ETV Bharat / state

आधे से ज्यादा चिकित्सक और स्टाफकर्मी खुद बीमार, डॉक्टर्स डे पर झुंझुनू में लगा चिकित्सा शिविर

झुंझुनू में डॉक्टर्स डे पर मेडिकल कर्मियों के लिए विशेष चिकित्सा शिविर लगाया गया. हैरत की बात यह रही कि आधे से ज्यादा मेडिकलकर्मी ही कई बीमारी से ग्रस्त पाए गए. इस पर उनका कहना है कि कभी कोई तकलीफ नहीं हुई तो जांच भी नहीं करवाई.

मेडिकलकर्मियों के लिए लगा चिकित्सा शिविर
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 4:34 PM IST

झुंझुनू. डॉक्टर्स डे पर झुंझुनू में मेडिकलकर्मियों के लिए विशेष चिकित्सा शिविर लगाया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. मेडिकल फील्ड से जुड़े चिकित्सकों सहित नर्सिंगकर्मियों में आधे से ज्यादा लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हायपर टेंशन जैसी बीमारियों से ग्रस्त पाए गए. खैर बीमारी होना बड़ी बात नहीं है, लेकिन खुद को ऑलटाइम परफेक्ट कहने वाले मेडिकल स्टाफ ही बड़ी बीमारियों में लिप्त पाए गए और इसका उन्हें कभी अंदाजा भी नहीं हुआ, क्योंकि इन मेडिकल कर्मियों ने कभी खुद की जांच के लिए वक्त ही नहीं निकाला.

मेडिकलकर्मियों के लिए लगा चिकित्सा शिविर

110 लोगों की जांच
जिले के सबसे बड़े अस्पताल भगवानदास खेतान हॉस्पिटल में 110 से ज्यादा लोगों की जांच की गई. इसमें इन लोगों में गैर असाध्य बीमारियां ही ज्यादा पाई गई. इन लोगों का कहना है कि कभी कोई तकलीफ नहीं हुई तो जांच भी नहीं करवाई. जबकि आमतौर पर चिकित्सक ही सलाह देते हैं कि 35 वर्ष से ऊपर की उम्र होने के साथ ही नियमित जांच करवाई जानी चाहिए. जिससे कि आपको समय रहते बीमारी का पता लग जाए और आप उसके शुरुआती चरण में ही इलाज ले सकें. शुरुआती चरण में किसी भी बीमारी का पता लगने पर उसके जड़ से समाप्त होने के आसार ज्यादा होते हैं. इसके बावजूद खुद चिकित्सक ही समय पर जांच नहीं करवाते.

झुंझुनू. डॉक्टर्स डे पर झुंझुनू में मेडिकलकर्मियों के लिए विशेष चिकित्सा शिविर लगाया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. मेडिकल फील्ड से जुड़े चिकित्सकों सहित नर्सिंगकर्मियों में आधे से ज्यादा लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हायपर टेंशन जैसी बीमारियों से ग्रस्त पाए गए. खैर बीमारी होना बड़ी बात नहीं है, लेकिन खुद को ऑलटाइम परफेक्ट कहने वाले मेडिकल स्टाफ ही बड़ी बीमारियों में लिप्त पाए गए और इसका उन्हें कभी अंदाजा भी नहीं हुआ, क्योंकि इन मेडिकल कर्मियों ने कभी खुद की जांच के लिए वक्त ही नहीं निकाला.

मेडिकलकर्मियों के लिए लगा चिकित्सा शिविर

110 लोगों की जांच
जिले के सबसे बड़े अस्पताल भगवानदास खेतान हॉस्पिटल में 110 से ज्यादा लोगों की जांच की गई. इसमें इन लोगों में गैर असाध्य बीमारियां ही ज्यादा पाई गई. इन लोगों का कहना है कि कभी कोई तकलीफ नहीं हुई तो जांच भी नहीं करवाई. जबकि आमतौर पर चिकित्सक ही सलाह देते हैं कि 35 वर्ष से ऊपर की उम्र होने के साथ ही नियमित जांच करवाई जानी चाहिए. जिससे कि आपको समय रहते बीमारी का पता लग जाए और आप उसके शुरुआती चरण में ही इलाज ले सकें. शुरुआती चरण में किसी भी बीमारी का पता लगने पर उसके जड़ से समाप्त होने के आसार ज्यादा होते हैं. इसके बावजूद खुद चिकित्सक ही समय पर जांच नहीं करवाते.

Intro: जो सबका इलाज करें, उसको भी इलाज की तो जरूरत पड़ सकती है लेकिन उसे अपनी बीमारी का तो समय रहते पता चलना ही चाहिए। वे भी यदि आप प्रतिदिन अस्पताल आते हैं तो जांच करवा ही सकते हैं। झुंझुनू में लगे मेडिकल शिविर में आधे से ज्यादा चिकित्साकर्मी ही बीमार मिले।


Body:झुंझुनू। डॉक्टर्स डे पर झुंझुनू में मेडिकलकर्मीयो के लिए विशेष चिकित्सा शिविर लगाया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। मेडिकल फील्ड से जुड़े चिकित्सकों सहित नर्सिंगकर्मी स्टाफ के आधे से अधिक लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हायपर टेंशन जैसी बीमारियां पाई गई। इसमें भी बीमारी होना बड़ी बात नहीं है, अपने आपको परफेक्ट समझ रहे इन चिकित्साकर्मियों को इसका पता भी नहीं था। क्योंकि उन्होंने कभी जांच ही नहीं करवाई और इसलिए उन्हें पता ही नहीं था।


110 लोगों की जांच
जिले के सबसे बड़े अस्पताल भगवानदास खेतान हॉस्पिटल के 110 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। इसमें इन लोगों में नॉन डिजीज बीमारियां ही ज्यादा पाई गई। कभी कोई तकलीफ नहीं हुई तो जांच भी नहीं करवाई। जबकि आमतौर पर चिकित्सक ही सलाह देते हैं कि 35 वर्ष से ऊपर की उम्र होने के साथ ही नियमित जांच करवाई जानी चाहिए। जिससे कि आपको समय रहते बीमारी का पता लग जाए और आप उसके शुरुआती चरण में ही इलाज ले सकें। शुरुआती चरण में किसी भी बीमारी का पता लगने पर उसके जड़ से समाप्त होने के आसार ज्यादा होते हैं। इसके बावजूद खुद चिकित्सक ही समय पर जांच नहीं करवाते।

बाइट
डा कैलाश राहड, वरिष्ठ चिकित्सक


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.