झुंझुनूं. किसानों के मसीहा सरदार हरलाल सिंह की 121वीं जयंति उनके पैतृक गांव हनुमानपुरा में शुक्रवार को सरदार हरलाल सिंह स्मारक स्थल पर आयोजित की गई. स्मारक स्थल पर किसानों की गौष्ठी का आयोजन भी किया गया. स्मारक सामिति के संयोजक राजन चौधरी ने सरदार हरलाल सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला. साथ ही कहा कि किसानों के हितों के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वालो से प्रेरणा लेनी चाहिए. चौधरी ने कहा कि 1925 में हनुमानपुरा जैसे छोटे से गांव में सरदार हरलाल सिंह ने शिक्षा की अलख जगाकर विद्यालय प्रारम्भ करवाया. उन्ही की देन है कि आज नजदीक के सभी गांवों में शिक्षा का स्तर बेहतर है.
जीवन काल में सदैव दूसरों की भलाई
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोपाल ने कहा कि किसानों के मसीहा सरदार हरलाल सिंह ने अपने जीवन काल में सदैव दूसरों की भलाई की. जिसके कारण सरदार हरलाल सिंह को हर वर्ष उनकी याद में जयंति और पुण्य तिथि पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. उन्होनें कहा कि आजादी से पहले किसानों की स्थिति बहुत ही बद्तर थी. जिसे सुधारने के लिए सरदार हरलाल सिंह ने अपना जीवन समर्पित कर दिया.
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पूर्व सरपंच हरिराम चंदवा ने कहा कि सरदार हरलाल सिंह किसानों के ही नहीं गरीब और आम आदमी के लिए भी शिक्षा में बराबरी का दर्जा देने का काम किया. उन्होनें छुआछुत, मृत्यु भोज और बाल विवाह जैसी कुरितियों को बंद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
नशा मुक्त समाज की परिकल्पना
इस अवसर पर नरेश खादी वाला ने कहा कि सरदार हरलाल सिंह युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर नशा मुक्त समाज की परिकल्पना की थी. उसे साकार करना हम सभी की जिम्मेदारी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरंपच सावित्री देवी ने सरदार हरलाल सिंह के बताए मार्ग पर चलने की अपील करते हुए सभी का आभार प्रकट किया.