झुंझुनूं. लॉकडाउन के दौरान ही ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जरूरतमंद लोगों को रोजगार और वित्तीय संबल देने के लिए कुछ योजनाओं में कार्य शुरू किए गए हैं. जिला परिषद की ओर से अप्रैल के अंत तक जिले के 20 हजार लोगों को मनरेगा में रोजगार देने का लक्ष्य दिया गया है.
सभी ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और सहायकों को पाबंद किया गया है कि सभी जॉबकार्ड धारकों को मांग के एक सप्ताह के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाए. जो उनके निवास के 3 किलोमीटर की परिधि में हो.
जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने चालू वर्ष के लिए जोहड़ खुदाई के कार्यों को अनुपयोगी मानकर इस प्रकार के नए कामों की स्वीकृती पर रोक लगा दी है. चालू वित्तीय वर्ष में केवल चारागाह विकास, वृक्षारोपण, ग्रेवल सड़क, रास्ता दुरुस्ती, सड़कों की पटरी मरम्मत, मेड़बंदी, अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु और सीमान्त काश्तकारों के खेतों में टांके, पशु शेड, बगीचा विकास आदि कार्यों के ही प्रस्ताव मांगे गए हैं.
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महात्मा गांधी नरेगा में अप्रैल लास्ट तक 20 हजार से अधिक और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अनेक योजनाओं में लॉकडाउन के दौरान रोजगार देने की तैयारी कर ली गई है. इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनवरी से मार्च तक स्वीकृत और निर्मित सभी शौचालयों का 12 हजार प्रति शौचालय भुगतान करने, सामुदायिक और विद्यालय शौचालय पूर्ण करने, गांवों में कचरा और कीचड़ निस्तारण के कामों को पूर्ण करने और पेयजल स्रोतों की सफाई और मरम्मत पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं.