जोधपुर. माता का थान थाना क्षेत्र में शनिवार शाम को बीच सड़क पर हुई वकील जुगराज चौहान की हत्या का मामला अभी तक नहीं सुलझा है. मंगलवार को चौथे दिन भी शव का निस्तारण नहीं हो सका. मंगलवार को भी अधिवक्ता धरने पर रहे. आज भी वकीलों ने मोर्चरी के बाहर जाम लगाया. इससे पहले सोजती गेट पर रैली निकाल कर वकीलों ने प्रदर्शन कर सड़क पर जाम लगा दिया जिससे यातायात व्यवस्था बिगड़ गई. इससे शहरवासियों काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
खास बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में वकीलों की मुख्यमंत्री से बात होने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से किसी अफसर मौके पर पहुंचकर वार्ता नहीं की. इससे वकील और ज्यादा आक्रोशित हो गए और उन्होंने आंदोलन तेज करने का आह्वान किया. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ सर्किट हाउस में हुई बातचीत के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया था कि सोमवार को परिजनों से बात कर उचित निर्णय लिया जाएगा, लेकिन पूरा दिन निकलने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि जब तक परिजनों की मांगें नहीं मानी जातीं तब तक कार्य बहिष्कार करेंगे.
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आमजन परेशान, प्रशासन मौन
जुगराज चौहान की हत्या के बाद पुलिस ने दोनों हत्यारों को शनिवार रात ही गिरफ्तार कर लिया लेकिन रविवार को मोर्चरी में शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों ने सहमति नहीं दी. इसके बाद से गतिरोध बना हुआ है. इस हत्या को लेकर परिजनों की मांग है की परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, एक नौकरी के अलावा परिवार को पुलिस सुरक्षा देने की मांग कर रखी है. इसके चलते सोमवार शाम को वकीलों के मोर्चरी के बाहर जाम लगाने से पूरे शहर की यातयात व्यवस्था चरमरा गई. मंगलवार को भी चार घंटे से जाम और प्रदर्शन से आम जन परेशान हैं, लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
बीच सड़क पर मारे थे चाकू
वकील जुगराज शनिवार शाम भदवासिया अस्पताल के पास मोटरसाइकिल पर जा रहे थे. उस दौरान अनिल और मुकेश ने रोक कर पहले उनसे मारपीट की और फिर चाकू से कई वार किए. फिर सिर पर पत्थर से हमला कर दिया. इसके बाद दोनों मौके से भाग गए. हालांकि पुलिस ने शनिवार रात को ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पक्षों से लंबे समय से पुरानी रंजिश चल रही है.
अजमेर में भी वकीलों में आक्रोश, कलेक्टर का घेराव किया
अजमेर में जेएलएन अस्पताल में पार्किंग शुल्क विवाद को लेकर वकील पर हुए हमले के मामले वकीलों में आक्रोश फैल गया है. घटना से भड़के वकीलों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर चैंबर का घेराव कर दिया. वकीलों की मांग थी कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में प्राणघातक हमले की धारा 307 भी जोड़ी जाए.
वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को हल्के में लेते हुए आरोपी को महज शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया था जबकि वकील अमीन काठात के सिर पर गंभीर चोट आई है. वकीलों ने जेएलएन अस्पताल में पार्किंग ठेके की भी जांच की मांग उठाई है. उनका आरोप है कि जेएलएन अस्पताल में जब अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा है तो फिर अस्पताल परिसर में पार्किंग ठेके पर क्यों दी गई है. एडीएम सिटी भावना गर्ग और वृताधिकारी छवि शर्मा ने वकीलों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वकील अपनी मांग पर अड़े रहे. आखिरकार मामले में धारा 307 जोड़े जाने के आश्वासन के बाद वकील लौट गए.
प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
राजस्थान राजस्व मंडल के अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह नरूका ने कहा कि प्रदेश में वकीलों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. पिछले दिनों जोधपुर में एक वकील की निर्ममता से हत्या कर दी गई. यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अजमेर में जेएलएन अस्पताल में पार्किंग ठेकेदार के लोगों ने राजस्व मंडल के एक वकील अमीन काठात के साथ मारपीट की जिसमें उनके सिर पर गंभीर चोट आई है. नरूका ने कहा कि वकील लंबे समय से सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि जोधपुर में 16 फरवरी को अभिभाषक की हत्या कर दी गई। अभिभाषक की डिमांड को आज तक पूरा नहीं किया गया. नरूका ने कहा कि सरकार असंवेदनशील हो चुकी है. 5 दिन से बॉडी मोर्चरी में रखी हुई है, लेकिन सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही. उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है.
जयपुर में वकीलों ने किया न्यायिक बहिष्कार
जोधपुर में वकील जुगराज सिंह चौहान की हत्या के विरोध में शहर के अधिवक्ता मंगलवार को भी न्यायिक बहिष्कार पर रहे. इस दौरान हाईकोर्ट सहित सभी अधीनस्थ अदालतों में वकीलों ने मुकदमों में पैरवी नहीं की. वकीलों ने हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर अधिवक्ता सुरक्षा कानून बनाने की मांग की. न्यायिक कार्य के बहिष्कार के चलते हाईकोर्ट, जयपुर मेट्रो प्रथम, जयपुर मेट्रो द्वितीय, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट व सांगानेर कोर्ट में न्यायिक कामकाज पूरी तरह से ठप रहा. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के महासचिव बलराम वशिष्ठ ने राज्य सरकार से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग की है.