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झुंझुनूः CAA और NCR के विरोध में '56 घंटे का शाहीनबाग' 16 फरवरी से

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Published : Feb 13, 2020, 9:38 PM IST

झुंझुनू में सीएए और एनआरसी के विरोध में सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से 16 फरवरी से '56 घंटे का शाहीनबाग' नाम से धरणा प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं मंच की ओर से 9 दिन तक घर-घर जाकर सीएए और एनआरसी से होने वाले नुकसान को लेकर जानकारी देने का अभियान 12 फरवरी को खत्म हुआ है.

Demonstration in Jhunjhunu, Demonstration against CAA and NRC, झुंझुनू में सीएए और एनआरसी का विरोध
सीएए और एनआरसी के विरोध में '56 घंटे का शाहीनबाग'

झुंझुनू. देश में सीएए और एनआरसी का विरोध हो रहा है. सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में झुंझुनू में भी दिल्ली के शाहीनबाग के तर्ज पर '56 घंटे का शाहीनबाग' धरना शुरू किया जा रहा है. ये धरना 16 फरवरी से झुंझुनू के कर्बला मैदान में शुरू होगा.

सीएए और एनआरसी के विरोध में '56 घंटे का शाहीनबाग'

बता दें कि इससे पहले झुंझुनू सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से 9 दिन तक घर-घर जाकर सीएए और एनआरसी के से होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को इसकी जानकारी दी गई है. 12 फरवरी तक जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसमें सीएए और एनआरसी को लेकर पंपलेट बांटे गए. इसके बाद 13 14 और 15 फरवरी को जिले भर से ग्राम विकास अधिकारी और सरपंचों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे. जिसके बाद 16 फरवरी को जिला मुख्यालय पर '56 घंटे का शाहीनबाग' के नाम से सीएए और एनसीआर के विरोध में धरना रखा जाएगा.

ये पढ़ेंः झुंझुनू : स्कूली बस और बाइक में जोरदार टक्कर, हादसे में एक युवक की मौत दूसरा गंभीर घायल

सीएए और एनसीआर को लेकर सर्वकालिक मंच की महिलाओं ने बताया कि, नागरिकता को लेकर भेदभाव करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. यदि एनपीआर या एनआरसी लाया गया तो वे दस्तावेज नहीं देंगे. साथ ही कहा कि, सीएए और एनआरसी से सबसे ज्यादा नुकसान घुमंतु जातियों, जमीन जायदाद से वंचित रहे दलित आदिवासियों, करोड़ों साधुओं और बाढ़ में या अन्य कारणों से विस्थापित अनाथों आदि को होगा.

झुंझुनू. देश में सीएए और एनआरसी का विरोध हो रहा है. सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में झुंझुनू में भी दिल्ली के शाहीनबाग के तर्ज पर '56 घंटे का शाहीनबाग' धरना शुरू किया जा रहा है. ये धरना 16 फरवरी से झुंझुनू के कर्बला मैदान में शुरू होगा.

सीएए और एनआरसी के विरोध में '56 घंटे का शाहीनबाग'

बता दें कि इससे पहले झुंझुनू सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच की ओर से 9 दिन तक घर-घर जाकर सीएए और एनआरसी के से होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को इसकी जानकारी दी गई है. 12 फरवरी तक जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसमें सीएए और एनआरसी को लेकर पंपलेट बांटे गए. इसके बाद 13 14 और 15 फरवरी को जिले भर से ग्राम विकास अधिकारी और सरपंचों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे. जिसके बाद 16 फरवरी को जिला मुख्यालय पर '56 घंटे का शाहीनबाग' के नाम से सीएए और एनसीआर के विरोध में धरना रखा जाएगा.

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सीएए और एनसीआर को लेकर सर्वकालिक मंच की महिलाओं ने बताया कि, नागरिकता को लेकर भेदभाव करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. यदि एनपीआर या एनआरसी लाया गया तो वे दस्तावेज नहीं देंगे. साथ ही कहा कि, सीएए और एनआरसी से सबसे ज्यादा नुकसान घुमंतु जातियों, जमीन जायदाद से वंचित रहे दलित आदिवासियों, करोड़ों साधुओं और बाढ़ में या अन्य कारणों से विस्थापित अनाथों आदि को होगा.

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