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झुंझुनू: सोलाना के होशियार सिंह का पर्यावरण प्रेम बेमिसाल, अब तक करीब 45 हजार पौधे लगा चुके

झुंझुनू जिले के रहने वाले होशियार सिंह पिछले 9 साल से ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने गांवों में युवाओं की मदद से 9 सालों में स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान,खेल मैदान के साथ साथ आम रास्तों और खेतों की मेड़ों पर करीब 45 हजार से अधिक पौधे लगावाएं हैं.

सोलाना के होशियार सिंह, 45 हजार पौधे लगाए, jhunjhunu news
सोलाना के होशियार सिंह ने कर ली पौधों से दोस्ती
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Published : Jun 5, 2021, 5:27 PM IST

झुंझुनूं. सुल्ताना के सोलाना गांव के एक शख्स सालाना लाखों रुपये खर्च कर झुंझुनूं जिले की सार्वजनिक जगहों पर छायादार पौधें लगा रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के प्रति ऐसा समर्पण की मानो इन्होंने पौधों से ही दोस्ती कर ली हो.

सोलाना के होशियार सिंह ने कर ली पौधों से दोस्ती

होशियार सिंह पिछले 9 साल से ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहे हैं. यहां तक की उन्होंने अपने खेत की चार बीघा जमीन पर्यावरण संरक्षण को समर्पित कर रखी हैं. जहां से हर साल हजारों पौधे तैयार किये जाते हैं, और उनको सार्वजनिक जगहों पर लगाया जाता है.

9 सालों में लगाए 45 हजार पौधे

जिलेभर के गांवों में युवाओं की मदद से 9 सालों में स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान,खेल मैदान के साथ साथ आम रास्तों और खेतों की मेड़ो में करीब 45 हजार से अधिक पौधे लगावा चुके हैं. किसान बताते हैं कि उत्तर दिशा की मेड़ों में पौधे लगने से उनकी फसल सर्दी और पाळे से बची रहती है.

पढ़ें: झुंझुनूं: किसान मेले में बताई गई मेथी उत्पादन की उन्नत तकनीक

होशियार सिंह चाहते है कि दूर दूर फैले रेत के पहाड़ धोरे धीरे हरे भरे हो जाएं. उन्होंने कहा कि जब भी वह श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार में जाते तो वहाँ बैठने के लिए भी छायादार जगह नहीं होती थी. जिसके बाद उन्होंने विचार किया कि क्यों ना इन जगहों पर छायादार पौधे लगाए जाएं. फिर ग्लोबल वार्मिंग के बारे में पढ़ा तो जहन में इस समस्या से निपटने का एक मात्र उपाय हरियाली ही सूझा. जिसके बाद इन्होंने अपने खेत की चार बीघा जमीन में पौधे तैयार कर गांव गांव सार्वजनिक जगहों पर पौधे लगाने शुरू कर दिए.

पौधे से किया बेटी का कन्यादान

होशियारसिंह ने अपनी पुत्री दीपिका की शादी में भी अनूठी पहल की. उन्होंने अपनी बेटी की शादी में कन्यादान में पौधा दिया था. इसके साथ साथ गांव में होने वाले मांगलिक कार्यों में भी पौधारोपण करवा कर ये इसे गांव की परम्परा बनना चाहते हैं. इतना ही नहीं जब भी दूर दराज लगाए गए इन पौधों पर कीट या रोग लग जाता है, तो उसकी सार संभाल भी होशियार सिंह खुद ही करते हैं. इस बार उनके यहां बरगद,पीपल, नीम, पापड़ी, बकाण जैसे छायादार पौधे निशुल्क वितरण के लिए तैयार हो रहे हैं.

झुंझुनूं. सुल्ताना के सोलाना गांव के एक शख्स सालाना लाखों रुपये खर्च कर झुंझुनूं जिले की सार्वजनिक जगहों पर छायादार पौधें लगा रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के प्रति ऐसा समर्पण की मानो इन्होंने पौधों से ही दोस्ती कर ली हो.

सोलाना के होशियार सिंह ने कर ली पौधों से दोस्ती

होशियार सिंह पिछले 9 साल से ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहे हैं. यहां तक की उन्होंने अपने खेत की चार बीघा जमीन पर्यावरण संरक्षण को समर्पित कर रखी हैं. जहां से हर साल हजारों पौधे तैयार किये जाते हैं, और उनको सार्वजनिक जगहों पर लगाया जाता है.

9 सालों में लगाए 45 हजार पौधे

जिलेभर के गांवों में युवाओं की मदद से 9 सालों में स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान,खेल मैदान के साथ साथ आम रास्तों और खेतों की मेड़ो में करीब 45 हजार से अधिक पौधे लगावा चुके हैं. किसान बताते हैं कि उत्तर दिशा की मेड़ों में पौधे लगने से उनकी फसल सर्दी और पाळे से बची रहती है.

पढ़ें: झुंझुनूं: किसान मेले में बताई गई मेथी उत्पादन की उन्नत तकनीक

होशियार सिंह चाहते है कि दूर दूर फैले रेत के पहाड़ धोरे धीरे हरे भरे हो जाएं. उन्होंने कहा कि जब भी वह श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार में जाते तो वहाँ बैठने के लिए भी छायादार जगह नहीं होती थी. जिसके बाद उन्होंने विचार किया कि क्यों ना इन जगहों पर छायादार पौधे लगाए जाएं. फिर ग्लोबल वार्मिंग के बारे में पढ़ा तो जहन में इस समस्या से निपटने का एक मात्र उपाय हरियाली ही सूझा. जिसके बाद इन्होंने अपने खेत की चार बीघा जमीन में पौधे तैयार कर गांव गांव सार्वजनिक जगहों पर पौधे लगाने शुरू कर दिए.

पौधे से किया बेटी का कन्यादान

होशियारसिंह ने अपनी पुत्री दीपिका की शादी में भी अनूठी पहल की. उन्होंने अपनी बेटी की शादी में कन्यादान में पौधा दिया था. इसके साथ साथ गांव में होने वाले मांगलिक कार्यों में भी पौधारोपण करवा कर ये इसे गांव की परम्परा बनना चाहते हैं. इतना ही नहीं जब भी दूर दराज लगाए गए इन पौधों पर कीट या रोग लग जाता है, तो उसकी सार संभाल भी होशियार सिंह खुद ही करते हैं. इस बार उनके यहां बरगद,पीपल, नीम, पापड़ी, बकाण जैसे छायादार पौधे निशुल्क वितरण के लिए तैयार हो रहे हैं.

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