नई दिल्ली: बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के पुलिस ने एनकाउंटर मार गिराया. 24 वर्षीय अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था.
बदलापुर के स्कूल में संविदा सफाईकर्मी अक्षय शिंदे को कथित तौर पर स्कूल के शौचालय में दो लड़कियों का यौन शोषण करने के पांच दिन बाद यानी 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. उसको पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे गोली मारी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजय शिंदे ने कथित तौर पर पूर्व में निलंबित 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा के साथ काम किया है. एक अधिकारी ने पहले बताया था कि सोमवार शाम को ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास उसकी उस समय हत्या कर दी गई , जब उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक कथित तौर पर छीन ली थी. उस समय उसे उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था.
अधिकारी ने बताया कि अक्षय ने पुलिस पर गोली चलाई. इसके बाद पुलिस एस्कॉर्ट टीम के एक अन्य अधिकारी ने उसे गोली मार दी. उसे कलवा नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. गोलीबारी में संजय शिंदे और सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे भी घायल हो गए.
एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में काम कर चुके है संजय शिंदे
इंडिया टुडे ने बताया कि संजय शिंदे पहले ठाणे पुलिस क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में काम कर चुके थे, जिसका नेतृत्व उस समय प्रदीप शर्मा कर रहे थे. वह गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार करने वाली टीम का हिस्सा थे.
100 से अधिक अपराधियों को ढेर किया
प्रदीप शर्मा ने मुंबई पुलिस में 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के रूप में ख्याति अर्जित की, जिन्हें अपने पूरे करियर में 100 से अधिक अपराधियों को ढेर करने का क्रेडिट दिया जाता है. 1983 में पुलिस बल में शामिल होने के बाद, प्रदीप शर्मा ने 1990 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड के सदस्यों, विशेष रूप से दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन गिरोह से जुड़े लोगों के खिलाफ हाई-प्रोफाइल मुठभेड़ों में अपनी भूमिका के लिए प्रमुखता हासिल की.
2006 के फर्जी एनकाउंटर
हालांकि, बाद में शर्मा को लखन भैया के 2006 के फर्जी एनकाउंटर में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जो कथित तौर पर छोटा राजन का पूर्व सहयोगी था. संजय शिंदे ने मुंबई पुलिस में भी काम किया है. वर्तमान में बदलापुर रेप मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के आरोपी विजय पलांडे के पुलिस हिरासत से भागने के बाद संजय शिंदे को निलंबित कर दिया गया और जांच की गई. उन पर पलांडे को भागने में मदद करने का आरोप लगाया गया था, क्योंकि यह पता चला था कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे और पलांडे की कार में शिंदे की वर्दी मिली थी. 2014 में शिंदे को मुंबई पुलिस ने फिर से बहाल कर दिया था.
CID करेगी अक्षय शिंदे की मौत की जांच
बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की हत्या की जांच करेगी CID न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र का अपराध जांच विभाग (CID ) अक्षय शिंदे की मौत की जांच करेगा. मंगलवार को फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की एक टीम ने पुलिस वाहन की जांच की, जिसमें अक्षय शिंदे को कथित तौर पर पुलिस ने गोली मारी थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चूंकि यह घटना पुलिस हिरासत में मौत से संबंधित है, इसलिए इसकी जांच महाराष्ट्र सीआईडी करेगी. उन्होंने कहा कि सीआईडी अधिकारियों की एक टीम मुंब्रा बाईपास पर उस स्थान का दौरा करेगी जहां घटना हुई थी. उन्होंने कहा कि वे उस समय वाहन में मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज करेंगे. सीआईडी अधिकारी अक्षय शिंदे के माता-पिता के बयान भी दर्ज करेंगे.
बता दें कि अक्षय शिंदे का शव मंगलवार सुबह ठाणे के कलवा सिविक अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए सरकारी जेजे अस्पताल ले जाया गया. अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी में बंद कमरे में किया जाएगा. अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने अपने बेटे की हत्या की जांच की मांग की है. उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस के इस दावे को चुनौती दी है कि उसने पहले एक पुलिसकर्मी पर गोली चलाई जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.
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