ETV Bharat / state

झुंझुनू जिला मुख्यालय पर किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन, दी ये चेतावनी

author img

By

Published : Jul 23, 2020, 5:44 PM IST

झुंझुनू में गुरुवार को विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं तो किसान अपनी मर्यादाओं को लांघकर अनिश्चितकालीन और ग्राम बंद का आंदोलन शुरू करेंगे.

किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन, Farmers protest at jhunjhnu
किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन

झुंझुनू. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया गया कि गत खरीफ सीजन से ही लगातार किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं.

किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन

इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम विद्युत उपयोग को आधार मान कर गलत विजिलेंस कार्रवाई डेमो में पर्याप्त पानी होने के बावजूद सिंचाई हेतु नहीं देने, समर्थन मुद्रा पर खरीद औपचारिकता के साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 883 रुपए मासिक का अनुदान रोक कर और विद्युत बिलों में पेलेंटी शुरू कर दी. जिसने किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम कर रहा है.

पढ़ेंः राजस्थान : CM गहलोत के बड़े भाई के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

कोरोना महामारी से किसान परेशान...

इस बीच किसानों को कोरोना महामारी संकट से जल्द खराब होने वाली सब्जी, फल और फूलों की फसलों में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा हैं. वहीं शेष कृषि जैसों के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई. जिससे किसान कृषि विद्युत के बिल जमा करवाने में समर्थ नहीं है. ऐसे में प्रदेश के किसान अनुदान समायोजित हुए बिना पेलेंटी जोड़कर गलत जारी किए गए. जिससे कृषि विद्युत बिलों के बहिष्कार का निर्णय करने को किसान मजबूर हो गए हैं.

किसानों की मुख्य मांगें...

आगामी 6 माह के किसानों के कृषि और घरेलू विद्युत बिल माफ किए जाएं, विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए, 1 वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नहीं जोड़ी जाए, गेहूं की खरीद का मापदंड पुराने वर्ष की खरीद के आंकड़े से किया जाता है, जो गलत है. अतः खरीद तत्कालीन वर्ष के उत्पादन के आंकड़े के अनुसार किया जाए.

ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में कटौती और बकाया खत्म कर चुके ओवरड्यूज खातों, नेशनल शेयर धारक को ऋण पुनः शुरू कर साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ऋण दिया जाए, टीडी नियंत्रण हेतु केमिकल और डीजल किसानों को निशुल्क और सुलभ उपलब्ध करवाया जाए और टिड्डियों से फसल खराबे का मुआवजा देना सुनिश्चित करें.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री गहलोत

फसल बीमा में जोखिम राशि और गारंटी ऊपज गलत निर्धारित है, इस विसंगतियों को दूर किया जाए, स्वीकृत और प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाए. इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो किसान अपनी मर्यादाओं को लांघकर अनिश्चितकालीन आंदोलन और ग्राम बंद का आंदोलन शुरू करेंगे.

झुंझुनू. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया गया कि गत खरीफ सीजन से ही लगातार किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं.

किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन

इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम विद्युत उपयोग को आधार मान कर गलत विजिलेंस कार्रवाई डेमो में पर्याप्त पानी होने के बावजूद सिंचाई हेतु नहीं देने, समर्थन मुद्रा पर खरीद औपचारिकता के साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 883 रुपए मासिक का अनुदान रोक कर और विद्युत बिलों में पेलेंटी शुरू कर दी. जिसने किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम कर रहा है.

पढ़ेंः राजस्थान : CM गहलोत के बड़े भाई के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

कोरोना महामारी से किसान परेशान...

इस बीच किसानों को कोरोना महामारी संकट से जल्द खराब होने वाली सब्जी, फल और फूलों की फसलों में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा हैं. वहीं शेष कृषि जैसों के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई. जिससे किसान कृषि विद्युत के बिल जमा करवाने में समर्थ नहीं है. ऐसे में प्रदेश के किसान अनुदान समायोजित हुए बिना पेलेंटी जोड़कर गलत जारी किए गए. जिससे कृषि विद्युत बिलों के बहिष्कार का निर्णय करने को किसान मजबूर हो गए हैं.

किसानों की मुख्य मांगें...

आगामी 6 माह के किसानों के कृषि और घरेलू विद्युत बिल माफ किए जाएं, विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए, 1 वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नहीं जोड़ी जाए, गेहूं की खरीद का मापदंड पुराने वर्ष की खरीद के आंकड़े से किया जाता है, जो गलत है. अतः खरीद तत्कालीन वर्ष के उत्पादन के आंकड़े के अनुसार किया जाए.

ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में कटौती और बकाया खत्म कर चुके ओवरड्यूज खातों, नेशनल शेयर धारक को ऋण पुनः शुरू कर साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ऋण दिया जाए, टीडी नियंत्रण हेतु केमिकल और डीजल किसानों को निशुल्क और सुलभ उपलब्ध करवाया जाए और टिड्डियों से फसल खराबे का मुआवजा देना सुनिश्चित करें.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री गहलोत

फसल बीमा में जोखिम राशि और गारंटी ऊपज गलत निर्धारित है, इस विसंगतियों को दूर किया जाए, स्वीकृत और प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाए. इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो किसान अपनी मर्यादाओं को लांघकर अनिश्चितकालीन आंदोलन और ग्राम बंद का आंदोलन शुरू करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.