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दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी की पैदल यात्रा के रंग में रंगी शेखावाटी

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Published : Aug 11, 2019, 9:49 PM IST

शेखावाटी के तीनों जिले सीकर, चूरू और झुंझुनू की सीमा पर बसा हुआ सालासर बालाजी का मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए अटूट श्रद्धा का स्थान है. यहां पर पूर्णिमा का मेला लगने वाला है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सालासर पहुंच रहे हैं.

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झुंझुनू. राजस्थान के शेखावाटी के अलावा हरियाणा क्षेत्र में खास मान्यता वाले सालासर बालाजी मंदिर में पूर्णिमा को मेला होने वाला है. जिसके लिए इन दिनों शेखावाटी में पैदल यात्रा के जत्थे गुजर रहे हैं. सालासर के लिए जाने वाले बालाजी के भक्त डीजे पर नाचते गाते और बालाजी के निशान थामे जयघोष के साथ माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं.

सालासर बालाजी की पैदल यात्रा के रंग में रंगी शेखावाटी

बता दें, बाबा हनुमान के भक्तों में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल हैं, जो पैदल जत्थे के रूप में बाबा बजरंग बली के जयकारे लगाते हुए जा रहे हैं.

दाढ़ी मूंछ वाले प्रतिरूप में है सालासर बालाजी

दुनिया में संभवतया दाढ़ी मूछ के प्रतिरूप में केवल सालासर धाम के हनुमानजी ही विराजित हैं. इनके दर्शनों के लिए प्रतिदिन झुंझुनू जिले से ही लगभग 300 से ज्यादा भक्त जा रहे हैं. बता दें कि भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया है. जहां पर भक्तजन थोड़ी देर आराम करते हैं और उसके बाद आगे बढ़ जाते हैं.

यह भी पढ़ें : अजमेरवासी अब व्हाट्सएप पर कर सकेंगे अपराधों की शिकायत

गांव से भी रवाना हो रहे हैं भक्त
हरियाणा से सालासर बालाजी के रास्ते में ही झुंझुनू आता है. ऐसे में हरियाणा के बड़ी संख्या में भक्त लाल कपड़े धारण कर यहां से निकल रहे हैं. इसके अलावा जिले के भी कई गांवों से श्रद्धालु सालासर धाम की पैदल यात्रा कर रहे हैं.

झुंझुनू. राजस्थान के शेखावाटी के अलावा हरियाणा क्षेत्र में खास मान्यता वाले सालासर बालाजी मंदिर में पूर्णिमा को मेला होने वाला है. जिसके लिए इन दिनों शेखावाटी में पैदल यात्रा के जत्थे गुजर रहे हैं. सालासर के लिए जाने वाले बालाजी के भक्त डीजे पर नाचते गाते और बालाजी के निशान थामे जयघोष के साथ माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं.

सालासर बालाजी की पैदल यात्रा के रंग में रंगी शेखावाटी

बता दें, बाबा हनुमान के भक्तों में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल हैं, जो पैदल जत्थे के रूप में बाबा बजरंग बली के जयकारे लगाते हुए जा रहे हैं.

दाढ़ी मूंछ वाले प्रतिरूप में है सालासर बालाजी

दुनिया में संभवतया दाढ़ी मूछ के प्रतिरूप में केवल सालासर धाम के हनुमानजी ही विराजित हैं. इनके दर्शनों के लिए प्रतिदिन झुंझुनू जिले से ही लगभग 300 से ज्यादा भक्त जा रहे हैं. बता दें कि भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया है. जहां पर भक्तजन थोड़ी देर आराम करते हैं और उसके बाद आगे बढ़ जाते हैं.

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गांव से भी रवाना हो रहे हैं भक्त
हरियाणा से सालासर बालाजी के रास्ते में ही झुंझुनू आता है. ऐसे में हरियाणा के बड़ी संख्या में भक्त लाल कपड़े धारण कर यहां से निकल रहे हैं. इसके अलावा जिले के भी कई गांवों से श्रद्धालु सालासर धाम की पैदल यात्रा कर रहे हैं.

Intro:शेखावाटी के तीनों जिलों सीकर चूरू और झुंझुनू की सीमा पर बसा हुआ सालासर बालाजी का मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए अटूट श्रद्धा का स्थान है। यहां पर पूर्णिमा का मेला लगने वाला है और ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सालासर पहुंच रहे हैं।



Body:झुंझुनू। राजस्थान के शेखावाटी के अलावा हरियाणा क्षेत्र में खास मान्यता वाले सालासर बालाजी के पूर्णिमा को भरने वाले मेले के लिए इन दिनों शेखावाटी में पैदल यात्रा के जत्थे गुजर रहे हैं। सालासर के लिए जाने वाले बालाजी के भक्त डीजे पर नाचते गाते और बालाजी के निशान थामे जयघोष के साथ माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं। बाबा हनुमान के भक्तों में पढ़े लिखे अनपढ़ युवा महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल है जो पैदल जत्थे के रूप में बाबा बजरंग बली की जय कार करते हुए निकल रहे हैं।

दाढ़ी मूछ वाले प्रतिरूप में है सालासर बालाजी
दुनिया में संभवतया दाढ़ी मूछ के प्रति रूप में केवल सालासर धाम के हनुमानजी ही विराजित है। इनके चरणों में शीश नवाने के लिए देखा जाए तो झुंझुनू जिले से ही प्रतिदिन लगभग 300 से निकल रहे हैं। इनके लिए जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया है जहां पर भक्तजन थोड़ी देर आराम करते हैं और उसके बाद नाश्ता पानी कर आगे बढ़ जाते हैं।

गांव से भी रवाना हो रहे हैं भक्त
हरियाणा से सालासर बालाजी के रास्ते में ही झुंझुनू आता है ऐसे में हरियाणा के बड़ी संख्या में भक्त लाल कपड़े धारण कर इधर से निकल रहे हैं। इसके अलावा जिले के भी कई गांवों से श्रद्धालु सालासर धाम की पैदल यात्रा के लिए निशान उठाकर कहीं पर निकल पड़े हैं तो कहीं अगले दिन निकलने की तैयारी में है।


बाइट वन नरेंद्र

बाइट टू विकास दहिया



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