि पानी नही बनने के दौरान इसका उपयोग सामान्य आरओ की तरह भी किया जा सकता है. इस मशीन की कीमत 59 हजार रुपए है. महिला पीजी महाविद्यालय को यह महिला महाविद्यालय को यह मशीन गैर सरकारी संगठन मरू पर्यावरण संरक्षण संस्थान (डेको) की ओर से भेंट की गई है.

नमी सोखकर पानी पिलाने वाली मशीन

डेको के अध्यक्ष श्यामलाल हर्ष ने बताया कि इस मशीन का यहां सफल प्रयोग होने के बाद संस्थान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर जिलों के दूर दराज के इलाकों जहां पीने के पानी संकट रहता है वहां लगाएगा. जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके. महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही मशीन की क्षमता 30 लीटर है, यानी कि यह है प्रतिदिन हवा में मौजूद नमी को सोखकर 30 लीटर पानी देगी.

पढ़ें- भीलवाड़ा : नुक्कड़ नाटक के जरिए टीकाकरण अभियान का प्रचार-प्रसार

खास बात यह है कि इस मशीन से जो पानी मिलेगा वह पूरी तरह से पूरी तरह से शुद्ध होगा उसमें किसी तरह का संक्रमण या वायरस का असर नहीं होगा. यह मशीन एयर ओ वाटर टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जो वातावरण में मौजूद आद्रता को सोखती है. इस मशीन में 5 फिल्टर लगे हुए हैं. जिसके जरिए पानी फिल्टर होता है. जिससे नमी मौजूद बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं और साफ और पानी बाहर आता है. खास बात यह है कि मशीन की क्षमता 1000 लीटर तक बढ़ाई भी जा सकती है.

जोधपुर. हवा की नमी सोख कर पानी पिलाने वाली मशीनें पश्चिमी देशों में सामान्य रूप से लगाई जाती है, क्योंकि वहां ज्यादातर समय हवा में आद्रता की मात्रा अत्यधिक होती है. राजस्थान में इस तरह की पहली मशीन जोधपुर के महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही है.

एयर ओ वाटर तकनीक पर काम करने वाली इस मशीन की क्षमता 30 लीटर पानी प्रतिदिन बनाने की क्षमता है. इस मशीन के लिए हवा में 40 से 50 फीसदी आद्रता की आवश्यकता होती है. खास बात यह भी है कि पानी नही बनने के दौरान इसका उपयोग सामान्य आरओ की तरह भी किया जा सकता है. इस मशीन की कीमत 59 हजार रुपए है. महिला पीजी महाविद्यालय को यह महिला महाविद्यालय को यह मशीन गैर सरकारी संगठन मरू पर्यावरण संरक्षण संस्थान (डेको) की ओर से भेंट की गई है.

नमी सोखकर पानी पिलाने वाली मशीन

डेको के अध्यक्ष श्यामलाल हर्ष ने बताया कि इस मशीन का यहां सफल प्रयोग होने के बाद संस्थान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर जिलों के दूर दराज के इलाकों जहां पीने के पानी संकट रहता है वहां लगाएगा. जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके. महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही मशीन की क्षमता 30 लीटर है, यानी कि यह है प्रतिदिन हवा में मौजूद नमी को सोखकर 30 लीटर पानी देगी.

पढ़ें- भीलवाड़ा : नुक्कड़ नाटक के जरिए टीकाकरण अभियान का प्रचार-प्रसार

खास बात यह है कि इस मशीन से जो पानी मिलेगा वह पूरी तरह से पूरी तरह से शुद्ध होगा उसमें किसी तरह का संक्रमण या वायरस का असर नहीं होगा. यह मशीन एयर ओ वाटर टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जो वातावरण में मौजूद आद्रता को सोखती है. इस मशीन में 5 फिल्टर लगे हुए हैं. जिसके जरिए पानी फिल्टर होता है. जिससे नमी मौजूद बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं और साफ और पानी बाहर आता है. खास बात यह है कि मशीन की क्षमता 1000 लीटर तक बढ़ाई भी जा सकती है.

Intro:


Body:जोधपुर हवा की नमी शोख कर पानी पिलाने वाली मशीनें पश्चिमी देशों में सामान्य रूप से लगाई जाती है। क्योंकि वहां ज्यादातर समय हवा में आद्रता की मात्रा अत्यधिक होती है। राजस्थान में इस तरह की पहली मशीन जोधपुर के महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही है। एयरओ वाटर तकनीक पर काम करने वाली इस मशीन की क्षमता 30 लीटर पानी प्रतिदिन बनाने की क्षमता है। इस मशीन के लिए हवा में 40 से 50 फीसदी आद्रता की आवश्यकता होती है। खास बात यह भी है कि पानी नही बनने के दौरान इसका उपयोग सामान्य आरओ की तरह भी किया जा सकता है। इस मशीन की कीमत 59 हजार रुपए है। महिला पीजी महाविद्यालय को यह महिला महाविद्यालय को यह मशीन गैर सरकारी संगठन मरू पर्यावरण संरक्षण संस्थान (डेको )की ओर से भेंट की गई है डेको के अध्यक्ष श्यामलाल हर्ष ने बताया कि इस मशीन का यहां सफल प्रयोग होने के बाद संस्थान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर जिलों के दूर दराज के इलाकों जहां पीने के पानी संकट रहता है वहाँ लगाएगा। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। महिला पीजी महाविद्यालय में लगाई जा रही मशीन की क्षमता 30 लीटर है यानी कि यह है प्रतिदिन हवा में मौजूद नमी को सोखकर 30 लीटर पानी देगी । खास बात यह है कि इस मशीन से जो पानी मिलेगा वह पूरी तरह से पूरी तरह से शुद्ध होगा उसमें किसी तरह का संक्रमण या वायरस का असर नहीं होगा यह मशीन एयरओ वाटर टेक्नोलॉजी पर काम करती है जो वातावरण में मौजूद आद्रता को सोखती है इस मशीन में पांच फिल्टर लगे हुए हैं जिसके जरिए पानी फिल्टर होता है जिससे नमी मौजूद बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं और साफ और पानी बाहर आता है। खास बात यह है कि मशीन की क्षमता 1000 लीटर तक बढ़ाई भी जा सकती है। बाईट डॉ श्यामलाल हर्ष, अध्यक्ष डेको


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.