ETV Bharat / state

60 साल की हुई जोधपुर की "काजरी", 61वां स्थापना दिवस मनाया - आईआईटी जोधपुर

जोधपुर में मंगलवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से काजरी जोधपुर का मंगलवार को 61वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. इस मौके पर काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अब तक के हुए कार्यों का विवरण भी दिया.

Indian Council of Agricultural Research, जोधपुर की खबर
author img

By

Published : Oct 1, 2019, 5:47 PM IST

जोधपुर. जिले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से संचालित काजरी जोधपुर का मंगलवार को 61वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. शुष्क क्षेत्र में किसानों के लिए काम कर रही काजरी की जोधपुर में स्थापना 1959 में हुई थी. इन 60 वर्षों में काजरी ने जोधपुर और पश्चिम राजस्थान के अलावा देश के अन्य सूखे क्षेत्रों में भी काम किया है.

इसके अलावा लद्दाख में भी एक केंद्र स्थापित कर लिया है. जहां किसानों के लिए उन्नत बीज और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. जोधपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में काजरी के मौजूदा निदेशक ओपी यादव ने कहा कि बीता एक दशक काजरी के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण रहा है. इस दौरान कई तरह की तकनीकों का जन्म काजरी के वैज्ञानिकों ने किया है.

पढ़ें- अनुच्छेद 370: केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता पर 14 नवंबर से होगी सुनवाई

उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में काजरी कार्य कर रही है. इस मौके पर काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अब तक के हुए कार्यों का विवरण भी दिया. समारोह में काजरी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.

60 साल की हुई जोधपुर की "काजरी"

इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने कहा कि आईआईटी जोधपुर किसानों के लिए काजरी का सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. गौरतलब है कि 60 साल की यात्रा में काजरी ने किसानों के लिए विकसित की गई तकनीकों में कई पेटेंट भी करवाए है.

पढ़ें- दौसा में एनएच 21 पर बड़ा सड़क हादसा, 5 लोगों की मौत, 10 गंभीर घायल

हालांकि प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहे हरजीराम बुरड़क ने काजरी की मौजूदगी पर सवाल भी उठाए है. लेकिन इसके बावजूद काजरी के वैज्ञानिक अपने काम को पूरी शिद्दत से कर रहे है. यहीं कारण है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने संस्थानों में काजरी को सवश्रेष्ठ का दर्जा दिया है.

जोधपुर. जिले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से संचालित काजरी जोधपुर का मंगलवार को 61वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. शुष्क क्षेत्र में किसानों के लिए काम कर रही काजरी की जोधपुर में स्थापना 1959 में हुई थी. इन 60 वर्षों में काजरी ने जोधपुर और पश्चिम राजस्थान के अलावा देश के अन्य सूखे क्षेत्रों में भी काम किया है.

इसके अलावा लद्दाख में भी एक केंद्र स्थापित कर लिया है. जहां किसानों के लिए उन्नत बीज और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. जोधपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में काजरी के मौजूदा निदेशक ओपी यादव ने कहा कि बीता एक दशक काजरी के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण रहा है. इस दौरान कई तरह की तकनीकों का जन्म काजरी के वैज्ञानिकों ने किया है.

पढ़ें- अनुच्छेद 370: केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता पर 14 नवंबर से होगी सुनवाई

उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में काजरी कार्य कर रही है. इस मौके पर काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अब तक के हुए कार्यों का विवरण भी दिया. समारोह में काजरी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.

60 साल की हुई जोधपुर की "काजरी"

इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने कहा कि आईआईटी जोधपुर किसानों के लिए काजरी का सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. गौरतलब है कि 60 साल की यात्रा में काजरी ने किसानों के लिए विकसित की गई तकनीकों में कई पेटेंट भी करवाए है.

पढ़ें- दौसा में एनएच 21 पर बड़ा सड़क हादसा, 5 लोगों की मौत, 10 गंभीर घायल

हालांकि प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहे हरजीराम बुरड़क ने काजरी की मौजूदगी पर सवाल भी उठाए है. लेकिन इसके बावजूद काजरी के वैज्ञानिक अपने काम को पूरी शिद्दत से कर रहे है. यहीं कारण है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने संस्थानों में काजरी को सवश्रेष्ठ का दर्जा दिया है.

Intro:Body:जोधपुर काजरी का 61 वां स्थापना दिवस मनाया


जोधपुर ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित काजरी जोधपुर का मंगलवार को 61 वा स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया शुष्क क्षेत्र में किसानों के लिए काम कर रही कादरी की जोधपुर में स्थापना 1959 में हुई थी इन 60 वर्षों में कादरी ने जोधपुर व पश्चिम राजस्थान के अलावा देश के अन्य सूखा क्षेत्र में भी काम किया है इसके अलावा लद्दाख मैं भी एक केंद्र स्थापित कर लिया है जहां किसानों के लिए उन्नत बीज व तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं जोधपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में काजरी के मौजूदा निदेशक ओपी यादव ने कहा कि बीते एक दशक काजरी के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण रहा है इस दौरान कई तरह की तकनीकों का जन्म काजरी के वैज्ञानिकों ने किया है।
उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में कादरी कार्य कर रही है इस मौके पर कादरी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अब तक के हुए कार्यों का विवरण भी दिया समारोह में कादरी के मौजूदा व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने कहां की आईआईटी जोधपुर किसानों के लिए कादरी का सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा। गौरतलब है कि 60 साल की यात्रा में काजरी ने किसानों के लिए विकसित की गई तकनीकों में कईयों का पेटेंट भी करवाया है । हालांकि प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहे हरजीराम बुरड़क ने काजरी की मौजूदगी पर सवाल भी उठा चुके है। लेकिन इसके बावजूद काजरी के वैज्ञानिक अपने काम को पूरी शिद्दत से कर रहे है। यही कारण है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने संस्थानों में काजरी को सवश्रेष्ठ का दर्जा दिया है।
बाईट 1 डॉ ओपी यादव,निदेशक काजरी
Bite 2 वरिष्ट वैज्ञानिक, काजरीConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.