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Special: आयोग बनने के बाद उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा उपभोक्ता मंच, जानें क्या हैं अधिकार - ऑनलाइन शॉपिंग करने पर फायदा

प्रदेश में कार्यरत जिला उपभोक्ता मंच को अब आयोग का दर्जा लिया जा चुका है. इससे उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार देश में कहीं भी वाद दायर कर सकता है. इसमें विशेषकर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. पढ़ें पूरी खबर इस स्पेशल रिपोर्ट में...

झुंझुनू समाचार, jhunjhnu news
उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा उपभोक्ता मंच
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Published : Sep 27, 2020, 8:23 PM IST

झुंझुनू. प्रदेश के जिलों में कार्यरत जिला उपभोक्ता मंच को आयोग का दर्जा दिया जा चुका है. अब इसके बाद उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए और सेवा दोषों के खिलाफ बड़ा प्रोटेक्शन मिल गया है. बड़ी बात यह भी है कि समय के साथ उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जो बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी. वह भी कहीं ना कहीं काफी हद तक पूरी होती नजर आ रही है. देश में कहीं भी उपभोक्ता सुविधा अनुसार कभी भी वाद दायर कर सकेंगे.

उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा उपभोक्ता मंच

इससे पहले उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा में सबसे बड़ी समस्या क्षेत्राधिकार को लेकर थी. इसमें कंपनियों की ओर से जो क्षेत्राधिकार तय किया गया था. वहीं, पर जाकर उपभोक्ताओं को वाद दायर करना पड़ता था. लेकिन अब उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार देश में कहीं भी वाद दायर कर सकता है. इसमें विशेषकर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. ऑनलाइन शॉपिंग के मामले सुनने का अधिकार भी जिला उपभोक्ता आयोग को मिला है.

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आयोग बना उपभोक्ता मंच

बता दें कि ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में सेवा दोष पाए जाने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में प्रस्तुत कर सुनवाई का अवसर दिया गया है. पहले इंश्योरेंस कंपनियां बीमा कवर नोट मेल लिखित स्थान के क्षेत्राधिकार के मामले में उपभोक्ता को लाभ नहीं देती थी. उन सभी मामलों में पूरी तरह उपभोक्ता को मिलेगी.

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ग्राहकों को मिलेगा फायदा

पहले मात्र 20 लाख रुपए तक के क्लेम पर होती थी अधिकार

इससे पहले जिला मंच को केवल 20 लाख रुपए तक के क्लेम सुनने का ही अधिकार था. लेकिन वह पुराने समय में बनाया हुआ कानून था. सामान्य तौर पर गाड़ियों आदि की खरीदारी और क्लेम का मामला 20 लाख से ऊपर ही बन जाता है और ऐसे में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी होती थी. अब एक करोड़ रुपए तक के परिवाद जिला स्तर पर ही सुनने के साथ ही ऑनलाइन खरीदारी में होने वाली गड़बड़ी से संबंधित परिवाद सुविधानुसार कहीं भी पेश किए जा सकेंगे. उपभोक्ता की सुविधा के अनुरूप ही परिवाद दायर करने का अधिकार उपभोक्ता को होने से उपभोक्ता अधिनियम को मजबूती मिलेगी.

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उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर हुए बदलाव

अब मंच की बजाय आयोग में दर्ज होंगे परिवाद

इसके साथ ही अधिवक्ता और पीड़ित उपभोक्ता अपने परिवाद अब जिला मंच की बजाय जिला उपभोक्ता आयोग के नाम से संबोधित करते हुए पेश करेंगे. आयोग की ओर से बताया गया है कि नए बदलाव से रिव्यू और जनहित याचिका सुनने का अधिकार उपभोक्ता आयोग को मिलने से उपभोक्ताओं को सस्ता न्याय मिलने का रास्ता खुला है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू होने से उपभोक्ता के हाथों में कानूनी ताकत आई है, जिससे उपभोक्ता को समय पर सस्ता और सुलभ न्याय मिलेगा. इसमें खाद्य सामग्री में मिलावट कर मानव जीवन को क्षति पहुंचाने के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

पढ़ें- Special: भरतपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी...शहरवासियों को मिल सकेंगी कई सुविधाएं

विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटीज भी दायरे में अब विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटीज भी उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के दायरे में लाने का काम किया गया है. किसी कंपनी के उत्पाद के मामले में सेवा दोष पाए जाने पर उसका प्रचार करने वाले सेलिब्रिटीज पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान होने से उपभोक्ताओं को कानूनी रूप से मजबूती मिलेगी. ऑनलाइन वाहनों का इंश्योरेंस वाहन खरीदते समय कंपनियों द्वारा इंश्योरेंस ऑनलाइन किया जाता था. इसमें कार्यालय जिले और राज्य से बाहर का होने से उपभोक्ताओं को दुर्घटनाओं के समय क्षेत्राधिकार के मामले में विपक्षी का कार्यालय नहीं होने से लाभ नहीं मिलता था. अब उपभोक्ता तय कर सकेगा कि वह परिवाद किस जिला उपभोक्ता आयोग में चलाना चाहता है.

आयोग कर सकेगा रिव्यू

एक बार फैसला देने के बाद जिला उपभोक्ता मंच अपने फैसले को रिव्यू नहीं कर सकते थे, केवल अपील का आधार था. लेकिन अब कानूनी बिंदुओं की रोशनी में न्याय हित में जिला उपभोक्ता आयोग रिव्यू कर सकेगा. जनहित याचिका भी उपभोक्ता आयोग में लग सकेगी.

झुंझुनू. प्रदेश के जिलों में कार्यरत जिला उपभोक्ता मंच को आयोग का दर्जा दिया जा चुका है. अब इसके बाद उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए और सेवा दोषों के खिलाफ बड़ा प्रोटेक्शन मिल गया है. बड़ी बात यह भी है कि समय के साथ उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जो बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी. वह भी कहीं ना कहीं काफी हद तक पूरी होती नजर आ रही है. देश में कहीं भी उपभोक्ता सुविधा अनुसार कभी भी वाद दायर कर सकेंगे.

उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा उपभोक्ता मंच

इससे पहले उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा में सबसे बड़ी समस्या क्षेत्राधिकार को लेकर थी. इसमें कंपनियों की ओर से जो क्षेत्राधिकार तय किया गया था. वहीं, पर जाकर उपभोक्ताओं को वाद दायर करना पड़ता था. लेकिन अब उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार देश में कहीं भी वाद दायर कर सकता है. इसमें विशेषकर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. ऑनलाइन शॉपिंग के मामले सुनने का अधिकार भी जिला उपभोक्ता आयोग को मिला है.

झुंझुनू समाचार, jhunjhnu news
आयोग बना उपभोक्ता मंच

बता दें कि ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में सेवा दोष पाए जाने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में प्रस्तुत कर सुनवाई का अवसर दिया गया है. पहले इंश्योरेंस कंपनियां बीमा कवर नोट मेल लिखित स्थान के क्षेत्राधिकार के मामले में उपभोक्ता को लाभ नहीं देती थी. उन सभी मामलों में पूरी तरह उपभोक्ता को मिलेगी.

झुंझुनू समाचार, jhunjhnu news
ग्राहकों को मिलेगा फायदा

पहले मात्र 20 लाख रुपए तक के क्लेम पर होती थी अधिकार

इससे पहले जिला मंच को केवल 20 लाख रुपए तक के क्लेम सुनने का ही अधिकार था. लेकिन वह पुराने समय में बनाया हुआ कानून था. सामान्य तौर पर गाड़ियों आदि की खरीदारी और क्लेम का मामला 20 लाख से ऊपर ही बन जाता है और ऐसे में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी होती थी. अब एक करोड़ रुपए तक के परिवाद जिला स्तर पर ही सुनने के साथ ही ऑनलाइन खरीदारी में होने वाली गड़बड़ी से संबंधित परिवाद सुविधानुसार कहीं भी पेश किए जा सकेंगे. उपभोक्ता की सुविधा के अनुरूप ही परिवाद दायर करने का अधिकार उपभोक्ता को होने से उपभोक्ता अधिनियम को मजबूती मिलेगी.

झुंझुनू समाचार, jhunjhnu news
उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर हुए बदलाव

अब मंच की बजाय आयोग में दर्ज होंगे परिवाद

इसके साथ ही अधिवक्ता और पीड़ित उपभोक्ता अपने परिवाद अब जिला मंच की बजाय जिला उपभोक्ता आयोग के नाम से संबोधित करते हुए पेश करेंगे. आयोग की ओर से बताया गया है कि नए बदलाव से रिव्यू और जनहित याचिका सुनने का अधिकार उपभोक्ता आयोग को मिलने से उपभोक्ताओं को सस्ता न्याय मिलने का रास्ता खुला है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू होने से उपभोक्ता के हाथों में कानूनी ताकत आई है, जिससे उपभोक्ता को समय पर सस्ता और सुलभ न्याय मिलेगा. इसमें खाद्य सामग्री में मिलावट कर मानव जीवन को क्षति पहुंचाने के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

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विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटीज भी दायरे में अब विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटीज भी उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के दायरे में लाने का काम किया गया है. किसी कंपनी के उत्पाद के मामले में सेवा दोष पाए जाने पर उसका प्रचार करने वाले सेलिब्रिटीज पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान होने से उपभोक्ताओं को कानूनी रूप से मजबूती मिलेगी. ऑनलाइन वाहनों का इंश्योरेंस वाहन खरीदते समय कंपनियों द्वारा इंश्योरेंस ऑनलाइन किया जाता था. इसमें कार्यालय जिले और राज्य से बाहर का होने से उपभोक्ताओं को दुर्घटनाओं के समय क्षेत्राधिकार के मामले में विपक्षी का कार्यालय नहीं होने से लाभ नहीं मिलता था. अब उपभोक्ता तय कर सकेगा कि वह परिवाद किस जिला उपभोक्ता आयोग में चलाना चाहता है.

आयोग कर सकेगा रिव्यू

एक बार फैसला देने के बाद जिला उपभोक्ता मंच अपने फैसले को रिव्यू नहीं कर सकते थे, केवल अपील का आधार था. लेकिन अब कानूनी बिंदुओं की रोशनी में न्याय हित में जिला उपभोक्ता आयोग रिव्यू कर सकेगा. जनहित याचिका भी उपभोक्ता आयोग में लग सकेगी.

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