जोधपुर. जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष तोप तैयार हुई है. देसी बोफोर्स के नाम से जानी जाने वाली यह तोप मंगलवार दोपहर 3 बजे आर्मी को सौंपी जाएगी.
पाकिस्तान से तनाव के बीच मंगलवार को भारतीय सेना की ताकत में बढ़ोतरी होने जा रही है. सेना को करीब 32 साल बाद नई स्वदेशी तोप धनुष मिल रही है. देसी बोफोर्स तोप के नाम से मशहूर धनुष तोप 40 किलोमीटर तक मार कर सकती है. सेना को फिलहाल 6 धनुष तोप दी जाएगी. अगले साल मार्च तक 12 और तोपें मिल जाएगी. धनुष तोप को पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर तैनात किया जाएगा. इसकी पहली रेजीमेंट जोधपुर स्थित कोणार्क कोर को मिलने की संभावना है.
जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएस) ने धनुष तोप तैयार की है. मंगलवार दोपहर 3 बजे एक समारोह में आयुष निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ कुमार आर्मी को धनुष तोप सौपेंगे. जीसीएस ने 6 तोप का इंस्पेक्शन नोट तैयार किया है. ऐसे में 6 तोप ही मिलने की संभावना है. सेना ने आयुध निर्माण बोर्ड को 114 धनुष तोप तैयार करने का ऑर्डर दिया है.
ये खूबियां है धनुष तोप में:
- 38 किमी दूरी तक मारक क्षमता
- 30 सैकेण्ड में तीन राउण्ड फायर
- 3 से 70 डिग्री तक घुमाव
- 13 टन है तोप का वजन
- 16 करोड़ तोप की कीमत
- 81 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी
वर्तमान में पाक से निपटने के लिए स्वीडिश बोफोर्स तोपें बॉर्डर पर तैनात है. जो 1987 में सेना में शामिल हुई थी. धनुष भारत की पहली लंबी दूरी की स्वदेशी तोप है. पिछले साल जून में राजस्थान के पोकरण में इसका आखिरी परीक्षण किया गया था. राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर बॉर्डर के साथ जम्मू कश्मीर और ऊंचे इलाकों में धनुष तोप की तैनाती की जाएगी. मंगलवार को हम सेना को 6 धनुष तोप दे देंगे और अगले साल तक 12 तोप और दे देंगे.
155 MM-45 MM कैलिबर की तोप:
इसके 81 फीसदी पुर्जे भारत में ही बने हैं. सिक्किम और लेह के ठंडे, ओडिशा के गर्म और नमी और राजस्थान के गर्म मौसम में इसका परीक्षण किया जा चुका है. सभी जगह यह तोप सफल रही है. धनुष 155 एमएम-45 एमएम कैलिबर की तोप है. इसकी स्ट्राइक रेंज 38 किलोमीटर है.
इलेक्ट्रॉनिक गन लेयिंग और साइटिंग सिस्टम के चलते यह बोफोर्स तोप से 11 किलोमीटर अधिक दूर तक निशाना लगा सकती है. धनुष तोप पर अमरीका से आयातित M-777 होवित्जर गन और कोरिया से आयातित के-9 व्रज गन लगाई जाएगी.