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झुंझुनू: ग्राम विकास अधिकारी ने विकास कार्यों के लिए जारी किए एक करोड़ का टेंडर, ठेकेदारों ने उठाए सवाल

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Published : Mar 18, 2020, 8:37 PM IST

झुंझुनू के खेतड़ी में ग्राम विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत के 21 कार्यों के लिए एक करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है. जिसे लेकर ठेकेदारों ने सवाल उठाए हैं. ठेकेदारों ने ग्राम पंचायत परिसर में प्रदर्शन करते हुए कहा कि अधिकारियों ने अपने चहेतों को काम दिया है. जिसके बाद कार्यवाहक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और निविदा को निरस्त करने के आदेश दिए.

गोठड़ा ग्राम पंचायत, Jhunjhunu news
21 कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए का टेंडर जारी

खेतड़ी (झुंझुनू). जिले के खेतड़ी उपखण्ड की ग्राम पंचायत गोठड़ा में ग्राम विकास अधिकारी ने एक करोड़ रुपए के 21 कार्यों के लिए टेंडर जारी किया है. लेकिन इन कार्यों के लिए उच्चाधिकारियों की स्वीकृति नहीं ली गई है.

इस दौरान ठेकेदारों ने चहेतों को काम देने का आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत परिसर में प्रदर्शन किया तो कार्यवाहक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और निविदा को निरस्त करने के आदेश दिए. बाद में जिला परिषद सीईओ को जानकारी देकर ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर ठेकेदारों को शांत किया.

21 कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए का टेंडर जारी

पढ़ें- झुंझुनूः कोरोना के खौफ पर भारी पड़ी शीतला माता की आस्था, हजारों के तादाद में भक्तों ने किया दर्शन

जानकारी के अनुसार गोठड़ा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी राजकुमार ने शनिवार को करीब एक करोड़ रुपए की लागत से होने वाले 21 विकास कार्यों की निविदा जारी की थी. स्थानीय समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित नहीं होकर बाहर के अखबार में प्रकाशित होने की जानकारी मिलने पर ठेकेदार आक्रोशित हो गए.

ठेकेदारों का कहना था कि ग्राम विकास अधिकारी ने अपने चहेते ठेकेदारों से कार्य करवाने के लिए गुपचुप में निविदा जारी की है. गोठड़ा ग्राम पंचायत परिसर में एकत्रित ठेकेदारों ने ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ठेकेदारों ने प्रदर्शन किया. निविदा 15 मार्च को प्रकाशित हुई और 16 को निविदा भरने की अंतिम तिथि दर्शाई गई है. जबकि राज्य सरकार के नियमानुसार निविदा प्रकाशित होने के बाद करीब 15 दिन का समय दिया जाता है. इस मौके पर रामेश्वर गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर रोजड़ा, दयानंद लांबा, शीशराम, मुकेश कुमार सहित अनेक ठेकेदार मौजूद थे.

राजनीतिक रसूख के चलते ग्राम विकास अधिकारी कर रहा है मनमर्जी

ठेकेदारों का कहना था कि ग्राम विकास अधिकारी राजनीतिक रसूख के चलते मनमर्जी कर रहा है. सीवरेज मय चैम्बर और मरम्मत कार्य करवाने के लिए निविदा प्रकाशित की गई है. जबकि ग्राम पंचायत की ओर से करीब एक साल पहले ही गोठड़ा की अधिकांश सड़कों का निर्माण करवाया गया है. ऐसे में यदि सीवरेज कार्य करवाया गया तो कुछ समय पहले बनाई गई सड़कों को तोड़ा जाएगा. इससे सरकार को राजस्व हानि होगी.

उच्च अधिकारियों को नहीं है निविदा की जानकारी

ग्राम विकास अधिकारी की ओर से निकाली गई निविदा के बारे में उच्च अधिकारियों की कोई स्वीकृति नहीं लेने की बात भी सामने आई है. कार्यवाहक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि कोई भी विकास कार्य के लिए निविदा जारी करने से पूर्व तकनीकी स्वीकृति जारी की जाती है. इसके बाद ही ग्राम विकास अधिकारी निविदा प्रकाशित करवा सकता है, लेकिन इस संबंध में कार्यवाहक बीडीओ और जेटीओ को कोई जानकारी नहीं दी.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने सूरजगढ़ के युवाओं को दिया सरकारी कॉलेज का तोहफा

गोठड़ा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी की ओर से निकाली गई निविदा के मामले में जिला परिषद की टीम गोठड़ा पहुंची. टीम ने ग्राम विकास अधिकारी से पूछताछ कर रिकॉर्ड जुटाया. कार्यवाहक बीडीओ महेंद्र सिंह ने बताया कि जिला परिषद सीईओ रामनिवास जाट के निर्देश पर अकाउंट ऑफिसर सतीश कुमार और रामजीलाल निविदा मामले की जांच के लिए गोठड़ा पहुंचे. दोनों ने ग्राम विकास अधिकारी राजकुमार के बयान लेकर ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड की जांच की. उसकी रिपोर्ट बनाकर सीओ को सौंपी जाएगी.

खेतड़ी (झुंझुनू). जिले के खेतड़ी उपखण्ड की ग्राम पंचायत गोठड़ा में ग्राम विकास अधिकारी ने एक करोड़ रुपए के 21 कार्यों के लिए टेंडर जारी किया है. लेकिन इन कार्यों के लिए उच्चाधिकारियों की स्वीकृति नहीं ली गई है.

इस दौरान ठेकेदारों ने चहेतों को काम देने का आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत परिसर में प्रदर्शन किया तो कार्यवाहक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और निविदा को निरस्त करने के आदेश दिए. बाद में जिला परिषद सीईओ को जानकारी देकर ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर ठेकेदारों को शांत किया.

21 कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए का टेंडर जारी

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जानकारी के अनुसार गोठड़ा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी राजकुमार ने शनिवार को करीब एक करोड़ रुपए की लागत से होने वाले 21 विकास कार्यों की निविदा जारी की थी. स्थानीय समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित नहीं होकर बाहर के अखबार में प्रकाशित होने की जानकारी मिलने पर ठेकेदार आक्रोशित हो गए.

ठेकेदारों का कहना था कि ग्राम विकास अधिकारी ने अपने चहेते ठेकेदारों से कार्य करवाने के लिए गुपचुप में निविदा जारी की है. गोठड़ा ग्राम पंचायत परिसर में एकत्रित ठेकेदारों ने ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ठेकेदारों ने प्रदर्शन किया. निविदा 15 मार्च को प्रकाशित हुई और 16 को निविदा भरने की अंतिम तिथि दर्शाई गई है. जबकि राज्य सरकार के नियमानुसार निविदा प्रकाशित होने के बाद करीब 15 दिन का समय दिया जाता है. इस मौके पर रामेश्वर गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर रोजड़ा, दयानंद लांबा, शीशराम, मुकेश कुमार सहित अनेक ठेकेदार मौजूद थे.

राजनीतिक रसूख के चलते ग्राम विकास अधिकारी कर रहा है मनमर्जी

ठेकेदारों का कहना था कि ग्राम विकास अधिकारी राजनीतिक रसूख के चलते मनमर्जी कर रहा है. सीवरेज मय चैम्बर और मरम्मत कार्य करवाने के लिए निविदा प्रकाशित की गई है. जबकि ग्राम पंचायत की ओर से करीब एक साल पहले ही गोठड़ा की अधिकांश सड़कों का निर्माण करवाया गया है. ऐसे में यदि सीवरेज कार्य करवाया गया तो कुछ समय पहले बनाई गई सड़कों को तोड़ा जाएगा. इससे सरकार को राजस्व हानि होगी.

उच्च अधिकारियों को नहीं है निविदा की जानकारी

ग्राम विकास अधिकारी की ओर से निकाली गई निविदा के बारे में उच्च अधिकारियों की कोई स्वीकृति नहीं लेने की बात भी सामने आई है. कार्यवाहक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि कोई भी विकास कार्य के लिए निविदा जारी करने से पूर्व तकनीकी स्वीकृति जारी की जाती है. इसके बाद ही ग्राम विकास अधिकारी निविदा प्रकाशित करवा सकता है, लेकिन इस संबंध में कार्यवाहक बीडीओ और जेटीओ को कोई जानकारी नहीं दी.

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गोठड़ा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी की ओर से निकाली गई निविदा के मामले में जिला परिषद की टीम गोठड़ा पहुंची. टीम ने ग्राम विकास अधिकारी से पूछताछ कर रिकॉर्ड जुटाया. कार्यवाहक बीडीओ महेंद्र सिंह ने बताया कि जिला परिषद सीईओ रामनिवास जाट के निर्देश पर अकाउंट ऑफिसर सतीश कुमार और रामजीलाल निविदा मामले की जांच के लिए गोठड़ा पहुंचे. दोनों ने ग्राम विकास अधिकारी राजकुमार के बयान लेकर ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड की जांच की. उसकी रिपोर्ट बनाकर सीओ को सौंपी जाएगी.

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