झुंझुनू. जिले में तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को लेकर लगातार समर्थन बढ़ता ही जा रहा है. कई किसान शाहजहांपुर सीमा पर चल रहे महापड़ाव में शामिल होने पहुंच गए हैं, तो कई जत्थे शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो रहे हैं.
जहां शुक्रवार को झुंझुनू से भारतीय किसान महासभा का दूसरा जत्था राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा के नेतृत्व में जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर शाहजहांपुर सीमा पर किसानों के महापड़ाव में शामिल होने के लिए झुंझुनू से रवाना हुआ. झुंझनू प्रखंड अध्यक्ष कामरेड बजरंग लाल महला, कामरेड सहीराम मांझू, धूड़ाराम, रामनिवास सहित किसान महासभा के कई कार्यकर्ता शाहजहांपुर सीमा पर जाने के लिए दल बल से रवाना हुए हैं. वहीं झुंझुनू में कलेक्ट्रेट के सामने किसान एकता मंच के संयोजक फूलचंद बुडानिया की अध्यक्षता में धरना दिया जा रहा है.
20 दिसंबर शोक दिवस के रूप में मनाएंगे
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के खिलाफ लाए गए काले कानूनों को रद्द करने की बजाय झूठा प्रचार करने में जुट गई है. किसानों द्वारा इसका विरोध करने पर सत्ता का दुरुपयोग कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. हजारों किसान, मजदूर, महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सड़कों पर बैठे हैं, इसकी जिम्मेदार सरकार की है.
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इस दौरान किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. किसान 20 दिसंबर को शोक दिवस के रूप में मनाएंगे. गौरतलब है कि जयपुर दिल्ली हाइवे के शाहजहांपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई दिनों से आंदोलन पर बैठे हैं.