खेतड़ी (झुंझुनू). खेतड़ी-बांसियाल रिजर्व कंजर्वेशन अब खेतड़ी के क्षेत्र के लोगों के लिए सफारी करने का बेहतर अवसर दे रहा है. रिजर्व कंजर्वेशन का कार्य पूरा होने के बाद यहां के लोगों को सफारी करने के लिए रणथंभोर सहित अन्य स्थानों पर नहीं जाना होगा. लोग यहां भी जंगली जानवरों का दीदार कर सकेंगे.
वन विभाग की ओर से जंगली जानवरों की करवाई गई गणना में पिछले वर्ष से इस वर्ष 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. क्षेत्रिय वन अधिकारी विजय कुमार फगेडिया ने बताया कि इस बार की गई गणना में शनिवार सुबह करीब तीन बजे चिरानी क्षेत्र के बांसियाल-तिहाड़ा एरिया में पैंथर की दहाड़ सुनी गई. इसके अलावा रामकुमारपुरा के भैरूधाम के पास भी एक पैंथर के पैरों के निशान पाए गए हैं.
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वन विभाग की ओर से रिजर्व कंजर्वेशन में 5 पैंथर लाकर छोड़े गए थे, अब इनकी संख्या बढटकर 6 हो गई है. इनमें से कुछ दिन पूर्व एक पैंथर के बीमार होने से मृत्यु हो गई थी, जिसके चलते एक की संख्या कम दर्ज की गई है. वन विभाग की ओर से जानवरों की गणना के लिए 20 वाटर हाॅल बनाए गए थे. लेकिन बारिश होने से नेचुरल वाटर प्वाइंट बन जाने से जंगली जानवर विभाग की ओर से बनाए गए वाटर प्वाइंट पर नहीं पहुंच पाए. जिससे गणना में थोड़ी कमी देखी गई है और भी वन्य जीव अभ्यारण में होने की संभावना है.
संख्या का विवरणः
जानवर | वर्ष 2019 | वर्ष 2020 |
गीदड़ | 770 | 857 |
जरख | 27 | 36 |
बघेरा | 2 | 4 |
नीलगाय | 1789 | 1916 |
मोर | 1883 | 1977 |
चिंकारा | 225 | 230 |
काला तीतर | 861 | 871 |
सेही | 98 | 123 |