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जोधपुर में बिना निगम के क्षेत्र में बढ़ोतरी के बनेंगे 35 नए वार्ड

राजस्थान में राज्य सरकार ने नगरीय निकायों को परिसीमन करने के आदेश जारी किए हैं. इसके तहत जोधपुर नगर निगम में अब 65 की जगह 100 वार्ड बनाए जाएंगे. जोधपुर में बिना निगम के क्षेत्र में बढ़ोतरी के 35 नए वार्ड बनाने के आदेश

जोधपुर नगर निगम
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Published : Jun 12, 2019, 5:49 PM IST

जोधपुर. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश के नगरीय निकायों को परिसीमन करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत जोधपुर नगर निगम में अब 65 की जगह 100 वार्ड होंगे. नए 35 वार्ड मौजूदा वार्डों में ही काट छांट कर ही बनाए जाएंगे.

जोधपुर में बिना निगम के क्षेत्र में बढ़ोतरी के बनेंगे 35 नए वार्ड

प्रदेश सरकार की नई अधिसूचना के तहत अब नए हिस्से जो निगम क्षेत्र में नहीं है उनको फायदा नहीं मिलेगा. खास तौर से कुडी, रामेश्वर नगर जैसे इलाके जहां शहरी आबादी बस गई है उस क्षेत्र को नगर निगम की सुविधाएं नहीं मिलेगी. हालांकि मौजूदा पार्षद सरकार के इस फैसले से खुश है. उनका कहना है कि इससे वार्ड छोटे होंगे तो काम आसान होंगे. जिन वार्डों में 40 हजार मतदाता है उनकी संख्या कम होगी तो निगम की पहुंच भी बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जोधपुर निगम के चुनाव भी हैं. ऐसे में यह इस व्यवस्था का राजनीतिक फायदा भी होगा, क्योंकि राजनीतिक दलों को ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लडाने का मौका मिलेगा. इससे प्रत्यक्ष रूप से चुने जाने वाले महापौर के प्रत्याशी को भी फायदा होगा.

बजट बढ़ने से लोगों को होगा लाभ
दस लाख की जनसंख्या वाले जोधपुर शहर का नगर निगम अभी प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपए का काम करवा रहा है, लेकिन इसमें कई वार्ड तो किलोमीटर में फैले हैं तो कुछ गली मौहल्ले में ही खत्म हो जाते हैं. वर्तमान में वार्ड वार बजट दिया जाता है वार्ड कितना छोटा बडा है. इसको लेकर कोई प्रावधान नहीं है. वार्ड बढ़ने से इस व्यवस्था में फायदा होगा. नए वार्डों के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी करना होगा. वहीं दूसरी ओर नगर निगम के मुख्य सचेतक प्रदीप बेनिवाल का कहना है कि सरकार को वार्ड के बजाय निगम का क्षेत्र बढ़ाना चाहिए था जिससे आस पास के नगर व कॉलोनियों को भी निगम की सुविधाएं मिलती.

निगम पर बढ़ेगा खर्च का दबाव
वहीं महापौर घनश्याम ओझा नए वार्ड बनने के लाभ के साथ नुकसान भी बताते हैं उनका कहना है कि इससे निगम को अपना स्टाफ बढ़ाना हेागा. वार्ड प्रभारी नियुक्त करने होंगे अतिरिक्त बजट आवंटन सहित अन्य खर्चें बढ़ जाएंगे जबकि निगम की आमदनी सीमित है.

जोधपुर. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश के नगरीय निकायों को परिसीमन करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत जोधपुर नगर निगम में अब 65 की जगह 100 वार्ड होंगे. नए 35 वार्ड मौजूदा वार्डों में ही काट छांट कर ही बनाए जाएंगे.

जोधपुर में बिना निगम के क्षेत्र में बढ़ोतरी के बनेंगे 35 नए वार्ड

प्रदेश सरकार की नई अधिसूचना के तहत अब नए हिस्से जो निगम क्षेत्र में नहीं है उनको फायदा नहीं मिलेगा. खास तौर से कुडी, रामेश्वर नगर जैसे इलाके जहां शहरी आबादी बस गई है उस क्षेत्र को नगर निगम की सुविधाएं नहीं मिलेगी. हालांकि मौजूदा पार्षद सरकार के इस फैसले से खुश है. उनका कहना है कि इससे वार्ड छोटे होंगे तो काम आसान होंगे. जिन वार्डों में 40 हजार मतदाता है उनकी संख्या कम होगी तो निगम की पहुंच भी बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जोधपुर निगम के चुनाव भी हैं. ऐसे में यह इस व्यवस्था का राजनीतिक फायदा भी होगा, क्योंकि राजनीतिक दलों को ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लडाने का मौका मिलेगा. इससे प्रत्यक्ष रूप से चुने जाने वाले महापौर के प्रत्याशी को भी फायदा होगा.

बजट बढ़ने से लोगों को होगा लाभ
दस लाख की जनसंख्या वाले जोधपुर शहर का नगर निगम अभी प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपए का काम करवा रहा है, लेकिन इसमें कई वार्ड तो किलोमीटर में फैले हैं तो कुछ गली मौहल्ले में ही खत्म हो जाते हैं. वर्तमान में वार्ड वार बजट दिया जाता है वार्ड कितना छोटा बडा है. इसको लेकर कोई प्रावधान नहीं है. वार्ड बढ़ने से इस व्यवस्था में फायदा होगा. नए वार्डों के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी करना होगा. वहीं दूसरी ओर नगर निगम के मुख्य सचेतक प्रदीप बेनिवाल का कहना है कि सरकार को वार्ड के बजाय निगम का क्षेत्र बढ़ाना चाहिए था जिससे आस पास के नगर व कॉलोनियों को भी निगम की सुविधाएं मिलती.

निगम पर बढ़ेगा खर्च का दबाव
वहीं महापौर घनश्याम ओझा नए वार्ड बनने के लाभ के साथ नुकसान भी बताते हैं उनका कहना है कि इससे निगम को अपना स्टाफ बढ़ाना हेागा. वार्ड प्रभारी नियुक्त करने होंगे अतिरिक्त बजट आवंटन सहित अन्य खर्चें बढ़ जाएंगे जबकि निगम की आमदनी सीमित है.

Intro:जोधपुर। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश के नगरीय  निकायों को परिसीमन करने के आदेश जारी कर दिए। जिसके तहत जोधपुर नगर निगम में अब 65 की जगह 100 वार्ड होंगे। नए 35 वार्ड मौजूदा वार्डों में ही काट छांट कर ही बनाए जाएंगे, यानी की शहर के नए हिस्से जो निगम क्षेत्र में नहीं है उनको फायदा नहीं मिलेगा। खास तौर से कुडी, रामेश्वर नगर जैसे इलाके जहां शहरी आबादी बस गई है उस क्षेत्र को नगर निगम की सुविधाएं नहीं मिलेगी। हालांकि मौजूदा पार्षद सरकार के इस फैसले से खुश है। उनका कहना है कि इससे वार्ड छोटे होंगे तो काम आसान होंगे और जिन वार्डों में 40 हजार मतदाता है उनकी संख्या कम होगी तो निगम की पहुंच भी बढेगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जोधपुर निगम के चुनाव भी है। ऐसे में यह इस व्यवस्था का राजनीतिक फायदा भी होगा क्योंकि राजनीतिक दलों को ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लडाने का मौका मिलेगा जिससे प्रत्यक्ष रूप से चुने जाने वाले महापौर के प्रत्याशी को भी फायदा होगा।
बजट बढेगा तो होगा फायदा
दस लाख की जनसंख्या वाले जोधपुर शहर का नगर निगम अभी प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपए का काम करवा रहा है। लेकिन इसमें कई वार्ड तो किलोमीटर में फैले हैं तो कुछ गली मौहल्ले में ही खत्म हो जाते हैं। वर्तमान में वार्ड वार बजट दिया जाता है वार्ड कितना छोटा बडा है इसको लेकर कोई प्रावधान नहीं है। वार्ड बढने से इस व्यवस्था में फायदा होगा। नए वार्डों के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी करना होगा। 



Body:क्षेत्र बढने से होता ज्यादा फायदा
तो दूसरी और नगर निगम के मुख्य सचेतक प्रदीप बेनिवाल का कहना है कि सरकार को वार्ड के बजाय निगम का क्षेत्र बढाना चाहिए था जिससे आस पास के नगर व कॉलोनियों को भी निगम की सुविधाएं मिलती। 
बढेगा निगम का खर्च
वहीं महापौर घनश्याम ओझा नए  वार्ड बनने के लाभ के साथ नुकसान भी बताते हैं उनका कहना है कि इससे निगम को अपना स्टाफ बढाना हेागा। वार्ड प्रभारी नियुक्त करने होंगे अतिरिक्त बजट आवंटन सहित अन्य खर्चें बढ जाएंगे जबकि निगम की आमदनी सीमित है।

बाईट 1 चैनसिंह इंदा, पार्षद
बाईट 2 रणजीत सिंह निर्वाण, पार्षद
बाईट 3 किशोरसिंह टाक, पार्षद
बाईट 4 प्रदीप बेनिवाल, मुख्य सचेतक नगर निगम
बाईट 5 घनश्याम ओझा, महापौर नगर निगम जोधपुर


Conclusion:
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