झुंझुनू. पंचायती राज संस्थाओं में पुरानी तारीखों में कामों की स्वीकृतियां जारी कर राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा सरपंच, प्रधान और प्रमुख के साथ मिलीभगत करते हुए चेक द्वारा भुगतान कर देने की प्रवृति पर राज्य सरकार द्वारा रोक लगाई जा रही है.
पंचायती राज विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से पंचायतीराज संस्थाओं को हस्तांतरित होने वाली राशि में पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से संस्थाओं के खातों में प्राप्त होगी.
अपने हस्ताक्षर करवाने होंगे पंजीकृत
ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा किया जाने वाला प्रत्येक भुगतान भी प्रियासोफ्ट इंटरफेस सिस्टम द्वारा ही किया जा सकेगा. इसके लिए सरपंच, सचिव, विकास अधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपनी डीएसीसी (DSC) अर्थात डिजिटल सिग्नेचरी सर्टिफिकेट पंजीकृत करवानी होगी.
उक्त डीएससी भुगतान कर्ता के मोबाइल नम्बर, बैंक खाता नम्बर, आईएफएससी (IFSC) कोड के आधार पर जारी होगी, जिसे बार-बार परिवर्तित नही किया जा सकेगा. जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट के अनुसार जुलाई माह से यह सिस्टम लागू कि जा रहा है, जिसके लागू होने से प्रत्येक पंचायत का भुगतान ऑनलाइन ही होगा.
हर तरह के लेनदेन का रिकॉर्ड
इस तरह से लेनदेन होने के चलते पंचायतों का छोट सा छोटा काम ऑनलाइन ही होग. उसे सभी अधिकारी आसानी से मॉनिटर कर सकेंगे. इसके अलावा उसको आम जनता के लिए भी उपलब्ध करवाया जा सकेगा, ताकि किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन की अनियमितता पब्लिक सेक्टर की ओर से भी पकड़ी जा सके.