झुंझुनू. देश में सीएए और एनआरसी का विरोध हो रहा है. सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में झुंझुनू में भी दिल्ली के शाहीनबाग के तर्ज पर '56 घंटे का शाहीनबाग' धरना शुरू किया जा रहा है. ये धरना 16 फरवरी से झुंझुनू के कर्बला मैदान में शुरू होगा.
बता दें कि इससे पहले झुंझुनू सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से 9 दिन तक घर-घर जाकर सीएए और एनआरसी के से होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को इसकी जानकारी दी गई है. 12 फरवरी तक जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसमें सीएए और एनआरसी को लेकर पंपलेट बांटे गए. इसके बाद 13 14 और 15 फरवरी को जिले भर से ग्राम विकास अधिकारी और सरपंचों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे. जिसके बाद 16 फरवरी को जिला मुख्यालय पर '56 घंटे का शाहीनबाग' के नाम से सीएए और एनसीआर के विरोध में धरना रखा जाएगा.
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सीएए और एनसीआर को लेकर सर्वकालिक मंच की महिलाओं ने बताया कि, नागरिकता को लेकर भेदभाव करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. यदि एनपीआर या एनआरसी लाया गया तो वे दस्तावेज नहीं देंगे. साथ ही कहा कि, सीएए और एनआरसी से सबसे ज्यादा नुकसान घुमंतु जातियों, जमीन जायदाद से वंचित रहे दलित आदिवासियों, करोड़ों साधुओं और बाढ़ में या अन्य कारणों से विस्थापित अनाथों आदि को होगा.