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झुंझुनू में फिर मिलने के वादे के साथ लोहार्गल का वार्षिक लक्खी मेला संपन्न

तीर्थराज लोहार्गल स्थित बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का भव्य समापन हुआ. अमावस्या को लाखों श्रद्धालु सूर्यकुण्ड में स्नान करने उमड़े थे. इस दौरान आस्था और श्रद्धा के साथ ही हिम्मत और विश्वास का अनोखा मेल-जोल देखने को मिला.

लोहार्गल लक्खी मेला संपन्न, बाबा मालकेतु कोसीय परिक्रमा
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Published : Aug 31, 2019, 9:22 AM IST

नवलगढ़ (झुंझुनू). अरावली पर्वतश्रंखला की वादियों में पिछले 6दिनों से तीर्थराज लोहार्गल स्थित बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का शुक्रवार को सुखद समापन हुआ. बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र सूर्य कुण्ड के जल में अमावस्या को महास्नान किया. स्नान करने के बाद श्रद्धालु दुर्गम पहाड़ी पर स्थित बाबा मालखेत के दर्शन किए.

बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का भव्य समापन हुआ

लाखों श्रद्धालुओं ने गुरुवार देर शाम गोल्याना और लोहार्गल पहुंचकर मंदिरों में ही डेरा डाल लिया. रातभर मंदिरों और धर्माशालाओं में भजनों के कार्यक्रम हुए. साथ ही रात बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मालकेतु के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे.

पढ़ेंः कोटा: यूआईटी ट्रस्ट की बैठक, विकास कार्यों और हाउसिंग स्कीम्स पर की गई चर्चा

डीएसपी रामचंद्र मूण्ड, सीआई भगवानसहाय मीणा ने पूरी रात लगातार भीड़ को संभालनें का मोर्चा संभाले रखा. एक अनुमान के मुताबिक इस बार करीब 4-5 लाख श्रद्धालुओं ने अमावस्या का महास्नान किया है. राज्य के बाहर से भी लाखों श्रद्धालु परिक्रमा पूरी करके स्नान करने लोहार्गल पहुंचे थे. बता दें कि मौसम अनुकूल होने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला. स्नान करने के बाद श्रद्धालु सजी-धजी दुकानों से खरीदारी और मंदिरों में दान-पुण्य करते हुए घरों की तरफ लौट गए. इसके साथ ही आस्था और विश्वास का संगम 'लोहार्गल मेला' फिर मिलने के वादे के साथ संपन्न हो गया.

पढ़ेंः कोटा: बारिश बनी आफत, दुकानें हुई जलमग्न

पुलिस और प्रशासन की माकूल व्यवस्था भी मेले के दौरान काफी सराहनीय रही. स्वीकृति प्राप्त वाहनों के अलावा सभी गाड़ियों को गोल्याना चौराहे पर ही रोक‌ दिया गया. गंतव्य की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज की तरफ से गोल्याना में अस्थाई बस स्टैण्ड बनाया गया.

इन अधिकारियों का रहा विशिष्ट योगदान-

उपखण्ड स्तरीय सभी अधिकारियों ने मेले को सफल बनाने के लिए अपनी जी-जान झोंक दी. एसडीएम मुरारीलाल शर्मा, तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी, बीडीओ विक्रमसिंह राठौड़, पीईओ रामधन डूडी, सीआई भगवानसहाय मीणा, सरपंच घासीलाल स्वामी, ग्रामसेवक रणजीताराम सैनी और रोजगार सहायक सीताराम ने अंतिम 60 घण्टों में लगातार मेले पर पैनी नजर बनाई रखी. तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी गुरुवार को ही सेवानिवृत्त होने के बावजूद शुक्रवार दोपहर तक मेले में ड्यूटी देते रहे.

पढ़ेंः कोटा पहुंचे मंत्री खाचरियावास को कांग्रेसियों ने घेरा...बोले- सरकार में नहीं हो रही सुनवाई

भण्डारे और भजनों की रही भरमार-

लोहार्गल में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए भजन कार्यक्रम और भोजन के लिए भण्डारों की जमकर भरमार रही. शिव गोरा मन्दिर ट्रस्ट, रूपाणा धाम बालाजी भीमसर, खिरोड़ सेवा समिति, नाथ सेवा मण्डल रतनगढ़, इन्दोरिया परिवार और पाटोदिया समाज सहित करीब दो दर्जन जगह भण्डारा-प्रसाद की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही चेतनदास बावड़ी स्थित गोपाल मंदिर, बाबा गोपालदास सेवा समिति, सामुदायिक हॉल, ज्ञान वापी स्थित गणेश मंदिर, रामदेव मंदिर, सैनी मंदिर और मीन भगवान मंदिर में भजन कार्यक्रम हुए. शिव गोरा मंदिर गोल्याना में भजन और सम्मान समारोह हुआ. कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के मंत्री रामस्वरूप जलिन्द्रा ने किया. गणेश मंदिर पर प्रगतिशील कुमावत समिति की ओर से हुए कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेंद्र कुमावत और संतोष कुमावत ने किया.

पढ़ेंः कोटा छात्र संघ चुनाव 2019 : संयुक्त मोर्चा ने कहा- छात्रों के संघर्ष से लगातार जीत संभव

महिलाओं ने पत्थरों से बनाए घरौंदे-

इस दौरान काफी महिला श्रद्धालुओं ने मार्ग में कुछ जगह मिट्टी और अधिकांशतः पत्थरों से घरौंदे बनाए. ऐसा माना जाता कि महिला जैसा घरौंदा बनाती है वैसा ही उसे प्राप्त भी होता है. इन घरौंदों के प्रति महिलाओं की काफी गहरी आस्था देखने को मिलती है.

महिलाओं और पुरूषों के के स्नान क्षेत्र को किया अलग-

कलेक्टर रवि जैन के निर्देशन में इस बार सूर्यकुण्ड के बीचों बीच तिरपाल लगाने के साथ ही महिलाओं के स्नान क्षेत्र को अलग किया गया. इस तरह महिलाओं और पुरूषों के स्नान के लिए पृथक व्यवस्था हुई थी. इस पहल ने ऐसा काम किया कि इस बार चैन स्नेचिंग और मांदलिए टूटने की घटना देखने को नहीं मिली. मेले में आए श्रद्धालु और ग्राम पंचायत प्रशासन ने इस पहल के लिए जिला‌ कलक्टर रवि जैन को धन्यवाद किया.

पढ़ेंः हनुमान की हिरासत में मौत मामले पर पुलिस कर रही लीपापोती : वासुदेव देवनानी​​​​​​​

अब सूर्यकुण्ड की होगी सफाई-

पहले सावन में कावड़िए, उसके बाद 24कोसीय परिक्रमा और अमावस्या के कारण अब सूर्य कुण्ड के जल की विशेष सफाई की जाएगी. ताकी ऋषि पंचमी पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलेगा.

नवलगढ़ (झुंझुनू). अरावली पर्वतश्रंखला की वादियों में पिछले 6दिनों से तीर्थराज लोहार्गल स्थित बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का शुक्रवार को सुखद समापन हुआ. बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र सूर्य कुण्ड के जल में अमावस्या को महास्नान किया. स्नान करने के बाद श्रद्धालु दुर्गम पहाड़ी पर स्थित बाबा मालखेत के दर्शन किए.

बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का भव्य समापन हुआ

लाखों श्रद्धालुओं ने गुरुवार देर शाम गोल्याना और लोहार्गल पहुंचकर मंदिरों में ही डेरा डाल लिया. रातभर मंदिरों और धर्माशालाओं में भजनों के कार्यक्रम हुए. साथ ही रात बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मालकेतु के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे.

पढ़ेंः कोटा: यूआईटी ट्रस्ट की बैठक, विकास कार्यों और हाउसिंग स्कीम्स पर की गई चर्चा

डीएसपी रामचंद्र मूण्ड, सीआई भगवानसहाय मीणा ने पूरी रात लगातार भीड़ को संभालनें का मोर्चा संभाले रखा. एक अनुमान के मुताबिक इस बार करीब 4-5 लाख श्रद्धालुओं ने अमावस्या का महास्नान किया है. राज्य के बाहर से भी लाखों श्रद्धालु परिक्रमा पूरी करके स्नान करने लोहार्गल पहुंचे थे. बता दें कि मौसम अनुकूल होने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला. स्नान करने के बाद श्रद्धालु सजी-धजी दुकानों से खरीदारी और मंदिरों में दान-पुण्य करते हुए घरों की तरफ लौट गए. इसके साथ ही आस्था और विश्वास का संगम 'लोहार्गल मेला' फिर मिलने के वादे के साथ संपन्न हो गया.

पढ़ेंः कोटा: बारिश बनी आफत, दुकानें हुई जलमग्न

पुलिस और प्रशासन की माकूल व्यवस्था भी मेले के दौरान काफी सराहनीय रही. स्वीकृति प्राप्त वाहनों के अलावा सभी गाड़ियों को गोल्याना चौराहे पर ही रोक‌ दिया गया. गंतव्य की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज की तरफ से गोल्याना में अस्थाई बस स्टैण्ड बनाया गया.

इन अधिकारियों का रहा विशिष्ट योगदान-

उपखण्ड स्तरीय सभी अधिकारियों ने मेले को सफल बनाने के लिए अपनी जी-जान झोंक दी. एसडीएम मुरारीलाल शर्मा, तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी, बीडीओ विक्रमसिंह राठौड़, पीईओ रामधन डूडी, सीआई भगवानसहाय मीणा, सरपंच घासीलाल स्वामी, ग्रामसेवक रणजीताराम सैनी और रोजगार सहायक सीताराम ने अंतिम 60 घण्टों में लगातार मेले पर पैनी नजर बनाई रखी. तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी गुरुवार को ही सेवानिवृत्त होने के बावजूद शुक्रवार दोपहर तक मेले में ड्यूटी देते रहे.

पढ़ेंः कोटा पहुंचे मंत्री खाचरियावास को कांग्रेसियों ने घेरा...बोले- सरकार में नहीं हो रही सुनवाई

भण्डारे और भजनों की रही भरमार-

लोहार्गल में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए भजन कार्यक्रम और भोजन के लिए भण्डारों की जमकर भरमार रही. शिव गोरा मन्दिर ट्रस्ट, रूपाणा धाम बालाजी भीमसर, खिरोड़ सेवा समिति, नाथ सेवा मण्डल रतनगढ़, इन्दोरिया परिवार और पाटोदिया समाज सहित करीब दो दर्जन जगह भण्डारा-प्रसाद की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही चेतनदास बावड़ी स्थित गोपाल मंदिर, बाबा गोपालदास सेवा समिति, सामुदायिक हॉल, ज्ञान वापी स्थित गणेश मंदिर, रामदेव मंदिर, सैनी मंदिर और मीन भगवान मंदिर में भजन कार्यक्रम हुए. शिव गोरा मंदिर गोल्याना में भजन और सम्मान समारोह हुआ. कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के मंत्री रामस्वरूप जलिन्द्रा ने किया. गणेश मंदिर पर प्रगतिशील कुमावत समिति की ओर से हुए कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेंद्र कुमावत और संतोष कुमावत ने किया.

पढ़ेंः कोटा छात्र संघ चुनाव 2019 : संयुक्त मोर्चा ने कहा- छात्रों के संघर्ष से लगातार जीत संभव

महिलाओं ने पत्थरों से बनाए घरौंदे-

इस दौरान काफी महिला श्रद्धालुओं ने मार्ग में कुछ जगह मिट्टी और अधिकांशतः पत्थरों से घरौंदे बनाए. ऐसा माना जाता कि महिला जैसा घरौंदा बनाती है वैसा ही उसे प्राप्त भी होता है. इन घरौंदों के प्रति महिलाओं की काफी गहरी आस्था देखने को मिलती है.

महिलाओं और पुरूषों के के स्नान क्षेत्र को किया अलग-

कलेक्टर रवि जैन के निर्देशन में इस बार सूर्यकुण्ड के बीचों बीच तिरपाल लगाने के साथ ही महिलाओं के स्नान क्षेत्र को अलग किया गया. इस तरह महिलाओं और पुरूषों के स्नान के लिए पृथक व्यवस्था हुई थी. इस पहल ने ऐसा काम किया कि इस बार चैन स्नेचिंग और मांदलिए टूटने की घटना देखने को नहीं मिली. मेले में आए श्रद्धालु और ग्राम पंचायत प्रशासन ने इस पहल के लिए जिला‌ कलक्टर रवि जैन को धन्यवाद किया.

पढ़ेंः हनुमान की हिरासत में मौत मामले पर पुलिस कर रही लीपापोती : वासुदेव देवनानी​​​​​​​

अब सूर्यकुण्ड की होगी सफाई-

पहले सावन में कावड़िए, उसके बाद 24कोसीय परिक्रमा और अमावस्या के कारण अब सूर्य कुण्ड के जल की विशेष सफाई की जाएगी. ताकी ऋषि पंचमी पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलेगा.

Intro:तीर्थराज लोहार्गल स्थित बाबा मालकेतु की 24कोसीय परिक्रमा और वार्षिक लक्खी मेले का भव्य समापन हुआ. इसके साथ ही पिछले 6 दिनों से चल रहे धार्मिक आयोजन का भी समापन हुआ. अमावस्या को लाखों श्रद्धालु सूर्यकुण्ड में स्नान करने उमड़े. श्रद्धालुओं ने सूर्यकुण्ड में स्नान करने के बाद दुर्गम पहाड़ी पर स्थित बाबा मालखेत के दर्शन किए.

नवलगढ़(झुंझुनूं):- अरावली पर्वतश्रंखला की वादियों में पिछले 6दिनों से चल रहे आस्था के सफर सुखद समापन हुआ. बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र सूर्य कुण्ड के जल में अमावस्या का महास्नान किया. मौसम अनुकूल होने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला. लाखों श्रद्धालुओं ने गुरुवार देर शाम गोल्याना और लोहार्गल पहुंचकर मंदिरों में ही डेरा डाल लिया. रातभर मंदिरों और धर्माशालाओं में भजनों के कार्यक्रम हुए. इसके बाद मध्यरात्रि में बारह बजने के साथ ही लाखों श्रद्धालुओं के जत्थों ने सूर्य कुण्ड की ओर कूच किया. रात बारह बजे से दोपहर तीन बजे श्रद्धालुओं का कारवां रूकने का नाम नहीं ले रहा था. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मालकेतु के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे. डीएसपी रामचंद्र मूण्ड, सीआई भगवानसहाय मीणा ने पूरी रात लगातार मोर्चा संभाले रखा. एक अनुमान के मुताबिक इस बार करीब 4-5 लाख श्रद्धालुओं ने अमावस्या का महास्नान किया है. राज्य के बाहर से भी लाखों श्रद्धालु परिक्रमा पूरी करके स्नान करने लोहार्गल पहुंचे. स्नान करने के बाद श्रद्धालु सजी-धजी दुकानों से खरीददारी और मंदिरों में दान-पुण्य करते हुए घरों की तरफ लौट गए. इसके साथ ही आस्था और विश्वास का संगम 'लोहार्गल मेला' फिर मिलने के वादे के साथ संपन्न हो गया. महास्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मेले में लगी दुकानों पर जमकर खरीददारी की. इस दौरान आस्था व श्रद्धा के साथ ही हिम्मत और विश्वास का अनोखा मेलजोल देखने को मिला. पुलिस व प्रशासन की माकूल व्यवस्था भी काफी सराहनीय रही। आसपास के गांव-ढाणियों सहित दूर-दराज के लोग भी मेले में खरीददारी करने पहुंचे। स्वीकृति प्राप्त वाहनों के अलावा सभी गाड़ियों को गोल्याना चौराहे पर ही रोक‌ दिया गया. गंतव्य की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज की तरफ से गोल्याना में अस्थाई बस स्टैण्ड बनाया गया. Body:इन अधिकारियों का रहा विशिष्ट योगदान

उपखण्ड स्तरीय सभी अधिकारियों ने मेले को सफल बनाने के लिए अपनी जी - जान झोंक दी। एसडीएम मुरारीलाल शर्मा, तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी, बीडीओ विक्रमसिंह राठौड़, पीईओ रामधन डूडी, सीआई भगवानसहाय मीणा, सरपंच घासीलाल स्वामी, ग्रामसेवक रणजीताराम सैनी, रोजगार सहायक सीताराम ने अंतिम 60 घण्टों में लगातार मेले पर पैनी नजर बनाई रखी। तहसीलदार पूरणसिंह चौधरी गुरुवार को ही सेवानिवृत्त होने के बावजूद शुक्रवार दोपहर तक मेले में ड्यूटी देते रहे.




भण्डारे और भजनों की रही भरमार

लोहार्गल में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए भजन कार्यक्रम और भोजन के लिए भण्डारों की जमकर भरमार रही। शिव गोरा मन्दिर ट्रस्ट, रूपाणा धाम बालाजी भीमसर, खिरोड़ सेवा समिति, सैनी मेमोरियल संस्थान, गोपालदास महाराज सेवा समिति बाय-चिराना, नाथ सेवा मण्डल रतनगढ़, इन्दोरिया परिवार, पाटोदिया समाज सहित करीब दो दर्जन जगह भण्डारा-प्रसाद की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही चेतनदास बावड़ी स्थित गोपाल मंदिर, बाबा गोपालदास सेवा समिति, सामुदायिक हाॅल, ज्ञान वापी स्थित गणेश मंदिर, रामदेव मंदिर, सैनी मंदिर, मीन भगवान मंदिर में भजन कार्यक्रम हुए। शिव गोरा मंदिर गोल्याना में भजन एवं सम्मान समारोह हुआ। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के मंत्री रामस्वरूप जलिन्द्रा ने किया। गणेश मंदिर पर प्रगतिशील कुमावत समिति की ओर से हुए कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेंद्र कुमावत व संतोष कुमावत ने किया.






महिलाओं ने पत्थरों से बनाए घरौंदे

इस दौरान काफी महिला श्रद्धालुओं ने मार्ग में कुछ जगह मिट्टी और अधिकांशतः पत्थरों से घरौंदे बनाए। ऐसा माना जाता कि महिला जैसा घरौंदा बनाती है वैसा ही उसे प्राप्त भी होता है। इन घरौंदों के प्रति महिलाओं की काफी गहरी आस्था देखने को मिलती है।


कुण्ड पर ताना तिरपाल, पहल कर गई काम

कलक्टर रवि जैन के निर्देशन में इस बार सूर्यकुण्ड के बीचोंबीच तिरपाल लगाने के साथ ही महिलाओं के स्नान क्षेत्र को अलग किया गया। इस तरह महिलाओं और पुरूषों के स्नान के लिए पृथक व्यवस्था हो गई। इस पहल ने ऐसा काम किया कि इस बार चैन स्नेचिंग और मांदलिए टूटने की घटना नगण्य रहीं। मेले में आए श्रद्धालुओं, ग्राम पंचायत प्रशासन ने इस पहल के लिए जिला‌ कलक्टर रवि जैन को धन्यवाद ज्ञापित किया.




अब सूर्यकुण्ड की होगी सफाई

पहले सावन में कावड़िए, उसके बाद 24कोसीय परिक्रमा और अमावस्या के कारण अब सूर्य कुण्ड के जल की विशेष सफाई की जाएगी। ऋषि पंचमी पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलेगा।

बाइट:- विक्रमसिंह राठौड़, विकास अधिकारी, नवलगढ़
बाइट:- घासीलाल स्वामी, सरपंच, लोहार्गल

पीटीसी:- स्वप्निल सक्सेना, संवाददाताConclusion:
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