झुंझुनू. संभवतया यह झुंझुनू का पहला मामला है जब एक बड़ी महिला अधिकारी किसी अन्याय के खिलाफ गत 10 दिन से जिला कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठी हुई हैं. इस बीच सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी झुंझुनू आए. सरकार के अधिकारी भी कई बार उनसे मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इस वजह से रसद विभाग की प्रवर्तन अधिकारी अनामिका लगातार धरने पर बैठ रही हैं.
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अधिकारी की मानें तो मामले ऐसे हैं कि ना तो सरकार से उगलते बन रहा है और ना ही निकलते बन रहा है. इसलिए अभी तक सरकार या जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. सारे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की और उनके ही जुबानी जाना है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि उनको सरकार और अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो अपने खिलाफ चल रही जांच समेत अनेक प्रकरणों का बरसों से निस्तारण नहीं होने से परेशान हैं.
अनामिका ने बताया कि तीन साल पहले तत्कालीन जिला परिषद एसीईओ और कार्यवाहक रसद अधिकारी रामरतन सौकरिया ने डीलरों का डेटा ऑनलाइन समय पर फीड नहीं करने के मामले में उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए आरोप लगाए थे. इस मामले में अनामिका ने प्रमुख शासन सचिव, रसद विभाग के शासन सचिव और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को उनके खिलाफ की गई जांच की रिपोर्ट देने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
उन्होंने बताया कि रावतसर में रहते हुए वहां के तत्कालीन एसडीएम अवि शर्मा ने कई दिनों तक उनके उपस्थिति रजिस्टर में लीव व क्रॉस लगा दिए. वहां के कलेक्टर ने तीन एडीएम को जांच दी, जो अभी तक नहीं हुई. अक्टूबर 2018 में सीएल के मामले में अभिशंसा वाली पत्रवाली का निस्तारण नहीं किया गया. वेतन तक नहीं मिल रहाअनामिका का कहना है कि जांच की रिपोर्ट तो छोड़िए वेतन वृद्धि और बकाया वेतन का भुगतान आज तक नहीं मिला. इनके निस्तारण के लिए रसद विभाग और कार्मिक विभाग समेत प्रमुख शासन सचिव को बहुत पत्र लिखे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री जनसंपर्क पोर्टल, पीएम पोर्टल शिकायत की, लेकिन कहीं से भी न्याय नहीं मिला तो मुझे मजबूर होकर धरने पर बैठना पड़ा.
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अनामिका की मानें तो हाई कोर्ट ने भी उनके फेवरेट फैसला दिया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार के अधिकारी उनके मामले को लंबा से लंबा खींचना चाहते हैं, जिससे वे दबाव में आ जाएं. अनामिका ने कहा है कि जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती है लगातार धरने पर बैठी रहेंगे. रसद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अनामिका ने अभी छुट्टियां ले रखी हैं और छुट्टियां लेने के बाद ही धरने पर बैठी हैं.