जोधपुर. जिले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से संचालित काजरी जोधपुर का मंगलवार को 61वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. शुष्क क्षेत्र में किसानों के लिए काम कर रही काजरी की जोधपुर में स्थापना 1959 में हुई थी. इन 60 वर्षों में काजरी ने जोधपुर और पश्चिम राजस्थान के अलावा देश के अन्य सूखे क्षेत्रों में भी काम किया है.
इसके अलावा लद्दाख में भी एक केंद्र स्थापित कर लिया है. जहां किसानों के लिए उन्नत बीज और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. जोधपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में काजरी के मौजूदा निदेशक ओपी यादव ने कहा कि बीता एक दशक काजरी के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण रहा है. इस दौरान कई तरह की तकनीकों का जन्म काजरी के वैज्ञानिकों ने किया है.
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उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में काजरी कार्य कर रही है. इस मौके पर काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अब तक के हुए कार्यों का विवरण भी दिया. समारोह में काजरी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.
इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने कहा कि आईआईटी जोधपुर किसानों के लिए काजरी का सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. गौरतलब है कि 60 साल की यात्रा में काजरी ने किसानों के लिए विकसित की गई तकनीकों में कई पेटेंट भी करवाए है.
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हालांकि प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहे हरजीराम बुरड़क ने काजरी की मौजूदगी पर सवाल भी उठाए है. लेकिन इसके बावजूद काजरी के वैज्ञानिक अपने काम को पूरी शिद्दत से कर रहे है. यहीं कारण है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने संस्थानों में काजरी को सवश्रेष्ठ का दर्जा दिया है.