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भारी ना पड़ जाए यह सहायता, बैंकों से नदारत सोशल डिस्टेंसिंग - कोरोना संक्रमण

झुंझुनू में सोशल डिस्टेंसिंग और उल्लंघन देखने को मिला. इस बार इसकी वजह बनी राजस्थान सरकार की ओर से वृद्धजन, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन.

नदारत सोशल डिस्टेंसिंग, social distancing Missing
नदारत सोशल डिस्टेंसिंग
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Published : Apr 9, 2020, 12:25 PM IST

झुंझुनू. राजस्थान सरकार की ओर से वृद्धजन, दिव्यांग, विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन बैंकों में जमा करवा दी गई. ऐसे में पेंशन निकलवाने के लिए बैंकों के आगे भीड़ लगना शुरू हो गई है. लेकिन इसमें जिस तरह से सोशल डिस्टेंस की अवहेलना हो रही है, उससे आशंका है कि कहीं यह सहायता ही परेशानी का कारण ना बन जाए.

जिले के अधिकारी भी बार-बार बैंकों में भीड़ नहीं होने देने के आदेश तो जारी कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर हालात यह हैं कि लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के ही बैंकों के आगे खड़े हुए हैं.

बैंकों में बिना सोशल डिस्टेंस के हो रही भीड़

प्रयास था की लोगों को राहत मिले

सरकार ने 78 लाख पेंशनर्स के खातों में राहत देने के लिए 700 करोड़ रुपए बैंकों को जारी किए हैं और लगभग सभी पेंशन धारियों के खातों में पेंशन की राशि जमा हो गई है. सरकार का प्रयास था कि इससे घर खर्च में बड़ी राहत मिलेगी. वहीं अप्रैल की पेंशन समय पर मिलने से लॉकडाउन में भी लोगों को परेशानी नहीं होगी. प्रशासन बार-बार लोगों को यह निर्देशित भी कर रहा है कि गोले बनाकर खड़े हों, लेकिन इसकी पालना कम ही हो रही है.

पढ़ें: SPECIAL: Corona के खिलाफ कैसे जंग जीत पाएगा राजस्थान? 42,000 लोगों पर सिर्फ 1 वेंटिलेटर..

लोग घरों से बाहर भी निकल रहे

एक तरह से यह लॉकडाउन की भी अवहेलना है. क्योंकि लोग यह कहकर घरों से बाहर निकल रहे हैं कि वह अपनी पेंशन लेने के लिए जा रहे हैं. गांव के कुछ लोगों के पेंशन के खाते शहरों में हैं और ऐसे में वे 50-100 का तो पेट्रोल जला रहे हैं. क्योंकि अभी सार्वजनिक परिवहन के कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में सरकार का भले ही लोगों को राहत देने का प्रयास हो लेकिन यदि इस में ध्यान नहीं रखा गया, तो यह सहायता ही लोगों में संक्रमण का कारण भी बन सकती है.

झुंझुनू. राजस्थान सरकार की ओर से वृद्धजन, दिव्यांग, विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन बैंकों में जमा करवा दी गई. ऐसे में पेंशन निकलवाने के लिए बैंकों के आगे भीड़ लगना शुरू हो गई है. लेकिन इसमें जिस तरह से सोशल डिस्टेंस की अवहेलना हो रही है, उससे आशंका है कि कहीं यह सहायता ही परेशानी का कारण ना बन जाए.

जिले के अधिकारी भी बार-बार बैंकों में भीड़ नहीं होने देने के आदेश तो जारी कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर हालात यह हैं कि लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के ही बैंकों के आगे खड़े हुए हैं.

बैंकों में बिना सोशल डिस्टेंस के हो रही भीड़

प्रयास था की लोगों को राहत मिले

सरकार ने 78 लाख पेंशनर्स के खातों में राहत देने के लिए 700 करोड़ रुपए बैंकों को जारी किए हैं और लगभग सभी पेंशन धारियों के खातों में पेंशन की राशि जमा हो गई है. सरकार का प्रयास था कि इससे घर खर्च में बड़ी राहत मिलेगी. वहीं अप्रैल की पेंशन समय पर मिलने से लॉकडाउन में भी लोगों को परेशानी नहीं होगी. प्रशासन बार-बार लोगों को यह निर्देशित भी कर रहा है कि गोले बनाकर खड़े हों, लेकिन इसकी पालना कम ही हो रही है.

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लोग घरों से बाहर भी निकल रहे

एक तरह से यह लॉकडाउन की भी अवहेलना है. क्योंकि लोग यह कहकर घरों से बाहर निकल रहे हैं कि वह अपनी पेंशन लेने के लिए जा रहे हैं. गांव के कुछ लोगों के पेंशन के खाते शहरों में हैं और ऐसे में वे 50-100 का तो पेट्रोल जला रहे हैं. क्योंकि अभी सार्वजनिक परिवहन के कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में सरकार का भले ही लोगों को राहत देने का प्रयास हो लेकिन यदि इस में ध्यान नहीं रखा गया, तो यह सहायता ही लोगों में संक्रमण का कारण भी बन सकती है.

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