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अवधिपार ऋण चुकाने के लिए किसानों के हित में एकमुश्त समझौता योजना लागू

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Published : Feb 23, 2021, 10:37 AM IST

प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में सहकारी भूमि विकास बैंकों के स्तर पर अवधिपार ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू कर दी है. जिसके तहत सहकारी भूमि विकास बैंको के सभी प्रकार के कृषि/अकृषि ऋण जो 1 जुलाई 2019 को अवधि के बाद की श्रेणी में आते हैं, वे इस योजना के अन्तर्गत पात्र होगें. यह योजना 31 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगी.

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एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू

झुंझुनूं. राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में की गई घोषणा के क्रम में सहकारी भूमि विकास बैंकों के स्तर पर अवधिपार ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू की है. इसके तहत सहकारी भूमि विकास बैंको के सभी प्रकार के कृषि/अकृषि ऋण जो 1 जुलाई 2019 को अवधि के बाद की श्रेणी में आते हैं, वे इस योजना के अन्तर्गत पात्र होगें. यह योजना 31 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगी.

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एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू

इनको मिलेगा योजना का लाभ

बैंक सचिव विभा खेतान ने बताया कि योजनान्तर्गत पात्र खातों में 01 जुलाई 2019 को जो राशि अवधिपार है, उसमें से योजना अंगीकार करने की तिथि को बकाया पर राहत की गणना की जाएगी. पात्र खातों में जो राशि अवधिपार रही है, उसमें से अवधिपार ब्याज, दण्डनीय ब्याज, वसूली व्यय और अन्य व्यय पर 50 प्रतिशत की राहत प्रदान की जाएगी. योजनान्तर्गत पात्र खातों में 01 जुलाई 2019 के पश्चात ऋणी की ओर जो भी चालू किश्तें ड्यू हुई है, उस पर कोई राहत प्रदान नहीं की जाएगी तथा इन किश्तों का चुकाया जाना अनिवार्य है. साथ ही 15 वर्ष और उससे अधिक अवधि के अवधिपार खातों में बकाया मूलधन के बराबर ब्याज वसूल किया जाएगा.

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ऋणी मृत्यु के मामले में रहेंगी ये व्यवस्था

अवधिपार ऋणी को सबसे पहले समझौता राशि की न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि समझौता दिनांक को और शेष राशि 3 माह की अवधि में या 31 मार्च 2021 तक जमा करवाया जाना जरूरी है. मृत्यु के मामले में ऋणी के अवधिपार खाते में बकाया मूलधन के अतिरिक्त समस्त राशि यथा अवधिपार ब्याज, चालू ब्याज, दण्डनीय ब्याज और वसूली व्यय की राहत प्रदान की जाएगी. लेकिन वारिसान कि ओर से खाते में बकाया समस्त मूलधन एकमुश्त जमा करवाकर खाता बंद करवाना अनिवार्य होगा. ऋणी की पात्रता के निर्धारण से जुडे विभिन्न प्रावधान योजनानुसार ही होगें. मृत्यु प्रमाण-पत्र सक्षम प्राधिकारी कि ओर से जारी होना आवश्यक है.

ये भी पढ़ें - हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर में जल्द ही मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास होगा : बीडी कल्ला

बैंक के पक्ष में क्रय की गई भूमि में भी मिलेगा राहत

योजना के अनुसार बैंक के पक्ष में क्रय की गई भूमि, जिसे बैंक कि ओर से अब तक विक्रय नहीं किया गया है, ऐसे मामलों में योजनानुसार राहत प्रदान की जाएगी. इसके लिए बैंक सचिव विभा खेतान ने सभी पात्र ऋणी कृषक को उक्त योजना का लाभ और योजना की विस्तृत जानकारी संबंधित शाखा झुंझुनूं, चिडावा, नवलगढ, गुढागौडजी और खेतडी में प्राप्त कर राशि जमा कराना होगा. वहीं कृषक बकाया खाते के संबध में योजना की जानकारी छूट के लिए प्रधान कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.

झुंझुनूं. राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में की गई घोषणा के क्रम में सहकारी भूमि विकास बैंकों के स्तर पर अवधिपार ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू की है. इसके तहत सहकारी भूमि विकास बैंको के सभी प्रकार के कृषि/अकृषि ऋण जो 1 जुलाई 2019 को अवधि के बाद की श्रेणी में आते हैं, वे इस योजना के अन्तर्गत पात्र होगें. यह योजना 31 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगी.

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एकमुश्त समझौता योजना 2020-21 लागू

इनको मिलेगा योजना का लाभ

बैंक सचिव विभा खेतान ने बताया कि योजनान्तर्गत पात्र खातों में 01 जुलाई 2019 को जो राशि अवधिपार है, उसमें से योजना अंगीकार करने की तिथि को बकाया पर राहत की गणना की जाएगी. पात्र खातों में जो राशि अवधिपार रही है, उसमें से अवधिपार ब्याज, दण्डनीय ब्याज, वसूली व्यय और अन्य व्यय पर 50 प्रतिशत की राहत प्रदान की जाएगी. योजनान्तर्गत पात्र खातों में 01 जुलाई 2019 के पश्चात ऋणी की ओर जो भी चालू किश्तें ड्यू हुई है, उस पर कोई राहत प्रदान नहीं की जाएगी तथा इन किश्तों का चुकाया जाना अनिवार्य है. साथ ही 15 वर्ष और उससे अधिक अवधि के अवधिपार खातों में बकाया मूलधन के बराबर ब्याज वसूल किया जाएगा.

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ऋणी मृत्यु के मामले में रहेंगी ये व्यवस्था

अवधिपार ऋणी को सबसे पहले समझौता राशि की न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि समझौता दिनांक को और शेष राशि 3 माह की अवधि में या 31 मार्च 2021 तक जमा करवाया जाना जरूरी है. मृत्यु के मामले में ऋणी के अवधिपार खाते में बकाया मूलधन के अतिरिक्त समस्त राशि यथा अवधिपार ब्याज, चालू ब्याज, दण्डनीय ब्याज और वसूली व्यय की राहत प्रदान की जाएगी. लेकिन वारिसान कि ओर से खाते में बकाया समस्त मूलधन एकमुश्त जमा करवाकर खाता बंद करवाना अनिवार्य होगा. ऋणी की पात्रता के निर्धारण से जुडे विभिन्न प्रावधान योजनानुसार ही होगें. मृत्यु प्रमाण-पत्र सक्षम प्राधिकारी कि ओर से जारी होना आवश्यक है.

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बैंक के पक्ष में क्रय की गई भूमि में भी मिलेगा राहत

योजना के अनुसार बैंक के पक्ष में क्रय की गई भूमि, जिसे बैंक कि ओर से अब तक विक्रय नहीं किया गया है, ऐसे मामलों में योजनानुसार राहत प्रदान की जाएगी. इसके लिए बैंक सचिव विभा खेतान ने सभी पात्र ऋणी कृषक को उक्त योजना का लाभ और योजना की विस्तृत जानकारी संबंधित शाखा झुंझुनूं, चिडावा, नवलगढ, गुढागौडजी और खेतडी में प्राप्त कर राशि जमा कराना होगा. वहीं कृषक बकाया खाते के संबध में योजना की जानकारी छूट के लिए प्रधान कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.

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