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3 करोड़ की आड़ में 32 करोड़ को भूले, गरीब परिवारों को दी जानी थी सहायता

झुंझुनू में लॉकडाउन के कारण गत एक माह से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अन्य योजनाओं से आम जनता को मिलने वाली नियमित वित्तीय सहायता में देरी हुई है.

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गरीब परिवारों को दी जानी थी सहायता
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Published : Apr 25, 2020, 3:22 PM IST

झुंझुनू. भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा जारी डेड लाइन के तहत शौचालय से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 31 मार्च 2020 तक प्रत्येक को 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी थी.

गरीब परिवारों को दी जानी थी सहायता

जिले में उक्त तिथि तक 30 हजार 500 लोगों ने शौचालय पूर्ण करवा लिए. परन्तु ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों की ड्यूटी सर्वे तथा खाद्य सामग्री वितरण में लगा दिये जाने के कारण गत एक महीने के दौरान केवल 4 हजार परिवारों को ही शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान किया जा सका है.

शौचालयों के एकमुश्त भुगतान का इंतजार...

जिले के विधायक गण द्वारा की गई अभिशंसा के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं द्वारा 3 करोड़ रुपये की खाद्य सामग्री वितरित की जानी है. इसके लिये पात्र लोगों को ढूंढ़कर पारदर्शी तरीके से वितरण करना स्थानीय कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. इसके चलते जिले के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को नरेगा योजना में दिया जाने वाला रोजगार तथा शौचालयों के पूर्णता प्रमाण पत्र तथा शौचालयों का 32 करोड़ के भुगतान की कार्रवाई प्रभावित हुई है.

यह भी पढ़ेंः झुंझुनूः राशन सामग्री को लेकर ग्राम विकास अधिकारी के साथ मारपीट

कर रहे हैं, भुगतान की व्यवस्था...

जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी विकास अधिकारियों तथा ग्राम पंचायतों के सचिवों को पाबंद किया गया है कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत पूरे हुए 26 हजार शौचालयों का सत्यापन कर अप्रैल के अंत तक 32 करोड़ राशि का शत प्रतिशत भुगतान कराएं.

झुंझुनू. भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा जारी डेड लाइन के तहत शौचालय से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 31 मार्च 2020 तक प्रत्येक को 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी थी.

गरीब परिवारों को दी जानी थी सहायता

जिले में उक्त तिथि तक 30 हजार 500 लोगों ने शौचालय पूर्ण करवा लिए. परन्तु ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों की ड्यूटी सर्वे तथा खाद्य सामग्री वितरण में लगा दिये जाने के कारण गत एक महीने के दौरान केवल 4 हजार परिवारों को ही शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान किया जा सका है.

शौचालयों के एकमुश्त भुगतान का इंतजार...

जिले के विधायक गण द्वारा की गई अभिशंसा के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं द्वारा 3 करोड़ रुपये की खाद्य सामग्री वितरित की जानी है. इसके लिये पात्र लोगों को ढूंढ़कर पारदर्शी तरीके से वितरण करना स्थानीय कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. इसके चलते जिले के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को नरेगा योजना में दिया जाने वाला रोजगार तथा शौचालयों के पूर्णता प्रमाण पत्र तथा शौचालयों का 32 करोड़ के भुगतान की कार्रवाई प्रभावित हुई है.

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कर रहे हैं, भुगतान की व्यवस्था...

जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी विकास अधिकारियों तथा ग्राम पंचायतों के सचिवों को पाबंद किया गया है कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत पूरे हुए 26 हजार शौचालयों का सत्यापन कर अप्रैल के अंत तक 32 करोड़ राशि का शत प्रतिशत भुगतान कराएं.

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