झुंझुनू. पशुपालन विभाग की महिला पशु चिकित्सकों और महिला पशुधन सहायकों को सशक्त बनाने और उन्हें अपने कार्य क्षेत्र के लिए आत्म निर्भर बनाने के लिए पशुपालन विभाग जल्द ही कदम उठाने जा रहा है. पशुपालन व्यवसाय की वास्तविक कर्णधार महिला पशुपालकों को महिला पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायक से जोड़कर पशुपालकों की आय को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
पशुपालन विभाग में बढ़ रही है महिला कर्मचारियों की तादाद
पशुपालन विभाग में महिला कर्मचारियों की बढ़ती संख्या के मध्यनजर पशुपालकों में महिला पशु चिकित्सा अधिकारियों और पशु चिकित्सा सहायकों का भरोसा बढ़ाने का यह अहम प्रयास साबित होगा. महिला पशुपालकों का विभाग के प्रति सेवाभाव और क्षमता से रूबरू करवाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंर्तगत जिले में प्रथम बार 26 फरवरी को प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक ग्राम गोठ पंचायत समिति बुहाना में डॉ. भावना पशु चिकित्सा अधिकारी मोई सद्दा के नेतृत्व में पशु चिकित्सा एवं बांझ निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस शिविर में सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, बांझ निवारण, कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण टीकाकरण, बधियाकरण, कृमिनाशक औषधियं पिलाना और रोग निदान जांच के लिए पशुओं के सैेंपल के लिए जाने के कार्य किए जाएंगे.
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शिविर में पशुओं के रक्त, गोबर, दूध, पेशाब और अन्य जांच की होगी व्यवस्था
शिविर में डॉ. मिट्ठू कुमारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उदयपुरवाटी, डॉ. माया जेवरीया, डॉ. प्रियंका बुडाना, मंजु पशुधन सहायक उपकेन्द्र पुहानिया, संगीता पशुधन सहायक उपकेन्द्र ढाढोत कलां, ममता पशुधन सहायक भैसावता, सरिता पशुधन सहायक पिलानी, ज्योति पशुधन सहायक बहुउद्देशीय झुंझुनू, अन्य पशु चिकित्सा अधिकारियों पशुधन सहायकों और चिकित्सा कार्य किया जाएगा. इसके अलावा शिविर में पशुओं के रक्त, गोबर, दूध, पेशाब और अन्य जांच जिला रोग निदान प्रयोगशाला के तहत व्यवस्था होगी. जिसमें झुंझुनू प्रयोगशाला में कार्यरत संगीता और अनिता पशुधन सहायक की ओर से डॉ. शिवरतन वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के निर्देशन में यह कार्य किया जाएगा.
इस शिविर की कार्य योजना डॉ. प्यारेलाल मील उपनिदेशक पशुधन विकास झुंझुनू और डॉ. अर्चना राव वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के मार्ग दर्शन में की जाएगी. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आम पशुपालक की पशुपालन विभाग के महिला सेवा प्रदाताओं के प्रति निराशा को समाप्त किया जाना है. साथ ही इन्हें प्रोत्साहन किया जाकर, पशुपालकों को महिला सेवाप्रदाताओं से जोड़ा जाना है.