डायबिटीज एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम है, जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर बनाने लगता है. यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसका पता काफी बाद में चलता है. डायबिटीज की बीमारी में मरीजों का ब्लड शुगर लो और हाई होना खतरनाक स्थिति है. इस बीमारी के चलते कई अन्य हेल्थ कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं. यह बीमारी भारत में भी लोगों में तेजी से फैल रही है. एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में लगभग 62 मिलियन भारतीय डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो देश की पूरी वयस्क आबादी का लगभग 7 प्रतिशत है.
इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या 2035 तक बढ़कर 109 मिलियन हो जाएगी. इसके अलावा, औसतन, यह स्थिति तब होती है जब लोग 40 वर्ष की आयु पार कर लेते हैं. आहार डायबिटीज मैनेजमेंट और रोकथाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और स्वस्थ आहार अभ्यास के साथ-साथ नियमित व्यायाम इस बीमारी के लक्षणों को कम करने और इसे बढ़ने से रोकने में काफी मददगार हो सकते हैं. ऐसी कई सामग्रियां हैं जिन्हें हम अपने दैनिक भोजन में शामिल कर सकते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, उनमें से एक है तेज पत्ता जिसे अंग्रेजी में Bay Leaves कहते हैं
कई गुणों से भरपूर है तेजपत्ता
तेज पत्ता का इस्तेमाल कई भारतीय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने और उन्हें पोषण देने के लिए किया जाता है. इसे मालाबार लीफ के नाम से भी जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम लॉरस नोबिलिस है. यह जड़ी-बूटी कई भारतीय रसोई में मौजूद है और इसमें विटामिन ए और सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व और मिनरल्स, साथ ही फोलिक एसिड की मौजूदगी है. इसका उपयोग कई सूप, करी और चावल के व्यंजनों में किया जाता है और यह व्यंजनों में एक अलग तीखा स्वाद देता है. तेजपत्ते में मौजूद रिच न्यूट्रिएंट्स प्रोफाइल यह सुनिश्चित करती है कि यह कई स्वास्थ्य लाभ देती है, जैसे पाचन संबंधी परेशानियों को रोकना, हार्ट की रक्षा करना और यहां तक कि तनाव को दूर करने का काम भी करती है. लेकिन डायबिटीज रोगियों को इसे अपने व्यंजनों में शामिल करके विशेष रूप से लाभ हो सकता है क्योंकि यह इंसुलिन फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
डायबिटीज की बीमारी में पत्ता कैसे मदद करता है?
क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री एंड न्यूट्रिशन के जर्नल में प्रकाशित 2016 के एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि 30 दिनों तक सिर्फ 1 से 3 ग्राम तेज पत्ता खाने से टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित लोगों को इंसुलिन फंक्शन में सुधार करने में मदद मिली. इसमें कई फाइटोकेमिकल्स और आवश्यक तेलों की मौजूदगी के कारण, पत्तियों का मधुमेह रोगियों पर हाइपोग्लाइकेमिक प्रभाव होता है. तेजपत्ते के सेवन से इंसुलिन और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में सुधार पाया गया है. तेजपत्ते का सक्रिय घटक पॉलीफेनोल है, जो ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा, वे रोगियों के लिपिड प्रोफाइल को बेहतर बनाने में भी सहायक पाए गए.
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए तेजपत्ते का उपयोग कैसे करें
तेजपत्ते का पूरा लाभ लेने के लिए डायबिटीज मरीजों को अपनी रेगुलर दवा के साथ-साथ अन्य स्वस्थ आहार और जीवनशैली नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. आप तेजपत्ते का कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि आप अपने सूप और करी में साबुत तेजपत्ते डाल सकते हैं या सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर बना सकते हैं और इसे अपने भोजन में मिला सकते हैं, ताकि इससे आपको लाभ मिल सके. इस जड़ी-बूटी का सिर्फ एक चम्मच ही पर्याप्त है और यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.
सोर्स
https://www.webmd.com/vitamins/ai/ingredientmono-685/bay-leaf
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)