झुंझुनू. जिले की 20 प्रतिशत यानि 60 ग्राम पंचायतों की ओर से 5 साल के दौरान कराए गए कार्यों का सत्यापन गैर सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शोध छात्रों, RTI कार्यकर्ताओं के साथ ही सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारियों से करवाया जाएगा. ग्रामीण विकास के विभिन्न योजनाओं की मार्ग निर्देशिका में कार्यों का तीसरे पक्ष से निरीक्षण कराने का प्रावधान है, लेकिन अबतक सिर्फ विभागीय अधिकारी ही यह काम करते आए हैं. पंचायत समिति और जिला परिषद के अधिकारी कार्यों के मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होते हैं, लिहाजा उनके मूल्यांकन की जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराने पर सही स्थिति सामने आना संभव नहीं होता है.
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मांगे गए हैं प्रस्ताव..
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने सूचना जारी कर गैर सरकारी अनुभवी व्यक्तियों का पैनल बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. पैनल में शामिल तीसरे पक्ष की ओर से की जाने वाली सत्यापन कार्रवाई की जानकारी नवनिर्वाचित सरपंचों को भी दी जाएगी, ताकि वह अपने कार्यकाल में भी पंचायत के कामकाज में पारदर्शिता की प्रवृत्ति अपनाएं और सामाजिक अंकेक्षण सत्यापन के लिए ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा. जिनमें सबसे ज्यादा राशि खर्च की गई है, उनमें सबसे ज्यादा शिकायतें भी मिली है.