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कर्जे से परेशान होकर किसान ने की आत्महत्या

झुंझुनू में दलित किसान ने कर्जे से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया. वहीं जिला प्रशासन की प्रेरणा से पांच दानदाताओं ने पीड़ित परिवार को 1 लाख 36 हजार का आर्थिक सहयोग प्रदान किया.

किसान ने की आत्महत्या
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Published : Jul 8, 2019, 2:59 PM IST

झुंझुनू. जिले में बेटी की डोली और बेटों की बारात देखे बिना ही दलित किसान ने कर्जे से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. अब भामाशाहों ने सहायता देने के लिए कदम आगे बढ़ाए हैं.गांव कोलिंडा उत्तराधा में गरीबी से मजबूर होकर मौत को गले लगाने वाले किसान ताराचंद मेघवाल की बेटी और दोनों बेटों की शादी नियत समय पर होगी.

किसान ने की आत्महत्या

जिला प्रशासन की प्रेरणा से पांच दानदाताओं ने पीड़ित परिवार को 1 लाख 36 हजार का आर्थिक सहयोग प्रदान किया. परिवार को सहायता देने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र अग्रवाल दानदाताओं को साथ लेकर कोलिंडा पहुंचे.जहां परिवार को संबल प्रदान करते हुए शादी के कार्यक्रम

तयशुदा तरीके से ही करने का निवेदन किया. एडीएम अग्रवाल और दानदाताओं ने 1 लाख 36 हजार की राशि ताराचंद के पिता भागीरथ मेघवाल और उसके बेटों को सौंपते हुए सरकार के स्तर पर हर संभव सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया.

झुंझुनू. जिले में बेटी की डोली और बेटों की बारात देखे बिना ही दलित किसान ने कर्जे से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. अब भामाशाहों ने सहायता देने के लिए कदम आगे बढ़ाए हैं.गांव कोलिंडा उत्तराधा में गरीबी से मजबूर होकर मौत को गले लगाने वाले किसान ताराचंद मेघवाल की बेटी और दोनों बेटों की शादी नियत समय पर होगी.

किसान ने की आत्महत्या

जिला प्रशासन की प्रेरणा से पांच दानदाताओं ने पीड़ित परिवार को 1 लाख 36 हजार का आर्थिक सहयोग प्रदान किया. परिवार को सहायता देने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र अग्रवाल दानदाताओं को साथ लेकर कोलिंडा पहुंचे.जहां परिवार को संबल प्रदान करते हुए शादी के कार्यक्रम

तयशुदा तरीके से ही करने का निवेदन किया. एडीएम अग्रवाल और दानदाताओं ने 1 लाख 36 हजार की राशि ताराचंद के पिता भागीरथ मेघवाल और उसके बेटों को सौंपते हुए सरकार के स्तर पर हर संभव सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया.

Intro:कहा जाता है की किसी के जाने से इस दुनिया में कुछ नहीं रुकता है । दलित किसान के कर्जे से परेशान होकर मौत को गले लगाने के बाद भी उनके घर में जो शादी होनी है , तय समय पर होगी। हालांकि शादी मैं परिवार जन हर पल ताराचंद को याद करते रहेंगे।


Body:झुंझुनू। बेटी की डोली और बेटों की बारात देखे बिना ही दलित किसान कर्जे से परेशान होकर इस दुनिया से चला गया है। अब भामाशाहों ने सहायता देने के लिए कदम आगे बढ़ाए है।.
गांव कोलिंडा उत्तराधा में गरीबी से मजबूर होकर मौत को गले लगाने वाले किसान ताराचंद मेघवाल की बेटी तथा दोनों बेटों की शादी नियत समय पर होगी। जिला प्रशासन की प्रेरणा से पांच दानदाताओं ने पीड़ित परिवार को 136000 का आर्थिक सहयोग प्रदान किया। परिवार को सहायता देने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र अग्रवाल दानदाताओं को साथ लेकर कोलिंडा पहुंचे और परिवार को संबल प्रदान करते हुए शादी के कार्यक्रम तयशुदा तरीके से ही करने का निवेदन किया। एडीएम अग्रवाल तथा दानदाताओं ने 136000 की राशि ताराचंद के पिता भागीरथ मेघवाल तथा उसके बेटे बेटो को सौंपते हुए सरकार के स्तर पर हर संभव सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया।


बेटों की शादी होगी साधारण तरीके से
सरपंच महावीर प्रसाद तथा गांव के आजम खान ने दानदाताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों का आभार जताया। बिसाऊ के समाजसेवी सुरेंद्र ज्याणी तथा महेश सिहाग आदि लोग सोमवार को होने वाली ताराचंद की बेटी संगीता की शादी में शामिल होंगे तथा अपनी तरफ से आर्थिक सहयोग करेंगे। मृतक के बेटे रविंद्र तथा वीरेंद्र की शादी भी 9 जुलाई को ही साधारण तरीके से होगी। गौरतलब है कि घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण तनाव में आकर ताराचंद ने शुक्रवार को फांसी लगा जान दे दी। जिला प्रशासन की पहल पर झुंझुनू के सलीम चौहान ने 50,000, शिवकरण जानू, कमल कांत शर्मा व चौधरी मनीराम रेवाड़ ट्रस्ट सैसवास की तरफ से 25 25 हजार रुपए बतौर सहायता दी गई। इसी प्रकार झुंझुनू के आलम फारुकी ने 11000 की राशि पीड़ित परिवार को प्रदान की।

बाइट
अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र अग्रवाल


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