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हिंदी शॉर्ट फिल्म 'मौत के बाद. . . किसान' 11 मार्च को होगी रिलीज

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Published : Mar 7, 2021, 7:57 PM IST

सीकर के फतेहपुर कस्बे के निवासी मनीष ढाका ने किसानों के जीवन पर आधारित शॉर्ट फिल्म मौत के बाद किसान का फिल्मांकन किया. फिल्म की पूरी शूटिंग ग्रामीण परिवेश में कई गई है. इससे ग्रामीण अंचल में रहने वाले किसानों की समस्याओं का छायाकन उचित रूप से हो पाया है.

हिंदी शॉर्ट फिल्म, Hindi short film
हिंदी शॉर्ट फिल्म 'मौत के बाद. . . किसान'

झुंझुनू. शेखावाटी के युवाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी धाक जमाई है, इसी में अब फिल्मी जगत भी इससे अछूता नहीं रहा है. सीकर के फतेहपुर कस्बे के एक छोटे से गांव हिरणा निवासी मनीष ढाका ने किसानों के जीवन पर आधारित शॉर्ट फिल्म मौत के बाद किसान का फिल्मांकन कर फिल्मी जगत में भी शेखावाटी का नाम रोशन करने का प्रयास किया है. इससे पहले ये पेंटिंग में भी अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं.

पढ़ेंः राजस्थान विधानसभा में कल से मंत्री और विधायकों को लगेगी कोरोना वैक्सीन

ज्ञात रहे कि मनीष ढाका पेंटिंग में एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं. इनका कहना है कि ये खुद एक किसान के परिवार से हैं, इसलिए किसान के जीवन की समस्याओं को उजागर करना इनका कर्तव्य है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन्होंने फिल्म के लिए किसानों की पृष्ठभूमि का चुनाव किया. फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब पर बहुत पसंद किया जा रहा है और लोगों में फिल्म को लेकर अभी से उत्साह चरम पर है.

ये है फिल्म में मुख्य किरदारः

फिल्म में मुख्य भूमिका में मनीष ढाका, निशा शर्मा, पंकज भूखर, राजेन्द्र चिरानिया, बाल कलाकार राजलक्ष्मी पूनियां हैं. साथ ही सहायक भूमिका में सरिता देवी, विनोद दूत हितेश चलका, रुचिराज और पूनम चौधरी हैं. सह निर्देशक, कैमरामैन और एडिटर मनोज मन्नू परदेशी है. फिल्म की पटकथा ओम प्रकाश ओएमजी ने लिखी है. फिल्म में गाने जाने माने गीतकार राकेश छोकर, डॉ. संजीव कुमारी, जितेंद्र पांडे ने लिखे हैं. सिंगर मुकेश दुलगच है. पोस्ट प्रोडक्शन डिवाइन स्टूडियों झुंझुनू में है.

पढ़ेंः एक दिवसीय दौरे पर प्रतापगढ़ पहुंचे सतीश पूनिया, जानें क्या कहा

ग्रामीण परिवेश में शूट किया है मौत के बाद. . . किसान को

फिल्म की पूरी शूटिंग ग्रामीण परिवेश में कई गई है. इससे ग्रामीण अंचल में रहने वाले किसानों की समस्याओं का छायाकन उचित रूप से हो पाया है. शूटिंग के लिए मुख्य स्थल रामनगर गुंगारा है.

महज 22 साल के हैं मनीष ढाका

अपनी एक्टिंग से सबका मन मोह लेने वाले फिल्म के निर्माता निदेशक आर्टिस्ट मनीष ढाका महज 22 साल के हैं. इतनी सी उम्र में इन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में शेखावाटी से पहला कदम बढ़ा दिया है. फिल्म में विशेष सहयोग लक्ष्य स्कूल बीदासर के डायरेक्टर प्रदीप कृष्णियां का रहा है.

झुंझुनू. शेखावाटी के युवाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी धाक जमाई है, इसी में अब फिल्मी जगत भी इससे अछूता नहीं रहा है. सीकर के फतेहपुर कस्बे के एक छोटे से गांव हिरणा निवासी मनीष ढाका ने किसानों के जीवन पर आधारित शॉर्ट फिल्म मौत के बाद किसान का फिल्मांकन कर फिल्मी जगत में भी शेखावाटी का नाम रोशन करने का प्रयास किया है. इससे पहले ये पेंटिंग में भी अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं.

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ज्ञात रहे कि मनीष ढाका पेंटिंग में एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं. इनका कहना है कि ये खुद एक किसान के परिवार से हैं, इसलिए किसान के जीवन की समस्याओं को उजागर करना इनका कर्तव्य है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन्होंने फिल्म के लिए किसानों की पृष्ठभूमि का चुनाव किया. फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब पर बहुत पसंद किया जा रहा है और लोगों में फिल्म को लेकर अभी से उत्साह चरम पर है.

ये है फिल्म में मुख्य किरदारः

फिल्म में मुख्य भूमिका में मनीष ढाका, निशा शर्मा, पंकज भूखर, राजेन्द्र चिरानिया, बाल कलाकार राजलक्ष्मी पूनियां हैं. साथ ही सहायक भूमिका में सरिता देवी, विनोद दूत हितेश चलका, रुचिराज और पूनम चौधरी हैं. सह निर्देशक, कैमरामैन और एडिटर मनोज मन्नू परदेशी है. फिल्म की पटकथा ओम प्रकाश ओएमजी ने लिखी है. फिल्म में गाने जाने माने गीतकार राकेश छोकर, डॉ. संजीव कुमारी, जितेंद्र पांडे ने लिखे हैं. सिंगर मुकेश दुलगच है. पोस्ट प्रोडक्शन डिवाइन स्टूडियों झुंझुनू में है.

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ग्रामीण परिवेश में शूट किया है मौत के बाद. . . किसान को

फिल्म की पूरी शूटिंग ग्रामीण परिवेश में कई गई है. इससे ग्रामीण अंचल में रहने वाले किसानों की समस्याओं का छायाकन उचित रूप से हो पाया है. शूटिंग के लिए मुख्य स्थल रामनगर गुंगारा है.

महज 22 साल के हैं मनीष ढाका

अपनी एक्टिंग से सबका मन मोह लेने वाले फिल्म के निर्माता निदेशक आर्टिस्ट मनीष ढाका महज 22 साल के हैं. इतनी सी उम्र में इन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में शेखावाटी से पहला कदम बढ़ा दिया है. फिल्म में विशेष सहयोग लक्ष्य स्कूल बीदासर के डायरेक्टर प्रदीप कृष्णियां का रहा है.

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