झुंझुनू. अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की प्राथमिक, शिक्षा के अधिकार, उसकी स्थिति और बुनियादी आवश्यकता के लिए सूचना केंद्र सभागार में राष्ट्रीय और राज्य बाल आयोग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में इस बात पर मंथन किया गया कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को किस तरह अधिकाधिक बुनियादी शिक्षा मिले, उस पर ध्यान देने की जरूरत है. उसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए.
मदरसा के बच्चे पूरी कुरान को याद कर सकते हैं. वे टेक्नोलॉजी, साइंस टेक्नोलॉजी, मॉडर्न एजुकेशन, मेडिकल टेक्नोलॉजी की तरफ भी जाकर अपने आप को साबित कर सकते हैं. इसके लिए सभी मदरसों को सरकार के साथ रजिस्टर्ड करवाएं. ताकि वहां के बच्चे बुनियादी शिक्षा को भी हासिल कर सकें.
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शिक्षा को जोड़ना होगा रोजगार से
शिक्षा के साथ-साथ किस तरह रोजगार के अवसर पैदा हो, उसी से जोड़ना मुख्य मकसद है. बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है. जिन समस्याओं का सामना बच्चे या शिक्षाविद कर रहे हैं या फिर वह अपने सुझाव किस तरह बुनियादी शिक्षा को पहुंचाया जा सके, उसके लिए लिखकर बाल आयोग को दें. शिक्षा हासिल करो तो 95% के साथ स्टैंडर्ड और उच्च गुणवत्ता के साथ अंक प्राप्त करो. ताकि उच्च शिक्षा के स्कूलों में उनको एडमिशन मिल सके और वे वहां उच्च गुणवत्ता की तालीम हासिल कर सकें.