सूरजगढ़ (झुंझुनू). एक ओर तो किसान कोरोना का संकट से जूझ रहे थे. वहीं, दूसरी ओर टिड्डियां भी अब कहर बरपा रही है. जिले में सूरजगढ़ उपखंड इलाके के किसानों का भी कुछ ऐसा ही दर्द है, जो इन दिनों आंसू बनकर झलक रहा है. मानसून के देरी होने के कारण एक वैसे ही खेतों में खड़ी फसलें मुरझाने लगी हैं. ऊपर से बुधवार को आसमान से बरस रही टिड्डियों ने भी किसानों की अच्छी फसल की पैदावार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
बता दें कि बुधवार सुबह से ही सूरजगढ़ उपखंड के सुजडोला, हमीनपुर, लिखवा सहित अन्य गांवो में टिड्डियों का दल झुंड के रूप में आंधी तूफान की तरह आया और खेतों में खड़ी कपास, मूंग, बाजरे व अन्य फसलों को नुकसान करना शुरू कर दिया. आसमान से बरस रही टिड्डियों द्वारा अपनी फसल के खराबे को देख सहम रहे किसानों ने अपने परिजनों के साथ थालिया व तालियां बजाकर टिड्डियों को खेतो से भगाने का प्रयास किया.
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इस दौरान करीब आधी फसलों को टिड्डियों का दल नुकसान पहुंचा चुका था. वहीं, फसल खराबे की अधिक मार सुजडोला गांव के किसानों को अधिक झेलनी पड़ी, यहां पर टिड्डियों के दल ने आतंक मचाते हुए काफी फसलों को नुकसान पहुंचाया. इसके लिए सुजडोला सरपंच सुरेंद्र मेघवाल के नेतृत्व में किसानों ने सरकार से टिड्डियों द्वारा किए गए फसल नुकसान के लिए उचित मुआवजे की मांग की है.
वहीं, खेतो में टिड्डियों के दल के हमले की सूचना के बाद सूरजगढ़ उपखंड प्रशासन ने भी इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. उपखंड अधिकारी अभिलाषा सिंह के निर्देश पर पटवारी, गिरदावरों की टीमों के साथ ही कृषि विभाग को भी मौके के लिए रवाना कर दिया गया है. खैर अब आगे देखना यह होगा कि दोहरी मार झेल रहे किसानों को सरकार की ओर से उचित मुआवजा देकर राहत दी जाती है या नहीं.