झुंझुनू. फसल के मामले में हर किसान की अपनी प्राथमिकता होती है. उसे चारे के लिए फसल मिले, ज्यादा से ज्यादा बीज का उत्पादन हो या दोनों ही बराबर स्थिति में मिले. अब उसे बाजार में उपलब्ध बीज से पता ही नहीं चल पाता है, कि किस किस्म से कौन सा उत्पादन मिलेगा. इसके अलावा यह भी पता नहीं रहता, कि शेखावाटी की जलवायु और भूमि की किस्मों में कौन सा बीज सही रहेगा. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर में कई फसलों के अलग-अलग बीजों का लाइव डेमो तैयार किया गया है. इसको फसल म्यूजियम का नाम दिया गया है.
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की देखरेख में चना, जौ, गेहूं, सरसों, प्याज फसलों की क्यारियां तैयार की गईं है. इसमें चने के पांच अलग-अलग किस्म के बीजों से फसल तैयार की गई है. किसान आकर देख सकते हैं, कि किस किस्म के बीज से कितना जल्दी उत्पादन मिल सकता है, किस बीज से फसल जल्दी तैयार हो सकती है, किस बीज से उसे पशुओं के लिए चारा ज्यादा मिलेगा या यदि वह किसान पशु नहीं रखता है तो किस बीज से उसे उत्पादन ज्यादा मिलेगा.
लाइव डेमो में साफ दिख रहा है, कि कुछ किस्म के बीजों की वृद्धि कम हुई है तो कुछ को यहां की जलवायु का पूरा साथ मिला है. उनमें पूरी वृद्धि दिख रही है.
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यह फसल म्यूजियम कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के वैज्ञानिकों की देखरेख में किया गया है. ऐसे में जो भी किसान यहां आएगे उनको लाइव डेमो दिखाने के साथ-साथ यहां के वैज्ञानिक सलाह भी देंगे. उसमें किसान अपनी यदि मृदा परीक्षण की रिपोर्ट लेकर आते हैं तो कृषि वैज्ञानिकों का मानना है, कि उनकी सलाह 100 फीसदी काम करेगी.
मृदा परीक्षण की रिपोर्ट नहीं होने पर परिणाम कुछ अलग भी आ सकते हैं, क्योंकि वैज्ञानिकों ने यहां पर जो क्यारी तैयार की हैं, उनमें भूमि के क्या-क्या तत्व शामिल रहे हैं और संबंधित किसान की भूमि में क्या तत्व उपलब्ध हैं और नहीं होने पर वैज्ञानिक उनको विकल्प के बारे में भी बताएंगे.