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उपभोक्ता आयोग ने पलटा जिला उपभोक्ता मंच का फैसला, बीमा कंपनी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के आदेश

राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक फैसले में जिला उपभोक्ता विवाद मंच झुंझुनूं के आदेश को निरस्त करते हुए इंश्योरेंस कंपनी को मृतक की पत्नी को दो महीने में ब्याज सहित 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति स्वरूप 20 हजार रुपए भी परिवाद दायर करने की तिथि से ब्याज सहित चुकाने के आदेश दिए.

राज्य उपभोक्ता आयोग ने पलटा जिला उपभोक्ता मंच का फैसला
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Published : Jun 18, 2019, 8:55 PM IST

झुंझुनूं. राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक फैसले में जिला उपभोक्ता विवाद मंच झुंझुनूं के 2018 के आदेश को निरस्त करते हुए इंश्योरेंस कंपनी को क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सांप काटने से मौत के मामले मे दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मरने वाले की पत्नी को पांच लाख रुपए चुकाने के आदेश दिए.

बीमा कंपनी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के आदेश

मामले के अनुसार संतोष देवी ने जिला उपभोक्ता मंच में परिवाद देकर बताया था कि उसके पति ने दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा पॉलिसी ले रखी थी. 8 सितंबर 2016 को खेत में मूंग की फलिया तोड़ते समय उसे सांप ने काट लिया. जिसके बाद उसे बीडीके अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मेडिकल जूरिस्ट ने उसकी मृत्यु सांप काटने से होना बताया था. बीमा कंपनी का जवाब आने के बाद जिला मंच ने संतोष देवी का क्लेम खारिज कर दिया.

क्लेम खारिज होने पर संतोष देवी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की. राज्य आयोग ने फैसले में जिला मंच के आदेश को निरस्त कर दिया और आदेश दिया कि बीमा कंपनी मृतक की पत्नी को 5 लाख की राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 24 अगस्त 2017 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो महीने में अदा करें. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति स्वरूप 20 हजार रुपए भी परिवाद दायर करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज सहित चुकाए.

झुंझुनूं. राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक फैसले में जिला उपभोक्ता विवाद मंच झुंझुनूं के 2018 के आदेश को निरस्त करते हुए इंश्योरेंस कंपनी को क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सांप काटने से मौत के मामले मे दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मरने वाले की पत्नी को पांच लाख रुपए चुकाने के आदेश दिए.

बीमा कंपनी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के आदेश

मामले के अनुसार संतोष देवी ने जिला उपभोक्ता मंच में परिवाद देकर बताया था कि उसके पति ने दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा पॉलिसी ले रखी थी. 8 सितंबर 2016 को खेत में मूंग की फलिया तोड़ते समय उसे सांप ने काट लिया. जिसके बाद उसे बीडीके अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मेडिकल जूरिस्ट ने उसकी मृत्यु सांप काटने से होना बताया था. बीमा कंपनी का जवाब आने के बाद जिला मंच ने संतोष देवी का क्लेम खारिज कर दिया.

क्लेम खारिज होने पर संतोष देवी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की. राज्य आयोग ने फैसले में जिला मंच के आदेश को निरस्त कर दिया और आदेश दिया कि बीमा कंपनी मृतक की पत्नी को 5 लाख की राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 24 अगस्त 2017 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो महीने में अदा करें. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति स्वरूप 20 हजार रुपए भी परिवाद दायर करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज सहित चुकाए.

Intro:बीमा कंपनियां किस तरह से वाजिब हक होने के बावजूद क्लेम को टाल देती हैं, इसका एक बड़ा उदाहरण झुंझुनू में सामने आया है। उनके हटाने के निर्णय पर जिला उपभोक्ता मंच ने तो मुहर भी लगा दी लेकिन राज्य उपभोक्ता आयोग ने फैसला पलट दिया है और इससे मृतक के परिवार को बड़ी राहत मिली है।


Body: झुंझुनू। राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक निर्णय में जिला उपभोक्ता विवाद मंच झुंझुनू के 2018 का निर्णय निरस्त करते हुए सांप काटने से हुई मौत के मामले मे मरने वाले की पत्नी को पांच लाख रुपए चुकाने के आदेश दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दिए। मामले के अनुसार संतोष देवी ने जिला उपभोक्ता मंच में परिवाद देकर बताया था कि उसके पति ने दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा पॉलिसी ले रखी थी। 8 सितंबर 2016 को उसका पति खेत में मूंग की फलिया तोड़ रहा था कि उसे सांप ने काट लिया। सुनील अपने पिता को सूरजगढ़ अस्पताल लेकर गया जहां से पिलानी और बाद में बीडीके अस्पताल झुंझुनू में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। । मेडिकल जूरिस्ट ने उसकी मृत्यु सांप काटने से होना बताया। बीमा कंपनी का जवाब आने के बाद जिला मंच ने पत्नी का क्लेम खारिज कर दिया।

स्टेट लेवल पर की अपील
इस पर राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। आयोग ने निर्णय में लिखा की जिला मंच ने जो परिवाद खारिज किया है वह सही नहीं है। उसे अपास्त किया जाता है। मंच ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी मृतक की पत्नी को 5 लाख की राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 24 अगस्त 2017 से 9% वार्षिक ब्याज सहित दो माह में अदा करें। साथ ही पत्नी को हुए मानसिक संताप की क्षति पूर्ति स्वरूप ₹20000 भी परिवाद दायर करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज सहित चुकाए।


Conclusion:
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