झुंझुनू. जिले में पहली बार जिला प्रमुख पद पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया है और यहां पर सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्रवधू हर्षिनी कुलहरी जिला प्रमुख बन गई है. हर्षिनी कुलहरी को कुल 35 में से 26 मत मिले. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर केवल 20 सदस्य ही जीत कर आए थे. यानी दोनों निर्दलियों का भी समर्थन भाजपा को मान लिया जाए तब भी यह तय है कि कांग्रेस के चार सदस्यों ने भी भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है. कांग्रेस के सिंबल पर 13 सदस्य जीत कर आए थे, लेकिन कांग्रेस की उम्मीदवार अंजू कस्वां को केवल 9 ही मत मिले.
गुटबाजी में बटी है कांग्रेस
जिले में कांग्रेस पूरी तरह से गुटों में बंटी हुई है और जहां पर एक और विधायक बृजेंद्र ओला का ग्रुप है तो दूसरी ओर मंडावा विधायक रीटा चौधरी का उनसे 36 का आंकड़ा है. इसके अलावा कांग्रेस की कार्यकारिणी नहीं होने की वजह से कोई यह भी देखने वाला नहीं है कि वोट कहां पर जा रहे हैं और किसको सिंबल दिया जाना है. चुनाव में निवर्तमान जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह गुर्जर पूरी तरह से गायब दिखाई दिए.
बाड़ेबंदी से सीधे आए मतदान करने
वहीं भाजपा की ओर से बाड़ेबंदी की गई और उनके 21 सदस्य सीधे होटल से मतदान करने पहुंचे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के सदस्य अलग-अलग समय पर मतदान करने पहुंचे और इससे साफ जाहिर हो रहा था कि पार्टी में कहीं भी कॉन्बिनेशन नहीं है.
भाजपा का प्रधान पद पर कब्जा
झुंझुनू जिले की सूरजगढ़ पंचायत समिति में पिछले साल हुए प्रधान के उप चुनावों में मिली हार का बदला लेते हुए भाजपा ने एक बार फिर प्रधानी पद पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है. भाजपा के बलवान सिंह पंचायत समिति के प्रधान निर्वाचित हुए है. भाजपा के बलवान सिंह सिंह ने कांग्रेस के शेरसिंह नेहरा को मात देते हुए प्रधानी पद पर कब्ज़ा जमाया है.
बता दें कि पंचायत समिति के कूल 17 वार्डों में भाजपा के 10 सदस्य तो कांग्रेस के 7 सदस्य निर्वाचित हुए थे. पंचायत समिति परिसर में रिटर्निंग अधिकारी अभिलाषा सिंह की देखरेख में प्रधान का चुनाव हुआ. प्रधान पद के लिए भाजपा से बलवान सिंह और कांग्रेस से पूर्व प्रधान शेरसिंह नेहरा और उनकी पत्नी शांति देवी ने नामांकन भरा था. नामांकन की जांच के दौरान शांति देवी का फार्म रद्द हो गया. जिसके बाद भाजपा के बलवान सिंह व कांग्रेस के शेरसिंह नेहरा के बिच सीधा मुकाबला था.
भाजपा के पास 10 सदस्य होने के बाद उनका प्रधान तय था लेकिन क्रॉस वोट की आशंका होने की संभावनाएं थी लेकिन बलवान सिंह ने कांग्रेस के 7 वोटों में सेंधमारी कर 12 मत हासिल कर शेरसिंह नेहरा को 7 मतों से हराकर विजय हासिल की.
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बता दें कि गुरुवार को हुए प्रधानी पद पर भाजपा को उप चुनाव छोड़कर लगातार तीसरी जीत हासिल हुई है. 2010 के चुनावों यहां से भाजपा की सविता देवी प्रधान बनी थी. 2015 के चुनावों में यहां पर भाजपा के शुभाष पूनिया प्रधान बने थे. 2018 में प्रधान शुभाष पूनिया के विधायक निर्वाचन होने के बाद 2019 में हुए उपचुनावों में यहां कांग्रेस की सुरेश देवी प्रधान बनी थी. 2020 के मुख्य चुनावों में एक बार फिर भाजपा के बलवान सिंह ने यहां जीत हासिल कर पंचायत समिति के मुख्य चुनावों में लगातार तीसरी बार भाजपा का कमल खिलाया है. चुनावों में जीत के बाद प्रधान बलवान सिंह ने सभी को साथ लेकर बिना किसी भेदभाव के विकास करने की बात कही है.