झुंझुनूं. कहा जाता है अगर किसी भी नेक कार्य के लिए अच्छी सोच-भावना व लगन पैदा हो जाए तो उस कार्य में हर कोई साथ निभाने के लिए सहर्ष तैयार हो जाता है. कुछ ऐसी से शुरूआत निकटवर्ती गांव लालपुर के चार युवाओं ने कर डाली और इसी का परिणाम अब होगा कि शीध्र ही गांव के विद्यार्थियों टूटे-फूटे जर्जर विद्यालय भवन से मुक्ति मिल जाएगी.
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही गांव की स्कूल की जर्जर हालत देखकर उसमें पढ़े चार युवाओं ने स्कूल के लिए नया भवन बनाने के लिए सहयोग जुटाने की शुरूआत की. तो चंद दिनों में ही ये पूरे गांव में मुहिम बन गई. और गांव में हर व्यक्ति ने स्कूल का नया भवन बनाने के लिए अपनी तरफ से सहयोग देने व दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसी के साथ ही अब लालपुर के ग्रामीणों ने गांव के स्कूल के नए भवन के लिए अभी तक 41 लाख 51 हजार रुपए एकत्रित कर लिए हैं और नए भवन के लिए भूमि पूजन भी हो गया है.
चार युवाओं की सोच को पूरे गांव ने किया नमस्कार
जानकारी के अनुसार लालपुर के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन काफी समय से जर्जर था. इसे लेकर बच्चों के परिजन हर पल अशंकित रहते थे. इस स्कूल में पढ़ चुके गांव के ही चार युवाओं प्रमोद लालपुरिया, मनीराम लांबा, प्रभु लांबा और नरेंद्र नूनिया ने स्कूल भवन को नए सिरे से बनाने के लिए अभियान शुरू किया.
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इसी के साथ इन चारों ने गांव वालों से स्कूल के लिए नया भवन बनाने में सहयोग मांगा. इसके बाद गांव के हर घर से स्कूल भवन के लिए सहयोग मांगा गया. इसमें ग्रामीण भी पीछे नहीं रहे और देखते ही देखते नये स्कूल भवन के लिए लाखों रूपये जमा हो गए.
50 रूपये से पांच लाख तक का मिला सहयोग
गांव की सरकारी स्कूल के नये भवन के लिए सभी ने अपने सामर्थर्य के अनुसार सहयोग दिया. ग्रामीणों ने नए भवन के लिए 50 रूपए से 5 लाख रुपए तक का सहयोग दिया. सबसे ज्यादा सहयोग आनंदीलाल लालपुरिया ने 5 लाख रुपए के रूप में दिया है. अब नए भवन में 12 कमरे, एक मीटिंग हॉल, बरामदे सहित विभिन्न निर्माण कार्य करवाए जाएंगे.
इसी के साथ आज गांव के सबसे उम्र दराज नौरंग राम महला के हाथों भूमि पूजन करवा कर इस नेक कार्य का शुभांरभ भी कर दिया गया है. इस दौरान ग्राम पंचायत सरपंच रुकमणी देवी, पूर्व सरपंच गिरधारी लाल स्वामी, महावीर प्रसाद नूनिया, कैप्टन गोपीचंद जांगिड़, नारायण सिंह झूरिया, रामचंद्र जाखड़, सत्तार पठान, विनोद गुप्ता, सत्यपाल सिंह, रमेश काजला, डॉ. रोहिताश झाझडिय़ा, हनुमान सिंह नूनिया, लक्ष्मण सिंह शेखावत आदि मौजूद थे.