झुंझुनू. कोरोना की इस महामारी में जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने निजी अस्पताल संचालकों से अपील की है कि वे जिला प्रशासन का सहयोग करें. जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, उन्हें डिमांड के अनुसार ऑक्सीजन सिलेण्डरों की आपूर्ति की जा रही है. इसलिए वे मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिलेण्डर स्वयं के अपने स्तर पर लाने के लिए बाध्य नहीं करें. निजी अस्पताल में जैसे ही सिलेण्डर खाली हो, वे तुरंत रिफिलिंग के लिए भिजवा देवें. यह बाते जिला कलेक्टर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कही.
निजी अस्पताल में रेट लिस्ट आवश्यक रूप से चस्पा करवाएं
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर एवं बेड के पास प्रोनिंग स्टेप के पोस्टर आवश्यक रूप से चस्पा करवाएं. इसी प्रकार अस्पताल में पावर कट होने पर जनरेटर व्यवस्था को सुचारू रखने, अतिरिक्त डीजल रखनें के भी निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि निजी अस्पताल में काउंटर और अन्य जगहों पर रेट लिस्ट चस्पा करवाएं, ताकि वहां उपचार के लिए आने वाले लोगों को रेट के बारे में जानकारी दी जा सके. जिले के निजी अस्पतालों की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से जिला कलेक्टर ने कहा कि वे अस्पताल की ऑक्सीजन सिलेण्डर की उपलब्धता, खाली सिलेण्डर की रिफिलिंग करवाने, स्टोक रूम की निगरानी, बेड, अस्पताल में हैल्प डेस्क बनाने सहित परिजनों से उपचार संबंधित फीडबैक लेकर रिपोर्ट करें.
जिले की चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए आगे आए भामाशाह
जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने भामाशाहों से अपील की है कि वे कोरोना महामारी में जिला प्रशासन का सहयोग करें. आज संपूर्ण मानव जीवन पर संकट है, इसमें भामाशाह के रूप में अपनी पहचान रखने वाले जिले के भामाशाहों को आगे आना होगा. जिला कलक्टर ने कहा कि बीडीके अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज होने के बाद अब जिले की सीएचसी पर भी कोरोना का उपचार शुरू कर दिया गया है. इसके लिए चिकित्सकीय संसाधनों की आवश्यकता है.
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वर्तमान समय में अक्सीजन सिलेण्डर, अक्सीजन कंसंटेटर एवं बेड की आवश्यकता है. इसके लिए भामाशाह सहयोग करें. इसी प्रकार अन्य चिकित्सा उपकरण एवं दवाईयों के लिए भी सहयोग किया जा सकता है. वेंटीलेटर्स की भी आवश्यकता आने वाले समय में पड़ सकती है. कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के विभिन्न व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि यथा संभव सभी को सहयोग करना चाहिए. स्वयं करें और अन्य को प्रेरित करें. दोनों ही पुण्य के कार्य हैं. उन्होंने अपील की है कि केवल चिकित्सा से संबंधित संसाधन ही स्वीकार किए जाएंगे, किसी प्रकार की नगद राशि नहीं ली जाएगी.