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झुंझुनू: धड़ल्ले से ओवरलोडिंग और अवैध खनिज परिवहन, ट्रांसपोर्टर्स ने किया प्रदर्शन

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Published : Feb 27, 2020, 6:45 PM IST

राज्य सरकार की मनाही के बावजूद झुंझुनू के खेतड़ी में धड़ल्ले से ओवरलोडिंग और अवैध खनिज परिवहन हो रहा है. जिसके विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर अपने स्तर पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी.

झुंझुनू की खबर, overload transport
प्रदर्शन करने पहुंचे ट्रांसपोटर्स

खेतड़ी (झुंझुनू). क्षेत्र में राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए ओवरलोडिंग और अवैध खनिज परिवहन हो रहा है. चेजा पत्थर, रोड़ी, टीबा बसई नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन होकर क्षमता से ज्यादा ओवरलोड वाहन दिन-रात दौड़ रहे हैं.

ट्रांसपोटर्स ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया प्रदर्शन

बताया जा रहा है कि करीब 200 वाहन बिना टीपी रवाना के दौड़ रहे हैं. राज्य सरकार के आदेशों के बावजूद ओवरलोड परिवहन और अवैध खनिज परिवहन को चलाया जा रहा है. इसकी वजह से तय सीमा में लोड लेकर चलने वाले वाहन मालिकों को परेशानी हो रही है.

पहले भी जता चुके हैं प्रशासन को

अवैध रूप से माइनिंग ओवरलोड कर राजस्थान से हरियाणा राज्य में जा रहे हैं. इसी संदर्भ में नागरिकों ने प्रशासन को पहले भी सतर्क किया है. लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

nagaur news, संयुक्त महासंघ का प्रदर्शन
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का प्रदर्शन

बता दें कि राजस्थान परिवहन विभाग के 1 जनवरी 2020 के आदेशों के मुताबिक, किसी भी परिवहन के ओवरलोड खनिज करते हुए पाए जाने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. जिसमें 1988 की धारा 196 के अंतर्गत संबंधित वाहन स्वामी, चालक, खान मालिक, ट्रांसपोर्ट्स एवं डीलर के विरुद्ध धारा 194 और दंडनीय कार्रवाई का प्रावधान है. इसके बावजूद भी खनिज विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में ट्रांसपोर्टरों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है.

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ओवरलोड वाहनों को दौड़ने और अवैध खनन तुरंत रूकवाए जाएं. ट्रांसपोटर्स का कहना है कि अगर पुलिस और प्रशासन को सूचित करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती तो मजबूरन उन्हें अपने स्तर पर कार्रवाई करनी होगी. इस बीच अगर कोई हादसा या शांति भंग होती है तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.

ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि इस संबंध में उपखंड मजिस्ट्रेट खेतड़ी, खनिज विभाग झुंझुनू और परिवहन विभाग खेतड़ी को लिखित और मौखिक में सूचित किया जा चुका है. लेकिन आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके कारण आम जनता में आक्रोश व्याप्त है. अब जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सूचित किया गया है.

पढ़ें: बलौदा गांव में फायरिंग का खुलासा, पुलिस ने बावरिया गैंग के तीन बदमाशों को किया गिरफ्तार

सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने किया प्रदर्शन

नागौर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के नेतृत्व में जिले के नेहरू पार्क में बैठक आयोजित की गई. बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में ये धरना किया गया.

सभी विभागों के कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्री मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

कर्मचारियों की मांगे इस प्रकार से हैं -

  1. सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की मांग
  2. नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग
  3. कर्मचारी कल्याण के लिए की गई घोषणा को क्रियान्वित करने की मांग
  4. महंगाई भत्ता, PPP, ठेका प्रथा निजीकरण और पदों की कटौती बंद करने की मांग
  5. रिक्त पदों की सीधी भर्ती की मांग

पढ़ें:पांचला सिद्धा में वीर तेजाजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, राजस्व मंत्री ने की 5 लाख रुपए देने की घोषणा

मामले में राम चौधरी ने बताया कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में कर्मचारी 'विरोध दिवस' के रूप में मना रहे हैं. वहीं पुरखाराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनाव से पहले किए गए वादे को भूल चुकी है. जिसके चलते मजबूरी में कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के बाद भी अगर सरकार की नींद नहीं खुली, तो 15 मार्च से बड़ा आंदोलन किया जाएगा. प्रदर्शन के दौरान पटवार संघ, कानूनगो संघ, ग्राम सेवक संघ, जलदाय कर्मचारी संघ, पशुपालन विभाग जैसे विभिन्न संगठनों मौजूद रहे.

खेतड़ी (झुंझुनू). क्षेत्र में राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए ओवरलोडिंग और अवैध खनिज परिवहन हो रहा है. चेजा पत्थर, रोड़ी, टीबा बसई नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन होकर क्षमता से ज्यादा ओवरलोड वाहन दिन-रात दौड़ रहे हैं.

ट्रांसपोटर्स ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया प्रदर्शन

बताया जा रहा है कि करीब 200 वाहन बिना टीपी रवाना के दौड़ रहे हैं. राज्य सरकार के आदेशों के बावजूद ओवरलोड परिवहन और अवैध खनिज परिवहन को चलाया जा रहा है. इसकी वजह से तय सीमा में लोड लेकर चलने वाले वाहन मालिकों को परेशानी हो रही है.

पहले भी जता चुके हैं प्रशासन को

अवैध रूप से माइनिंग ओवरलोड कर राजस्थान से हरियाणा राज्य में जा रहे हैं. इसी संदर्भ में नागरिकों ने प्रशासन को पहले भी सतर्क किया है. लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

nagaur news, संयुक्त महासंघ का प्रदर्शन
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का प्रदर्शन

बता दें कि राजस्थान परिवहन विभाग के 1 जनवरी 2020 के आदेशों के मुताबिक, किसी भी परिवहन के ओवरलोड खनिज करते हुए पाए जाने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. जिसमें 1988 की धारा 196 के अंतर्गत संबंधित वाहन स्वामी, चालक, खान मालिक, ट्रांसपोर्ट्स एवं डीलर के विरुद्ध धारा 194 और दंडनीय कार्रवाई का प्रावधान है. इसके बावजूद भी खनिज विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में ट्रांसपोर्टरों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है.

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ओवरलोड वाहनों को दौड़ने और अवैध खनन तुरंत रूकवाए जाएं. ट्रांसपोटर्स का कहना है कि अगर पुलिस और प्रशासन को सूचित करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती तो मजबूरन उन्हें अपने स्तर पर कार्रवाई करनी होगी. इस बीच अगर कोई हादसा या शांति भंग होती है तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.

ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि इस संबंध में उपखंड मजिस्ट्रेट खेतड़ी, खनिज विभाग झुंझुनू और परिवहन विभाग खेतड़ी को लिखित और मौखिक में सूचित किया जा चुका है. लेकिन आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके कारण आम जनता में आक्रोश व्याप्त है. अब जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सूचित किया गया है.

पढ़ें: बलौदा गांव में फायरिंग का खुलासा, पुलिस ने बावरिया गैंग के तीन बदमाशों को किया गिरफ्तार

सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने किया प्रदर्शन

नागौर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के नेतृत्व में जिले के नेहरू पार्क में बैठक आयोजित की गई. बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में ये धरना किया गया.

सभी विभागों के कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्री मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

कर्मचारियों की मांगे इस प्रकार से हैं -

  1. सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की मांग
  2. नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग
  3. कर्मचारी कल्याण के लिए की गई घोषणा को क्रियान्वित करने की मांग
  4. महंगाई भत्ता, PPP, ठेका प्रथा निजीकरण और पदों की कटौती बंद करने की मांग
  5. रिक्त पदों की सीधी भर्ती की मांग

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मामले में राम चौधरी ने बताया कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में कर्मचारी 'विरोध दिवस' के रूप में मना रहे हैं. वहीं पुरखाराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनाव से पहले किए गए वादे को भूल चुकी है. जिसके चलते मजबूरी में कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के बाद भी अगर सरकार की नींद नहीं खुली, तो 15 मार्च से बड़ा आंदोलन किया जाएगा. प्रदर्शन के दौरान पटवार संघ, कानूनगो संघ, ग्राम सेवक संघ, जलदाय कर्मचारी संघ, पशुपालन विभाग जैसे विभिन्न संगठनों मौजूद रहे.

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