झुंझुनू. देश में महामारी के रूप में उभरे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जब लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो ऐसी विपदा की स्थिति में भी झुंझुनू के पूर्व सैनिकों ने आगे आकर मोर्चा संभाला. झुंझुनू के हर गांव में जाने वाली किसी सड़क पर अगर आप देखेंगे, तो बस स्टैंड पर लगी हुई मूर्तियां ही बता देती हैं, कि यहां के लोग देश पर जान देने में हमेशा आगे रहे हैं.
ऐसे में वीरों की भूमि झुंझुनू के हर गांव में आपको रिटायर्ड फौजी मिल जाएंगे, जो पुलिस के आह्वान पर झुंझुनू के गांव-गांव को पूरी तरह से लॉकडाउन करने में जुट गए हैं. उनके साथ ठीक कंधे से कंधा मिलाकर नेशनल कैडेट कोर के प्रशिक्षित सर्टिफाइड जवान भी चौराहों पर आ डटे हैं.
फोर्स की कमी होने का सवाल ही नहीं
गांव के सभी रिटायर्ड और छुट्टी पर आए हुए फौजी दिन में मोर्चा संभाल रहे हैं और रात में भी पहरे के लिए युवाओं का सहयोग कर रहे हैं. कोरोना को हराने के लिए सभी ने कमर कस ली है. उन्होंने अपनी जवानी में देश की सेवा की है और अब इलाके को उनकी जरूरत है, तो भले ही जिंदगी के एक पड़ाव ने उनको सेना से रिटायर कर दिया हो. लेकिन आज भी उनमें वहीं जोश और जज्बा कायम है.
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थानेवार सूची हुई तैयार और उसके बाद लगाए प्वाइंट पर
झुंझुनू में आईजी एस सेंगाथिर पुलिस के अलावा विभिन्न तरह की सेवाओं में पहले से सेवाएं दे चुके लोगों के सहयोग लेने के प्रयास में भी जुटे हुए थे. इसके लिए हर थाना अधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने क्षेत्र में सोशल मीडिया पर यह सूचना प्रसारित करें कि रिटायर हो चुके लोगों के सेवाओं की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए वे उक्त नंबरों पर अपनी संपूर्ण जानकारी और डाटा उपलब्ध करवाएं.
इसके बाद सैनिक बाहुल्य जिला झुंझुनू के पूर्व सैनिकों की बाकायदा थानेवार एक सूची तैयार की गई है, जो लॉकडाउन और विशेषकर गांव में पुलिस का सहयोग करेगी. इसके अलावा नेशनल कैडेट कोर यानी NCC से प्रशिक्षित, स्काउट, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के रिटायर्ड कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों की थाना वार सूची मंगवाई गई है. जिन्हें आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग प्वाइंट पर लगाया गया है.