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झुंझुनू के प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में धूमधाम से मनाया गई जन्माष्टमी - जन्माष्टमी की खबर

झुंझुनू के सूरजगढ़ कस्बे में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान प्राचीन मंदिर स्वामी रूपदास मंदिर में भी हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. साथ ही मंदिर के महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बीच मंदिर में 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल' की नारें गूजंते रहे.

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Published : Aug 25, 2019, 3:10 PM IST

सूरजगढ़ (झुंझुनू). जिले के सूरजगढ़ कस्बे में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान प्राचीन मंदिर स्वामी रूपदास मंदिर में भी हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. इस बीच महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो गया है. इस बीच मंदिर में 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल' की नारें गूजंते रहे.

प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी

इस बीच शनिवार रात को भजन-कीर्तन भी किया गया. स्थानीय भजन कलाकारों ने भजनो की एक से बढ़कर एक मनमोहक प्रस्तुति से श्रोताओ को झूमने पर मजबूर कर दिया. ठीक 12 बजे के बाद प्रभु जन्म के अवसर पर मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस दौरान देर रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया, जो रविवार को भी जारी है.

यह भी पढे़ं- राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमाएं की गई सील...खुफिया एजेंसियों से मिले थे इनपुट

बता दें की सूरजगढ़ में स्थापित यह मंदिर करीब 435 वर्ष पुराना है. संत स्वामी रूपदास महाराज ने इस मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर की स्थापना के बाद से ही इस मंदिर में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है. इस मंदिर में पूजा करने के लिए केवल सूरजगढ़ ही नहीं दूर दराज के क्षेत्रों से भी श्रद्धालुओं आते हैं.

सूरजगढ़ (झुंझुनू). जिले के सूरजगढ़ कस्बे में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान प्राचीन मंदिर स्वामी रूपदास मंदिर में भी हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. इस बीच महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो गया है. इस बीच मंदिर में 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल' की नारें गूजंते रहे.

प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी

इस बीच शनिवार रात को भजन-कीर्तन भी किया गया. स्थानीय भजन कलाकारों ने भजनो की एक से बढ़कर एक मनमोहक प्रस्तुति से श्रोताओ को झूमने पर मजबूर कर दिया. ठीक 12 बजे के बाद प्रभु जन्म के अवसर पर मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस दौरान देर रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया, जो रविवार को भी जारी है.

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बता दें की सूरजगढ़ में स्थापित यह मंदिर करीब 435 वर्ष पुराना है. संत स्वामी रूपदास महाराज ने इस मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर की स्थापना के बाद से ही इस मंदिर में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है. इस मंदिर में पूजा करने के लिए केवल सूरजगढ़ ही नहीं दूर दराज के क्षेत्रों से भी श्रद्धालुओं आते हैं.

Intro:सूरजगढ़ ( झुंझुनू )
नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
मंदिरो में गूंजे नटखट नंदलाल के जयकारे
स्वामी रूपदास मंदिर में मनाया नंदोत्सव
श्रद्धालुओं का दर्शनों के लिए लगा रहा ताँता
महंत क्रांतिदास के सानिध्य मनाया महोत्सव Body:एंकर :- झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ कस्बे में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम के साथ मनाया गया। प्राचीन मंदिर स्वामी रूपदास मंदिर में भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय आयोजन शनिवार से प्रारंभ हुए। शनिवार रात्री हुई भजन संध्या में स्थानीय भजन कलाकारों ने भजनो की एक से बढ़कर एक मनमोहक प्रस्तुतियां देकर श्रोताओ को झूमने पर मजबूर कर दिया। ठीक 12 बजे के बाद प्रभु जन्म के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। देर रात से शुरू हुआ श्रद्धालुओं का ताँता रविवार को भी जारी रहा। आपको बता दे की सूरजगढ़ में स्थापित यह मंदिर करीब 435 वर्ष पुराना है। संत स्वामी रूपदास महाराज ने इस मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर की स्थापना के बाद से ही इस मंदिर में जन्माष्टमी पर्व खूब धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस मंदिर के प्रति केवल सूरजगढ़ ही नहीं दूर दराज के क्षेत्रो के श्रद्धालुओं में भी खूब आस्था है।

बाईट :- क्रांतिदास महाराज ,महंत, स्वामी रूपदास मंदिर सूरजगढ़ Conclusion:
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