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झुंझुनू में जाता हुआ मानसून कर गया तर, लेकिन फसलें हुईं चौपट - crop wasted due to rain in Jhunjhunu

झुंझुनू में मानसून जाते-जाते बरस रहा है. साथ चल रही तेज हवाओं ने फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. वहीं खेतों में लगी फसल भींग जाने से फसल खराब हो गई है. जिससे जिले के किसानों को काफी नुकसान हुआ है.

Monsoon in jhunjhunu, झुंझुनू में फसल का नुकसा
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Published : Sep 23, 2019, 8:28 AM IST

झुंझुनू. शेखावाटी में जाते-जाते मानसून ने एक बार फिर कई इलाकों को पानी से तरबतर कर दिया है. लेकिन इससे खेतों में चंवला, मूंग बाजरे को खासा नुकसान हुआ है. जिला मुख्यालय पर जहां 33 एमएम बारिश दर्ज की गई है. वहीं उसके अलावा मलसीसर में 13 और चिड़ावा में भी 7 एमएम बारिश हुई है. जिला मुख्यालय पर पानी भर गया है. वहीं बारिश आने से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टीन शेड के छप्पर उड़ गए.

झुंझुनू में बारिश से फसलें हुई खराब

बता दें कि शेखावाटी में जिस समय बारिश की जरूरत थी. उस समय तो हुई नहीं और अब जाते-जाते मानसून ने भले ही तर कर दिया है. लेकिन इससे फसलों को भी नुकसान हुआ है. यदि यही बारिश 20 दिन पहले हुई होती तो फसलों को संजीवनी मिल सकती थी.

यह भी पढें. झुंझुनू में जल्द खुलेगा मेडिकल कॉलेज, बीडीके अस्पताल में तलाशी जा रही संभावनाएं

फसल काट रहे हैं किसान

तेज हवाओं के साथ आई बरसात ने खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. इस वक्त खेतों में चंवल और मूंग की फसल कटाई के बाद जमीन पर पड़ी है और बाजरे की कटाई चल रही है. ऐसे में चना और मूंग की फसल पानी में भीग जाने से उसका दाना बदरंग हो जाएगा. जिससे किसानों को भाव कम मिलेंगे. सूंटे के कारण कई जगह खड़ा बाजरा और ग्वार की फसल भी अच्छी हुई है. हालांकि इसके बाद में बोई हुई फसल यानि पछेती फसल को जरूर कुछ फायदा मिलेगा. लेकिन क्षेत्र में समय पर बारिश नहीें होने की वजह से इस बार की सीजन में पछेती फसल बहुत कम लोगों ने बोई है.

झुंझुनू. शेखावाटी में जाते-जाते मानसून ने एक बार फिर कई इलाकों को पानी से तरबतर कर दिया है. लेकिन इससे खेतों में चंवला, मूंग बाजरे को खासा नुकसान हुआ है. जिला मुख्यालय पर जहां 33 एमएम बारिश दर्ज की गई है. वहीं उसके अलावा मलसीसर में 13 और चिड़ावा में भी 7 एमएम बारिश हुई है. जिला मुख्यालय पर पानी भर गया है. वहीं बारिश आने से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टीन शेड के छप्पर उड़ गए.

झुंझुनू में बारिश से फसलें हुई खराब

बता दें कि शेखावाटी में जिस समय बारिश की जरूरत थी. उस समय तो हुई नहीं और अब जाते-जाते मानसून ने भले ही तर कर दिया है. लेकिन इससे फसलों को भी नुकसान हुआ है. यदि यही बारिश 20 दिन पहले हुई होती तो फसलों को संजीवनी मिल सकती थी.

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फसल काट रहे हैं किसान

तेज हवाओं के साथ आई बरसात ने खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. इस वक्त खेतों में चंवल और मूंग की फसल कटाई के बाद जमीन पर पड़ी है और बाजरे की कटाई चल रही है. ऐसे में चना और मूंग की फसल पानी में भीग जाने से उसका दाना बदरंग हो जाएगा. जिससे किसानों को भाव कम मिलेंगे. सूंटे के कारण कई जगह खड़ा बाजरा और ग्वार की फसल भी अच्छी हुई है. हालांकि इसके बाद में बोई हुई फसल यानि पछेती फसल को जरूर कुछ फायदा मिलेगा. लेकिन क्षेत्र में समय पर बारिश नहीें होने की वजह से इस बार की सीजन में पछेती फसल बहुत कम लोगों ने बोई है.

Intro:शेखावाटी में जिस समय बारिश की जरूरत थी उस समय तो हुई नहीं और अब जाते-जाते मानसून भले ही तर कर दिया हो लेकिन इससे फसलों को भी नुकसान हुआ है। यदि यही बारिश 20 दिन पहले हुई होती तो फसलों को संजीवनी मिल सकती थी।


Body:झुंझुनू। शेखावाटी में जाते-जाते मानसून ने एक बार फिर कई इलाकों को पानी से तरबतर कर दिया है लेकिन इससे खेतों में चंवला मूंग बाजरे को खासा नुकसान हुआ है। जिला मुख्यालय पर जहां 33 एमएम बारिश दर्ज की गई है वहां उसके अलावा मलसीसर में 13 और चिड़ावा में भी 7 एमएम बारिश हुई है। इसे जिला मुख्यालय पर जहां पानी भर गया वहीं के साथ बारिश आने से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टीन शेड छप्पर उड़ गए।


फसल काट रहे हैं किसान
तेज हवाओं के साथ आई बरसात ने खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा है ।इस वक्त खेतों में चंवल और मूंग की फसल कटाई के बाद जमीन पर पड़ी है और बाजरे की कटाई चल रही है। ऐसे में चना और मूंग की फसल पानी में भीग जाने उनसे उनका दाना बदरंग हो जाएगा। जिससे किसानों को भाव कम मिलेंगे । सूंटे के कारण कई जगह खड़ा बाजरा और ग्वार की फसल भी अच्छी हो गई। हालांकि इससे बाद में बोई हुई फसल यानि पछेती फसल को जरूर कुछ फायदा मिलेगा लेकिन क्षेत्र में समय पर बारिश होने की वजह से इस बार की सीजन में पछेती फसल बहुत कम लोगों ने बोई है।


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